ETV Bharat / state

Palamu News: गबन करने वाले 13 इंजीनियर को तलाश रही पुलिस, रिटायरमेंट के बाद गिरफ्तारी के डर से फरार हुए अभियंता

पलामू पुलिस सड़क और पुल बनाने में रुपयों का गबन करने वाले 13 इंजीनियर को तलाश रही है. आलम ये है कि रिटायरमेंट के बाद गिरफ्तारी के डर से सभी इंजीनियर फरार हो गए हैं. उनकी तलाश और गिरफ्तारी के लिए पलामू पुलिस बिहार में कैंप कर रही है.

Palamu Police looking for 13 absconding engineers who embezzled
Palamu
author img

By

Published : Mar 15, 2023, 9:04 PM IST

पलामू: रिटायरमेंट सामान्य जीवन जीने के बजाय 13 इंजीनियर पुलिस के डर से भागे भागे फिर रहे हैं. गिरफ्तारी के डर से इंजीनियरों ने अपने घर बार को भी छोड़ दिया है. इंजीनियर बिहार के गया, पटना, औरंगाबाद, रोहतास और झारखंड के रांची के रहने वाले हैं. इंजीनियरों के खिलाफ पलामू में एफआईआर दर्ज हुई थी. पलामू पुलिस इन इंजीनियरों के घर पर इश्तिहार चिपका चुकी है और अगले कुछ दिनों में इनके घर की कुर्की की जाएगी.

ये भी पढ़ें: Baulia Well Demand: क्या है बौलिया कुआं? जिसे जंगल में बनाने की हो रही मांग

दरअसल 2004 से 2013 के बीच पलामू के ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल विभाग में रोड और पुल निर्माण के नाम पर सरकारी राशि का गबन और दुरुपयोग हुआ था. जिसके बाद ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता ने 2013 में पलामू प्रमंडल मुख्यालय मेदिनीनगर के टाउन थाना में 16 इंजीनियरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया था. करीब एक दशक बाद टाउन थाना के फायर नंबर 13 /14 के मामले में पुलिस ने कार्रवाई शुरू की है.

जिन 16 इंजीनियरों पर एफआईआर दर्ज की गयी थी उनमें से तीन की मौत हो चुकी है. जबकि 13 इंजीनियर रिटायरमेंट के बाद से फरार हैं. पुलिस के डर से बिहार के पटना के रहने वाले इंजीनियर रविंद्र प्रसाद सिंह, गणेश कुमार, गया में रहने वाले सीनेश्वर प्रसाद, गणेश कुमार, अरुण कुमार अजय कुमार सिन्हा दिनेश्वर तिवारी, प्रकाश विश्वकर्मा फरार हैं. बाकी की इंजीनियर रांची, रोहतास, जहानाबाद, औरंगाबाद के रहने वाले हैं.

पलामू पुलिस बिहार के इलाके में कर रही कैंप: पलामू पुलिस फरार इंजीनियरों के गिरफ्तारी के लिए बिहार के इलाके में कैंप कर रही है. दो सब इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी इंजीनियरों के घर जाकर इश्तेहार को चिपकाया है. कुर्की के लिए भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. दरअसल 2013 के बाद पुलिस ने अनुसंधान के क्रम में आरोपी इंजीनियरों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई है.

पलामू पुलिस को एक लंबे अरसे के बाद विभागीय स्तर पर इंजीनियरों खिलाफ कार्रवाई के लिए अभियोजन की स्वीकृति मिली है. पुलिस ने मामले में सख्त रवैया अपनाते हुए सभी इंजीनियरों के नाम और पते को सत्यापित किया है. एफआईआर दर्ज होने के बाद कई इंजीनियरों के विभाग बदल गए थे, जिस कारण अभियोजन की स्वीकृति नहीं मिल पा रही थी. वरीय अधिकारियों के मंत्री के बाद सभी इंजीनियर खिलाफ कार्रवाई के लिए अभियोजन की स्वीकृति मिली है.

पलामू: रिटायरमेंट सामान्य जीवन जीने के बजाय 13 इंजीनियर पुलिस के डर से भागे भागे फिर रहे हैं. गिरफ्तारी के डर से इंजीनियरों ने अपने घर बार को भी छोड़ दिया है. इंजीनियर बिहार के गया, पटना, औरंगाबाद, रोहतास और झारखंड के रांची के रहने वाले हैं. इंजीनियरों के खिलाफ पलामू में एफआईआर दर्ज हुई थी. पलामू पुलिस इन इंजीनियरों के घर पर इश्तिहार चिपका चुकी है और अगले कुछ दिनों में इनके घर की कुर्की की जाएगी.

ये भी पढ़ें: Baulia Well Demand: क्या है बौलिया कुआं? जिसे जंगल में बनाने की हो रही मांग

दरअसल 2004 से 2013 के बीच पलामू के ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल विभाग में रोड और पुल निर्माण के नाम पर सरकारी राशि का गबन और दुरुपयोग हुआ था. जिसके बाद ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता ने 2013 में पलामू प्रमंडल मुख्यालय मेदिनीनगर के टाउन थाना में 16 इंजीनियरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया था. करीब एक दशक बाद टाउन थाना के फायर नंबर 13 /14 के मामले में पुलिस ने कार्रवाई शुरू की है.

जिन 16 इंजीनियरों पर एफआईआर दर्ज की गयी थी उनमें से तीन की मौत हो चुकी है. जबकि 13 इंजीनियर रिटायरमेंट के बाद से फरार हैं. पुलिस के डर से बिहार के पटना के रहने वाले इंजीनियर रविंद्र प्रसाद सिंह, गणेश कुमार, गया में रहने वाले सीनेश्वर प्रसाद, गणेश कुमार, अरुण कुमार अजय कुमार सिन्हा दिनेश्वर तिवारी, प्रकाश विश्वकर्मा फरार हैं. बाकी की इंजीनियर रांची, रोहतास, जहानाबाद, औरंगाबाद के रहने वाले हैं.

पलामू पुलिस बिहार के इलाके में कर रही कैंप: पलामू पुलिस फरार इंजीनियरों के गिरफ्तारी के लिए बिहार के इलाके में कैंप कर रही है. दो सब इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी इंजीनियरों के घर जाकर इश्तेहार को चिपकाया है. कुर्की के लिए भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. दरअसल 2013 के बाद पुलिस ने अनुसंधान के क्रम में आरोपी इंजीनियरों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई है.

पलामू पुलिस को एक लंबे अरसे के बाद विभागीय स्तर पर इंजीनियरों खिलाफ कार्रवाई के लिए अभियोजन की स्वीकृति मिली है. पुलिस ने मामले में सख्त रवैया अपनाते हुए सभी इंजीनियरों के नाम और पते को सत्यापित किया है. एफआईआर दर्ज होने के बाद कई इंजीनियरों के विभाग बदल गए थे, जिस कारण अभियोजन की स्वीकृति नहीं मिल पा रही थी. वरीय अधिकारियों के मंत्री के बाद सभी इंजीनियर खिलाफ कार्रवाई के लिए अभियोजन की स्वीकृति मिली है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.