ETV Bharat / state

पलामू पुलिस का बहादुर जवान जिसने मार गिराए कई टॉप नक्सली कमांडर, तीसरे गैलेंट्री अवार्ड के लिए अनुशंसा

palamu police के जवान रंजीत कुमार को तीसरी बार पीएमजी मेडल के लिए अनुशंसित किया गया है. लगभग 10 साल के अपने कार्यकाल में उन्होंने कई नक्सल अभियान में अहम भूमिका निभाई है.

Palamu Police jawan Ranjit recommended for Gallantry Award
Palamu Police jawan Ranjit recommended for Gallantry Award
author img

By

Published : Aug 15, 2022, 4:20 PM IST

Updated : Aug 15, 2022, 5:07 PM IST

पलामूः स्वतंत्रता दिवस के मौके पर रविवार को पूरे देश भर में बहादुर जवानों के लिए विभिन्न पदकों की घोषणा की गई. इन पदकों की सूची में झारखंड में तैनात वीर पुलिस अधिकारी और जवानों के नाम शामिल थे. देश के नक्सल प्रभावित जिलों में से पलामू में नक्सल अभियान के लिए तत्कालीन अभियान एसपी समेत चार अधिकारियों को पीएमजी मेडल की घोषणा की गई. पीएमजी मेडल की सूची में एक नाम शामिल है. यह नाम है जवान रंजीत कुमार का. नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई(fight against naxalites) के लिए रंजीत कुमार को दूसरी बार पीएमजी मेडल(pmg medal) से नवाजा गया है. जबकि तीसरी बार के लिए अनुशंसा की गई है.

नक्सलियों को कमजोर करने में रंजीत ने निभाई है भूमिकाः पलामू के नौडीहा बाजार थाना क्षेत्र के रहने वाले रंजीत कुमार 2013 में झारखंड पुलिस में भर्ती हुए थे. रंजीत कुमार ने नक्सलियों के खिलाफ अभियान में दर्जनों बार मुठभेड़ का सामना किया है. रंजीत कुमार की वीरता के लिए उन्हें पीएमजी मेडल(pmg medal) से नवाजा गया है. पिछले पांच वर्षों में रंजीत कुमार ने नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में काफी अहम भूमिका निभाई है. 2018 से अब तक नक्सलियों खिलाफ अभियान(fight against naxalites) के दौरान एक दर्जन से अधिक बार मुठभेड़ की घटना हुई है. इस दौरान 10 बार मुठभेड़ की घटना में रंजीत कुमार शामिल रहे हैं. इन मुठभेड़ों में अब तक आठ नक्सलियों के टॉप कमांडर(top commander of naxalites) मारे गए हैं. जबकि माओवादियों के टॉप कमांडर राकेश भुईयां के दस्ते का सफाया हुआ है. इस अभियान के दौरान जेजेएमपी और TSPC की गतिविधि कई इलाकों से खत्म हो चुकी है. नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई (fight against naxalites) के लिए रंजीत कुमार के साथ ही जवान बलराम दास को भी 2018 के मुठभेड़ के लिए पीएमजी मिल चुका है. वे बताते हैं कि नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई(fight against naxalites) में मेडल हौसले को बढ़ाता है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

पीएमजी नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में जवानों का बढ़ाएगा हौसलाः पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि पीएमजी मेडल(pmg medal) का मिलना गौरवान्वित करता है. मेडल का मिलना निश्चित रूप से नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में जवानों का हौसला बढ़ाता है. यह मेडल नक्सलियों खिलाफ अभियान में टॉनिक का काम करेगा.

पिछले पांच वर्षों में बड़े मुठभेड़ की घटनाः

  • 2018 में पलामू के झूलझूल और मलंगा में हुए लगातार मुठभेड़ की घटनाओं में माओवादी के जोनल कमांडर राकेश भुईयां समेत छह नक्सली मारे गए थे
  • 2018-19 में छतरपुर थाना क्षेत्र में टीएसपीसी और सुरक्षाबलों के साथ हुए मुठभेड़ में तीन टॉप कमांडर मारे गए थे
  • 2021 में पलामू के रामगढ़ थाना क्षेत्र के चोरहट में हुए मुठभेड़ में टॉप जेजेएमपी कमांडर महेश भुईयां मारा गया था
  • 2018 से 2022 तक पुलिस और नक्सलियों के बीच एक दर्जन से अधिक बार मुठभेड़ की घटनाएं हुई हैं. जिसमें पुलिस को आधा दर्जन से अधिक आधुनिक हथियार के साथ-साथ सैकड़ों गोलियां भी मिली हैं.

