पलामू: बदलते वक्त के साथ सोशल मीडिया की भूमिका बढ़ी है, सोशल मीडिया से कुछ फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी है. कुछ आपराधिक गिरोह भी सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं, ऐसे लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज रही है. पुलिस भी सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर अलर्ट हो गई है और स्पेशल सेल का गठन किया है. पलामू पुलिस की स्पेशल टीम सोशल मीडिया पर होने वाले पोस्ट और अन्य गतिविधि को नजदीक से मॉनिटरिंग कर रही है.
सोशल मीडिया के माध्यम से अपराध की गतिविधि में शामिल अब तक आधा दर्जन से अधिक लोग गिरफ्तार हुए हैं. सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग डीएसपी इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी कर रहे हैं और उसका एक खाका तैयार कर रहे हैं. पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि सोशल मीडिया को नजदीक से मॉनिटरिंग किया जा रहा है. सीनियर पुलिस अधिकारी इनकी मॉनिटरिंग कर रही हैं और पलामू पुलिस की स्पेशल टीम को तैनात किया गया है.
सोशल मीडिया पर लोग दिखा रहे हड़बड़ी: पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा बताते है कि लोग सोशल मीडिया पर अधिक हड़बड़ी दिखा रहे हैं, नतीजा ये हो रहा है वे गलत या आपत्तिजनक मैसेज को फारवर्ड कर देते हैं. एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने आम लोगों से अपील की है कि वह सोशल मीडिया पर हड़बड़ी नहीं दिखाएं, मैसेज को फॉरवर्ड करने से पहले एक बार उसे पढ़ लें और सोच लें कि उसमे क्या फैक्ट है. मैसेज किसी की भावना को ठेस पंहुचाने वाली या अपराधिक कृत से संबंधित तो नहीं है.
सोशल मीडिया के माध्यम से गिरोह में युवाओं जोड़ते हैं आपराधी: पुलिस की जांच में इस बात का खुलासा हुआ था कि अपराधिक गिरोह सोशल मीडिया के माध्यम से नए लड़कों के जोड़ रहे हैं. एक वर्ष पहले डॉन सुजीत सिन्हा ने सोशल मीडिया के माध्यम से लड़कों को जोड़कर कई अपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया था. पलामू पुलिस की जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि कई हुआ सोशल मीडिया पर दिखावे के लिए हथियार के साथ फोटो और वीडियो को अपलोड करते हैं.
कुछ महीने पहले पलामू के सतबरवा थाना क्षेत्र में एक युवक का वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह हथियार के था. पुलिस ने पूरे मामले का अनुसंधान करते हुए हथियारों का जखीरा और हथियार की फैक्ट्री का फंडाफोड़ किया था. पलामू के टाउन छतरपुर और हुसैनाबाद महिला थाना में पिछले एक वर्ष के अंदर सोशल मीडिया के माध्यम से ब्लैकमेल करने और आपत्तिजनक फोटो वीडियो वायरल करने के आरोप में दो दर्जन से भी अधिक एफआईआर हुए हैं, जबकि कई लोग गिरफ्तार होकर न्यायिक हिरासत में भेजे गए हैं.