पलामूः झारखंड-बिहार सीमा पर नितिन और पप्पू नामक शख्स माओवादियों के टॉप कमांडर के लिए लेवी वसूलते हैं. नक्सलियों के लिए माइनिंग को मैनेज करते हैं. पुलिस दोनों की तलाश कर रही है. इस बात का पता लगाने में जुटी है कि आखिर ये लोग कौन हैं. नितिन और पप्पू पलामू के छतरपुर, हरिहरगंज, पिपरा, नावाबाजार, नौडीहा बाजार, पांकी, सतबरवा, हुसैनाबाद के इलाके में माओवादियों के लिए माइनिंग से लेवी वसूलते हैं और 15 लाख के इनामी कमांडर नितेश यादव तक पहुंचाते हैं.
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दरअसल पलामू पुलिस ने एक स्पताह पहले छतरपुर थाना क्षेत्र से टॉप माओवादी कमांडर नितेश यादव के करीबी विनोद यादव और हरिहर यादव को गिरफ्तार किया था. दोनों के पास से नितेश का लिखा हुआ एक पत्र मिला था. इसी पत्र में नितिन और पप्पू का जिक्र है. पत्र में नितेश यादव ने लिखा है कि उसे पांच लाख रुपयों की सख्त जरुरत है, इन रुपयों के लिए नितिन और पप्पू को बोला गया है. पत्र मिलने के बाद पुलिस नितिन और पप्पू के नामों का सत्यापन कर रही है.
कितना महत्वपूर्ण है पत्र और पुलिस क्या कार्रवाई कर रही हैः पलामू एसपी रिष्मा रमेशन ने बताया कि बरामद पत्र में कई जानकारी है. पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है. पुलिस को लेवी देने वाले और लेने वाले के नामों की जानकारी मिली है, जिसका सत्यापन किया जा रहा है. एसपी ने बताया कि लेवी देने वाले और लेवी लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. पुलिस इलाके में नजर बनाए हुए है.
माओवादियों के पत्र में क्या लिखा गया है ? कहां से कितनी वसूली जाती है लेवीः माओवादियों के टॉप कमांडर नितेश यादव ने पत्र अपने समर्थकों को लिखा था. इस पत्र में लिखा गया है कि पैसे की खास जरूरत है, अगर नितिन दिया होगा तो ठीक नहीं तो पप्पू से पैसा लेकर देना है. एक चिट्ठी नितिन को भी देने की बात कही गई है. दरसल झारखंड बिहार सीमा पर स्टोन माइनिंग, क्रशर, ईंट भट्ठा से माओवादी वर्ष में दो बार लेवी वसूलते हैं. माओवादी एक एक स्टोन माइंस से 50 से 60 हजार, स्टोन क्रशर से 30 से 40 हजार, जबकि ईंट भट्ठा से 30 से 40 हजार रुपए वसूलते हैं. मिली जानकारी के अनुसार लेवी का यह पैसा नितिन और पप्पू के पास जमा होता है. बाद में यह पैसा माओवादियों के टॉप कमांडर नितेश यादव के पास पहुंचाया जाता है.