पलामूः स्वतंत्रता दिवस के मौके पर रविवार को पूरे देश भर में बहादुर जवानों के लिए विभिन्न पदकों की घोषणा की गई. इन पदकों की सूची में झारखंड में तैनात वीर पुलिस अधिकारी और जवानों के नाम शामिल थे. देश के नक्सल प्रभावित जिलों में से पलामू में नक्सल अभियान के लिए तत्कालीन अभियान एसपी समेत चार अधिकारियों को पीएमजी मेडल की घोषणा की गई. पीएमजी मेडल की सूची में एक नाम शामिल है. यह नाम है जवान रंजीत कुमार का. नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई(fight against naxalites) के लिए रंजीत कुमार को दूसरी बार पीएमजी मेडल(pmg medal) से नवाजा गया है. जबकि तीसरी बार के लिए अनुशंसा की गई है.

नक्सलियों को कमजोर करने में रंजीत ने निभाई है भूमिकाः पलामू के नौडीहा बाजार थाना क्षेत्र के रहने वाले रंजीत कुमार 2013 में झारखंड पुलिस में भर्ती हुए थे. रंजीत कुमार ने नक्सलियों के खिलाफ अभियान में दर्जनों बार मुठभेड़ का सामना किया है. रंजीत कुमार की वीरता के लिए उन्हें पीएमजी मेडल(pmg medal) से नवाजा गया है. पिछले पांच वर्षों में रंजीत कुमार ने नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में काफी अहम भूमिका निभाई है. 2018 से अब तक नक्सलियों खिलाफ अभियान(fight against naxalites) के दौरान एक दर्जन से अधिक बार मुठभेड़ की घटना हुई है. इस दौरान 10 बार मुठभेड़ की घटना में रंजीत कुमार शामिल रहे हैं. इन मुठभेड़ों में अब तक आठ नक्सलियों के टॉप कमांडर(top commander of naxalites) मारे गए हैं. जबकि माओवादियों के टॉप कमांडर राकेश भुईयां के दस्ते का सफाया हुआ है. इस अभियान के दौरान जेजेएमपी और TSPC की गतिविधि कई इलाकों से खत्म हो चुकी है. नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई (fight against naxalites) के लिए रंजीत कुमार के साथ ही जवान बलराम दास को भी 2018 के मुठभेड़ के लिए पीएमजी मिल चुका है. वे बताते हैं कि नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई(fight against naxalites) में मेडल हौसले को बढ़ाता है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

पीएमजी नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में जवानों का बढ़ाएगा हौसलाः पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि पीएमजी मेडल(pmg medal) का मिलना गौरवान्वित करता है. मेडल का मिलना निश्चित रूप से नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में जवानों का हौसला बढ़ाता है. यह मेडल नक्सलियों खिलाफ अभियान में टॉनिक का काम करेगा.

पिछले पांच वर्षों में बड़े मुठभेड़ की घटनाः

  • 2018 में पलामू के झूलझूल और मलंगा में हुए लगातार मुठभेड़ की घटनाओं में माओवादी के जोनल कमांडर राकेश भुईयां समेत छह नक्सली मारे गए थे
  • 2018-19 में छतरपुर थाना क्षेत्र में टीएसपीसी और सुरक्षाबलों के साथ हुए मुठभेड़ में तीन टॉप कमांडर मारे गए थे
  • 2021 में पलामू के रामगढ़ थाना क्षेत्र के चोरहट में हुए मुठभेड़ में टॉप जेजेएमपी कमांडर महेश भुईयां मारा गया था
  • 2018 से 2022 तक पुलिस और नक्सलियों के बीच एक दर्जन से अधिक बार मुठभेड़ की घटनाएं हुई हैं. जिसमें पुलिस को आधा दर्जन से अधिक आधुनिक हथियार के साथ-साथ सैकड़ों गोलियां भी मिली हैं.
Last Updated : Aug 15, 2022, 5:07 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.