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रंगदारी के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर पलामू पुलिस, दो वर्षों में 120 से अधिक अपराधी हुए गिरफ्तार - रंगदारी के खिलाफ पलामू पुलिस की कारवाई

पलामू में रंगदारी के बढ़ते मामलों पर लगाम कसने के उद्देश्य से जिला पुलिस ने जीरो टॉलरेंस (Palamu Police On Zero Tolerance Policy) की नीति अपनाई थी. इस निती के तहत आपराधिक गिरोहों के रंगदारों के खिलाफ मिलने वाली शिकायतों को पुलिस ने गंभीरता से लिया और कड़ी कारवाई की. इस वजह से पिछले दो वर्षों में रंगदारी करने वाले 120 से अधिक अपराधी (More Than 120 Criminals Arrested In Palamu) गिरफ्तार हुए.

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Palamu police on zero tolerance policy
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Published : Mar 24, 2022, 9:42 PM IST

पलामू: कभी पलामू में आपराधिक गिरोहों के रंगदारी से लोग खौफ में रहते थे. लेकिन अब पलामू आपराधिक गिरोह बेहद कमजोर हो गए हैं. पलामू पुलिस ने आपराधिक गिरोहों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस (Palamu Police On Zero Tolerance Policy) की नीति अपनाई थी. नतीजन दो वर्षो में 120 से अधिक अपराधी (More Than 120 Criminals Arrested In Palamu) गिरफ्तार हुए है. जबकी 60 से अधिक हथियार (More Than 60 Weapons Recovered In Palamu) भी बरामद हुआ है. जिला पुलिस की आपराधिक गिरोहों के खिलाफ कार्रवाई जारी है.

इसे भी पढ़े: निहत्थे दरोगा और सिपाही आधुनिक हथियार से लैस अपराधी से भिड़े, अपराधी गिरफ्तार



पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि पलामू में सुरक्षित माहौल है, पुलिस रंगदारी के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है. उन्होंने आम लोगो से अपील किया कि अगर कोई भी रंगदारी की मांग करता है, तो लोग उसकी जानकारी उपलब्ध करवाए. पुलिस सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी.

देखें पूरी खबर

2004-05 से पलामू में शुरू हुई थी रंगदारी, कई गिरोह हुए बेहद कमजोर: पलामू में 2004-2005 से रंगदारी की वारदात शुरू हुई थी. रंगदारी के लिए आपराधिक गिरोहों के बीच कई बार गैंगवार हुई. इस गैंगवार में तीन दर्जन से अधिक लोगों की जान चुकी है. कभी पलामू में कुख्यात डॉन रहे नन्हकू पांडेय और कुणाल सिंह के भी गैंगवार में ही हत्या हुई थी. पलामू के इलाके में कभी डब्लू सिंह, सुजीत सिन्हा, विकास दुबे और कुणाल सिंह का गिरोह सक्रिय था.

अब ये सभी गिरोह पूरी तरह से कमजोर हो गए हैं. चारों गिरोह के 50 से भी अधिक सूटर राज्य के विभिन्न जेलों में बंद हैं. डब्लू सिंह, कुणाल सिंह और सुजीत सिन्हा का गिरोह पलामू के अलावा हजारीबाग, रामगढ़, जमशेदपुर, रांची, लातेहार के इलाके में भी सक्रिय रहा है.

पलामू: कभी पलामू में आपराधिक गिरोहों के रंगदारी से लोग खौफ में रहते थे. लेकिन अब पलामू आपराधिक गिरोह बेहद कमजोर हो गए हैं. पलामू पुलिस ने आपराधिक गिरोहों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस (Palamu Police On Zero Tolerance Policy) की नीति अपनाई थी. नतीजन दो वर्षो में 120 से अधिक अपराधी (More Than 120 Criminals Arrested In Palamu) गिरफ्तार हुए है. जबकी 60 से अधिक हथियार (More Than 60 Weapons Recovered In Palamu) भी बरामद हुआ है. जिला पुलिस की आपराधिक गिरोहों के खिलाफ कार्रवाई जारी है.

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पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि पलामू में सुरक्षित माहौल है, पुलिस रंगदारी के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है. उन्होंने आम लोगो से अपील किया कि अगर कोई भी रंगदारी की मांग करता है, तो लोग उसकी जानकारी उपलब्ध करवाए. पुलिस सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी.

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2004-05 से पलामू में शुरू हुई थी रंगदारी, कई गिरोह हुए बेहद कमजोर: पलामू में 2004-2005 से रंगदारी की वारदात शुरू हुई थी. रंगदारी के लिए आपराधिक गिरोहों के बीच कई बार गैंगवार हुई. इस गैंगवार में तीन दर्जन से अधिक लोगों की जान चुकी है. कभी पलामू में कुख्यात डॉन रहे नन्हकू पांडेय और कुणाल सिंह के भी गैंगवार में ही हत्या हुई थी. पलामू के इलाके में कभी डब्लू सिंह, सुजीत सिन्हा, विकास दुबे और कुणाल सिंह का गिरोह सक्रिय था.

अब ये सभी गिरोह पूरी तरह से कमजोर हो गए हैं. चारों गिरोह के 50 से भी अधिक सूटर राज्य के विभिन्न जेलों में बंद हैं. डब्लू सिंह, कुणाल सिंह और सुजीत सिन्हा का गिरोह पलामू के अलावा हजारीबाग, रामगढ़, जमशेदपुर, रांची, लातेहार के इलाके में भी सक्रिय रहा है.

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