पलामू: अंधविश्वास के खिलाफ पुलिस जागरूकता अभियान चलाएगी. इसके लिए प्रत्येक थानों को विभिन्न पंचायतों में बांटा जाएगा. सभी पंचायतों में एक नोडल पुलिस ऑफिसर नियुक्त किए जाएंगे. ये नोडल अधिकारी पंचायत प्रतिनिधि के साथ ग्रामीणों की बैठक करेंगे. इसके माध्यम से लोगों को अंधिवश्वास के खिलाफ जागरूक किया जाएगा. थाना प्रभारियों को अंधविश्वास की जड़ों को हिलाने के कहा गया है.
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पुलिस ऐसे करेगी लोगों को जागरूक: अंधविश्वास के बदलते स्वरूप को लेकर पुलिस और प्रशासनिक तंत्र भी गंभीर हो गई है. पलामू पुलिस ने अंधविश्वास के खिलाफ कई मोर्चों पर अभियान की शुरुआत की है. पुलिस ने पोस्टर वार की शुरुआत की है. सभी पंचायत और प्रमुख इलाकों में पोस्टर और बैनर के माध्यम से लोगों को अंधविश्वास के खिलाफ जागरूक किया जाएगा.
पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि अंधविश्वास के खिलाफ जागरूकता के लिए एक रोड मैप तैयार किया गया है. पलामू के सभी पंचायतों में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर एक एक नोडल अधिकारी की तैनाती की जाएगी. नोडल अधिकारी ग्रामीणों के साथ बैठक करेंगे और पल-पल की रिपोर्ट सीनियर अधिकारियों को देंगे. एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि पुलिस लोगों में जागरूकता लाने के लिए पोस्टर और बैनर भी लगाए जा रहे है.
क्या कहते है अंधविश्वास के आकड़ें: पलामू प्रमंडल में अंधविश्वास से जुड़े कई सार्वजनिक आयोजन होते हैं. लगभग आयोजन ग्रामीण में होते है. इस कारण यह प्रशासन की नजरों से कई बार बचे रह जाते है. वर्ष 2016-17 में पलामू पुलिस ने अंधविश्वास से जुड़े हुए मामले को लेकर एक सर्वे करवाया था. जिसमें पलामू के इलाके में 300 से भी अधिक झाड़-फूंक करने वाले सक्रिय पाए गए थे. पुलिस ने इन पर लगाम लगाने के लिए थानों में नोटिस भी जारी किया था. इसे लेकर पुलिस के साथ ग्रामीणों की कई बार झड़प भी हुई है. ग्रामीणों ने इस दौरान पुलिस पर हमला भी किया है. वहीं 2014-15 में ग्रामीणों ने छतरपुर के इलाके में आयोजन को रोकने पहुंची पुलिस से हथियार छीन लिया गया था. इस दौरान फायरिंग की घटना में एक ग्रामीण की मौत भी हुई थी.
दंपती की पीट-पीट कर हत्या: गौरतलब है कि दो मई को लातेहार में अंधविश्वास में एक दंपती की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई. दरसल लातेहार में सरहुल के दिन में सड़क दुर्घटना में दो युवकों की मौत हुई थी. दोनों की मौत का जिम्मेदार दंपति को माना गया था. ग्रामीणों ने दंपती को भरी पंचायत में पीट-पीटकर हत्या दी थी. इस घटना के बाद पूरे राज्य में एक बार फिर से अंधविश्वास की घटना चर्चा में है. इसके बदलते स्वरूप को लेकर भी चिंताएं सामने आने लगी है.