पलामूः जिले में एक अपराधी को जिस पुलिस सब इंस्पेक्टर ने गिरफ्तार किया, अपराधी ने जेल से निकलने के बाद उसी के नाम पर आपराधिक गिरोह खड़ा कर लिया. इसका खुलासा पलामू पुलिस की कार्रवाई में हुआ है. गिरोह का सरगना खुद को सब इंस्पेक्टर बताता था.
चार अपराधी गिरफ्तारः दरसल पलामू पुलिस को सूचना मिली थी कि पिपराटांड़ थाना क्षेत्र के अमानत नदी के किनारे कुछ अपराधी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे है. इसी सूचना के आलोक में पिपराटांड़ थाना प्रभारी हीरालाल शाह के नेतृत्व में छापेमारी कर मौके से शमशाद अंसारी, अखिलेश भुइयां, मुख्तार अंसारी, नवीन उर्फ मित्र रंजन को गिरफ्तार किया. जबकि मौके से दो अपराधी फरार होने में सफल रहे. गिरफ्तार अपराधियों के पास से पुलिस ने दो देसी कट्टा, एक टॉय पिस्टल और पुलिस की केमोफ्लेज वर्दी को बरामद किया है. गिरफ्तार आरोपी पिपराटांड़ थाना क्षेत्र के जोलहबीघा, बलमुआ गांव के रहने वाले हैं.
सब इंस्पेक्टर के नाम पर बनाया गिरोहः दरसअल अगस्त 2021 में पांकी थाना क्षेत्र के द्वारिका में विश्वनाथ यादव नामक व्यक्ति की हत्या हुई थी. हत्या का आरोप शमशाद अंसारी पर लगा था. पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए शमशाद अंसारी को गिरफ्तार कर लिया था और जेल भेज दिया गया था. शमशाद को जिस सब इंस्पेक्टर ने गिरफ्तार किया था, जेल से बाहर निकलने के बाद शमशाद ने गिरफ्तार करने वाले सब इंस्पेक्टर के नाम पर गिरोह खड़ा किया था. शमशाद खुद को सब इंस्पेक्टर बताता था. पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी घटना के दौरान पुलिस के नाम का इस्तेमाल करते थे. आरोपियों ने एक सब इंस्पेक्टर का नाम इस्तेमाल किया था, सब इंस्पेक्टर का पांकी थाना से पहले ही तबादला हो गया है.
वाहन चेकिंग के नाम पर गिरोह लूट की घटनाओं को देता था अंजामः पुलिस की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि गिरफ्तार आरोपी वाहन चेकिंग के नाम पर घटनाओं को अंजाम देते थे. गिरोह के सदस्य सुनसान इलाकों में वाहन चेकिंग करते थे और लोगों से मोबाइल, पैसे लूट लेते थे. इस दौरान अपराधी लोगों से कहते थे कि वे पुलिस हैं, मोबाइल और पैसा लेकर वह थाना जा रहे हैं. इस दौरान वे एक सब इंस्पेक्टर का नाम पकड़ते थे और बोलते थे थाना में जाने के बाद मिलना, सामान वापस मिल जाएगा. गिरफ्तार आरोपी अखिलेश भुइयां ने एक व्यक्ति से लूटपाट के दौरान 30 हजार रुपये ऑनलाइन लिया था.