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कोडरमा के ध्वजाधारी धाम में 777 सीढ़ी चढ़कर भक्त करते हैं भोलेनाथ का जलाभिषेक, भगवान ब्रह्मा के पुत्र कर्द्रम ऋषि ने यहां की थी तपस्या - DHWAJDHARI DHAM IN KODERMA

कोडरमा में शिवरात्रि महोत्सव को लेकर तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है. लोग दूर दूर से मेले का आनंद उठाने के लिए यहां पहुंचते हैं.

SHIVRATRI FESTIVAL
कोडरमा में शिवरात्रि महोत्सव की तैयारियां पूरी (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 25, 2025, 4:42 PM IST

Updated : Feb 25, 2025, 5:10 PM IST

कोडरमा: जिले के ध्वजाधारी आश्रम में शिवरात्रि महोत्सव को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. 26 और 27 फरवरी को यहां दो दिवसीय शिवरात्रि मेले का आयोजन किया जाएगा, जिसमें लाखों शिवभक्तों का जमावड़ा लगेगा.

कोडरमा में शिवरात्रि महोत्सव की तैयारियां पूरी (Etv Bharat)

ध्वजाधारी आश्रम में बुधवार से शुरू होने वाले शिवरात्रि महोत्सव को लेकर जोर-शोर से तैयारी चल रही है. 26 फरवरी को सुबह 10 बजे महोत्सव का उद्धघाटन महामंडलेश्वर सुखदेव दास जी महाराज के द्वारा किया जाएगा. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी, विधायक डा. नीरा यादव समेत अन्य जनप्रतिनिधि व अधिकारी मौजूद रहेंगे. महामंडलेश्वर सुखदेव दास जी महाराज ने बताया कि शिवरात्रि के मौके पर यहां दो दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता है. जिसमें लाखों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं, जिसे लेकर विशेष तैयारी की जा रही है.

SHIVRATRI FESTIVAL
कोडरमा में ध्वजाधारी-धाम की 777 सीढ़ियों का दृश्य (Etv Bharat)

पुजा-अर्चना के अलावा लोग मेले का आनंद उठाने के लिए यहां पहुंचते हैं. मेले को लेकर सैकड़ों अस्थाई दुकानें लगाई जा रही हैं. दो दिनों तक यहां शिवभक्तों का जमावड़ा लगेगा. भीड़ को नियंत्रित करने के साथ दंडाधिकारियों की मौजूदगी में पुलिस बलों की तैनाती की जाएगी, जबकि आश्रम के वॉलिंटियर मेला परिसर से लेकर पहाड़ की चोटी तक भक्तों के सहयोग के लिए तैनात रहेंगे. आयोजन समिति के अध्यक्ष मनोज कुमार झुननू ने बताया कि पूरे क्षेत्र को प्लास्टिक मुक्त बनाए रखने की कवायद की जा रही है.

शिवरात्रि में यहां पहुंचने वाले श्रद्धालु भगवान शिव को जलाभिषेक के साथ ध्वज और त्रिशूल चढ़ाते हैं, ब्रह्मा के पुत्र कद्रम ऋषि ने इसी ध्वजाधारी पहाड़ की चोटी पर तप किया था जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें वरदान स्वरूप ध्वज और त्रिशूल भेंट की थी. जिसके बाद से ही यहां ध्वज और त्रिशूल चढ़ाने की परंपरा है. यहां आने वाले भक्त 777 सीढ़ियां चढ़ते हैं और पहाड़ पर बसे भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं.

ऐसी मान्यता है कि ध्वजाधारी धाम में जो लोग अपनी मन्नत लेकर आते हैं, उनकी मनोकामना जरूर पूरी होती है. भक्त 777 सीढ़ियां चढ़कर पहाड़ की चोटी पर पहुंचते हैं और जलाभिषेक करते हैं जो इस बात का अहसास कराते हैं कि भगवान शिव ही श्रेष्ठ हैं.

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कोडरमा: जिले के ध्वजाधारी आश्रम में शिवरात्रि महोत्सव को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. 26 और 27 फरवरी को यहां दो दिवसीय शिवरात्रि मेले का आयोजन किया जाएगा, जिसमें लाखों शिवभक्तों का जमावड़ा लगेगा.

कोडरमा में शिवरात्रि महोत्सव की तैयारियां पूरी (Etv Bharat)

ध्वजाधारी आश्रम में बुधवार से शुरू होने वाले शिवरात्रि महोत्सव को लेकर जोर-शोर से तैयारी चल रही है. 26 फरवरी को सुबह 10 बजे महोत्सव का उद्धघाटन महामंडलेश्वर सुखदेव दास जी महाराज के द्वारा किया जाएगा. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी, विधायक डा. नीरा यादव समेत अन्य जनप्रतिनिधि व अधिकारी मौजूद रहेंगे. महामंडलेश्वर सुखदेव दास जी महाराज ने बताया कि शिवरात्रि के मौके पर यहां दो दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता है. जिसमें लाखों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं, जिसे लेकर विशेष तैयारी की जा रही है.

SHIVRATRI FESTIVAL
कोडरमा में ध्वजाधारी-धाम की 777 सीढ़ियों का दृश्य (Etv Bharat)

पुजा-अर्चना के अलावा लोग मेले का आनंद उठाने के लिए यहां पहुंचते हैं. मेले को लेकर सैकड़ों अस्थाई दुकानें लगाई जा रही हैं. दो दिनों तक यहां शिवभक्तों का जमावड़ा लगेगा. भीड़ को नियंत्रित करने के साथ दंडाधिकारियों की मौजूदगी में पुलिस बलों की तैनाती की जाएगी, जबकि आश्रम के वॉलिंटियर मेला परिसर से लेकर पहाड़ की चोटी तक भक्तों के सहयोग के लिए तैनात रहेंगे. आयोजन समिति के अध्यक्ष मनोज कुमार झुननू ने बताया कि पूरे क्षेत्र को प्लास्टिक मुक्त बनाए रखने की कवायद की जा रही है.

शिवरात्रि में यहां पहुंचने वाले श्रद्धालु भगवान शिव को जलाभिषेक के साथ ध्वज और त्रिशूल चढ़ाते हैं, ब्रह्मा के पुत्र कद्रम ऋषि ने इसी ध्वजाधारी पहाड़ की चोटी पर तप किया था जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें वरदान स्वरूप ध्वज और त्रिशूल भेंट की थी. जिसके बाद से ही यहां ध्वज और त्रिशूल चढ़ाने की परंपरा है. यहां आने वाले भक्त 777 सीढ़ियां चढ़ते हैं और पहाड़ पर बसे भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं.

ऐसी मान्यता है कि ध्वजाधारी धाम में जो लोग अपनी मन्नत लेकर आते हैं, उनकी मनोकामना जरूर पूरी होती है. भक्त 777 सीढ़ियां चढ़कर पहाड़ की चोटी पर पहुंचते हैं और जलाभिषेक करते हैं जो इस बात का अहसास कराते हैं कि भगवान शिव ही श्रेष्ठ हैं.

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Last Updated : Feb 25, 2025, 5:10 PM IST
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