पलामू: सांसद विष्णुदयाल राम ने गढ़वा जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. पलामू सांसद विष्णुदयाल राम ने कहा है कि ऐतिहासिक श्री बंशीधर नगर महोत्सव में जनप्रतिनिधियों को पूजा करने से रोका जा रहा है. पूजा करने और प्रसाद वितरण के लिए अनुमति लेना जरूरी है. दरअसल, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन का दर्जा पा चुके श्री बंशीधर नगर मंदिर में तीन और चार मई को महोत्सव का आयोजन किया गया है. श्री बंशीधर नगर महोत्सव को राजकीय दर्जा प्राप्त है. इस महोत्सव में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, मंत्री मिथिलेश ठाकुर,पलामू सांसद विष्णुदयाल राम समेत कई विधायकों को आमंत्रित किया गया है.
पलामू सांसद ने महोत्सव से खुद को किया अलगः पलामू सांसद विष्णुदयाल राम की पहल पर ही श्री बंशीधर नगर महोत्सव को राजकीय दर्जा प्राप्त हुआ है और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल की श्रेणी में रखा गया है. महोत्सव से ठीक एक दिन पहले पलामू सांसद विष्णुदयाल राम ने आयोजन से खुद को अलग कर लिया है. पलामू सांसद ने कहा है कि गढ़वा जिला प्रशासन की तरफ से श्री बंशीधर नगर के बीडीओ ने एक आदेश जारी किया है. इस आदेश में कहा गया है कि श्री बंशीधर नगर महोत्सव एक राजकीय महोत्सव है, इसलिए राजनीतिक दलों के बैनर-पोस्टर हटाए जा रहे हैं.
प्रशासन पर दोहरी नीति अपनाने का लगाया आरोपः सांसद ने कहा कि इस आदेश के अनुपालन के लिए दोहरी नीति अपनाई जा रही है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के बैनर पोस्टर को नहीं हटाया गया है, बल्कि उनकी पार्टी के बैनर-पोस्टर को हटा दिया गया है. उनके बैनर-पोस्टर में कहीं भी भारतीय जनता पार्टी का जिक्र नहीं किया गया था, बल्कि बैनर-पोस्टर में पर्यटन विभाग द्वारा आम लोगों को आमंत्रण भेजा गया था.
पूर्व में महोत्सव को किया गया था स्थगितः पलामू सांसद ने कहा कि अप्रैल महीने में भी महोत्सव का आयोजन किया गया था. इस दौरान केंद्रीय मंत्रियों को आमंत्रित किया गया था, लेकिन राजकीय शोक का हवाला देकर महोत्सव को स्थगित कर दिया गया था. दूसरी बार महोत्सव के आयोजन को लेकर हुई बैठक में सांसद और स्थानीय विधायक को आमंत्रित नहीं किया गया, एक तरफ सहयोग की बात की जाती है और दूसरी तरफ बैठकों में नहीं बुलाया जाता है.
केंद्रीय मंत्री पहुंचने वाले थे कार्यक्रम मेंः उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री को महोत्सव में भाग लेना था, केंद्रीय मंत्री महोत्सव के दौरान श्री बंशीधर नगर को श्री कृष्ण कॉरिडोर से जोड़ने की घोषणा करने वाले थे. कार्यक्रम के आयोजन के लेकर उन्होंने कई बार डीसी से, मुख्यमंत्री और राज्यपाल को आमंत्रित करने का आग्रह किया था, लेकिन उन्हें इस विषय पर कोई जानकारी नहीं दी गई थी.