ETV Bharat / state

आज है पर्यावरण दिवस: मिलिए पलामू के ट्री मैन कौशल किशोर जायसवाल से, अब तक 40 लाख पौधे लगा चुके हैं

5 जून को पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. इस मौके पर इस दौर में पेड़ लगाने की बात कही जा रही है. कौशल किशोर जायसवाल पर्यावरण को बचाने के लिए काम करते हैं. उन्होने भी कहा कि सभी को पेड़ लगाने और बचाने की जरूरत है.

author img

By

Published : Jun 5, 2021, 4:00 PM IST

PALAMU
कौशल किशोर जायसवाल

पलामू: 05 जून को विश्व पर्यावरण दिवस है. हर स्तर पर पर्यावरण को बचाने के लिए आवाज उठाई जा रही है और चर्चाएं हो रही है. पलामू के कौशल किशोर जायसवाल पर्यावरण को बचाने के लिए 1977 से संघर्ष कर रहे है. कौशल किशोर जायसवाल वन राखी मूवमेंट के प्रणेता है. कौशल किशोर जायसवाल ने पेड़ों को बचाने के लिए राखी बांधने का अभियान शुरू किया है, ताकि उन्हें बचाया जा सके.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़े- विश्व पर्यावरण दिवस: रांची में 70 सालों में 52 से घटकर 20 प्रतिशत रह गया वन परिक्षेत्र

एक आजादी जीते है, दूसरी आजादी बचानी है, हर व्यक्ति को पेड़ लगाना होगा

कौशल किशोर जायसाल अब तक 40 लाख से अधिक पौधे लगा चुके हैं. उन्होंने ईटीवी भारत को बताया कि पहली आजादी हम जी रहे हैं, दूसरी आजादी बचानी है. दूसरी आजादी का मतलब है पर्यावरण. मानवीय भूल के कारण पर्यावरण को नुकसान हो रहा है.

धरती पर 1,372 प्रजातियों पर खतरा है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 काल में ऑक्सीजन की कमी सबने देखी है. आदमी को संकट की घड़ी में प्लांट से ऑक्सीजन मिल सकती है. लेकिन पशु पक्षी और दूसरे जीवों को कंहा से मिलेगा. पर्यावरण को बचाने और खुद को जिंदा रखने के लिए पेड़ लगाने जरूरी है.

पर्यावरण को धर्म मान कर बचाने की जरूरत, जंगल है तो हम है

कौशल किशोर जायसवाल पौधों को लगाने के बाद पर्यावरण धर्म का पालन करवाने के लिए शपथ दिलवाते हैं. लोगों को शपथ दिलवाई जाती है ताकि वे उसकी रक्षा करें. कौशल किशोर जायसवाल बताते है कि पर्यावरण को भी लोग धर्म मानें. समझने की जरूरत है कि जंगल है तभी हम है, जंगल नहीं रहेगा तो हम भी नहीं रहेंगे.

कई बार सम्मानित

कौशल किशोर जायसवाल बताते है कि पर्यावरण को बचाने के लिए के सरकार या तंत्र के भरोसे बैठा नहीं जा सकता. लोगों को जागरूक रहने की जरूरत है. आजादी के वक्त 33 प्रतिशत जंगल थी जो घट कर अब 19 प्रतिशत तक हो गई है. कौशक किशोर जायसवाल को देश विदेश में पर्यावरण को बचाने के लिए कई जगह सम्मानित किया गया है.

पलामू: 05 जून को विश्व पर्यावरण दिवस है. हर स्तर पर पर्यावरण को बचाने के लिए आवाज उठाई जा रही है और चर्चाएं हो रही है. पलामू के कौशल किशोर जायसवाल पर्यावरण को बचाने के लिए 1977 से संघर्ष कर रहे है. कौशल किशोर जायसवाल वन राखी मूवमेंट के प्रणेता है. कौशल किशोर जायसवाल ने पेड़ों को बचाने के लिए राखी बांधने का अभियान शुरू किया है, ताकि उन्हें बचाया जा सके.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़े- विश्व पर्यावरण दिवस: रांची में 70 सालों में 52 से घटकर 20 प्रतिशत रह गया वन परिक्षेत्र

एक आजादी जीते है, दूसरी आजादी बचानी है, हर व्यक्ति को पेड़ लगाना होगा

कौशल किशोर जायसाल अब तक 40 लाख से अधिक पौधे लगा चुके हैं. उन्होंने ईटीवी भारत को बताया कि पहली आजादी हम जी रहे हैं, दूसरी आजादी बचानी है. दूसरी आजादी का मतलब है पर्यावरण. मानवीय भूल के कारण पर्यावरण को नुकसान हो रहा है.

धरती पर 1,372 प्रजातियों पर खतरा है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 काल में ऑक्सीजन की कमी सबने देखी है. आदमी को संकट की घड़ी में प्लांट से ऑक्सीजन मिल सकती है. लेकिन पशु पक्षी और दूसरे जीवों को कंहा से मिलेगा. पर्यावरण को बचाने और खुद को जिंदा रखने के लिए पेड़ लगाने जरूरी है.

पर्यावरण को धर्म मान कर बचाने की जरूरत, जंगल है तो हम है

कौशल किशोर जायसवाल पौधों को लगाने के बाद पर्यावरण धर्म का पालन करवाने के लिए शपथ दिलवाते हैं. लोगों को शपथ दिलवाई जाती है ताकि वे उसकी रक्षा करें. कौशल किशोर जायसवाल बताते है कि पर्यावरण को भी लोग धर्म मानें. समझने की जरूरत है कि जंगल है तभी हम है, जंगल नहीं रहेगा तो हम भी नहीं रहेंगे.

कई बार सम्मानित

कौशल किशोर जायसवाल बताते है कि पर्यावरण को बचाने के लिए के सरकार या तंत्र के भरोसे बैठा नहीं जा सकता. लोगों को जागरूक रहने की जरूरत है. आजादी के वक्त 33 प्रतिशत जंगल थी जो घट कर अब 19 प्रतिशत तक हो गई है. कौशक किशोर जायसवाल को देश विदेश में पर्यावरण को बचाने के लिए कई जगह सम्मानित किया गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.