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Palamu MP Raised Migration Issue: पलामू सांसद विष्णु दयाल राम ने लोकसभा में उठाया पलायन का मुद्दा, फॉरेस्ट एक्ट के प्रावधानों में संशोधन की मांग - झारखंड न्यूज

पलामू सांसद विष्णु दयाल राम ने लोकसभा में पलामू हो गढ़वा में हो रहे पलायन का मुद्दा पुरजोर तरीके से उठाया है. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में जमीन की अनउपलब्धता की वहज से इलाके में उद्योग-धंधे स्थापित करने में परेशानी आ रही है. इस कारण लोग पलायन करने के विवश हैं. इस पर रोक लगाने के लिए सांसद ने फॉरेस्ट एक्ट के प्रावधानों में संशोधन की मांग की है.

Palamu MP Raised Issue Of Migration In LokSabha
लोकसभा में सांसद वीडी राम
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Published : Feb 14, 2023, 3:17 PM IST

पलामू: लोकसभा में पलामू संसदीय क्षेत्र में पलायन का मुद्दा उठाया गया है. पलामू सांसद विष्णु दयाल राम ने लोकसभा में पलायन का मुद्दा उठाते हुए फॉरेस्ट एक्ट के प्रावधानों में संशोधन की मांग की है. बता दें कि पलामू सांसद विष्णु दयाल राम लोकसभा में लगातार पलामू और गढ़वा के मुद्दों को उठाते रहे हैं. इसी कड़ी में लोकसभा के शून्य काल में पलामू सांसद विष्णु दयाल राम ने पलामू और गढ़वा जिले में पलायन के मामले को उठाया है. लोकसभा में सांसद विष्णु दयाल राम ने कहा कि झारखंड विकास की दृष्टिकोण से बहुत ही पिछड़ा हुआ राज्य है.

ये भी पढे़ं-लोकसभा में उठा पलामू संसदीय क्षेत्र में हाथियों के प्रकोप का मामला, सांसद ने कहा मुआवजा राशि मिलने में होती है विलंब

इलाके में उद्योग-धंधे स्थापित नहीं होने से लोग कर रहे पलायनः पलामू संसदीय क्षेत्र के दोनों जिले पलामू और गढ़वा केंद्र सरकार की आकांक्षी जिलों की सूची में हैं. दोनों जिले उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और बिहार से सटे हुए हैं. इस इलाके में सबसे बड़ी समस्या पलायन की है. आजादी के इतने वर्षों के बाद भी यहां कोई उद्योग-धंधा नहीं लगा है. सांसद ने कहा कि जमीन की अनुपलब्धता के कारण इलाके में उद्योग-धंधे और फैक्ट्रियां नहीं लग पा रही हैं. सांसद विष्णुदयाल राम ने कहा कि जंगल-झाड़ को फॉरेस्ट एक्ट के प्रावधानों के तहत दिखाया गया है. जहां कोई भी फैक्ट्री को स्थापित नहीं किया जा सकता है.

फॉरेस्ट एक्ट के प्रावधानों में संशोधन की मांगः सांसद विष्णु दयाल राम ने लोकसभा में कहा कि फॉरेस्ट एक्ट के प्रावधानों में संशोधन की आवश्यकता है, ताकि जमीन उपलब्ध हो सके और फैक्ट्री स्थापित हो सके. साथ ही स्थानीय नौजवानों को रोजगार मिल सके. पलामू में प्रतिवर्ष हजारों लोग पलायन करते हैं. सर्वे में पलामू में अकेले 53 हजार पलायन करने वाले लोगों का डाटा तैयार किया था. वहीं गढ़वा के इलाके में 40 हजार से भी अधिक लोगों के पलायन की बात सामने आई थी. इसके अलावा पलामू और गढ़वा में मौसमी पलायन भी होता है. लोग धान काटने के लिए बाहर के राज्यों में पलायन करते हैं. पलामू और गढ़वा में पलायन एक बड़ी समस्या रही है. पलामू में एक निजी कोल कंपनी और कास्टिक फैक्ट्री है. इसके अलावा कोई भी उद्योग नहीं हैं. गढ़वा के इलाके के इलाके में पावर प्लांट और फैक्ट्री प्रस्तावित है, लेकिन जमीन अधिग्रहण की समस्या के कारण मामला आगे नहीं बढ़ पाया है.

पलामू: लोकसभा में पलामू संसदीय क्षेत्र में पलायन का मुद्दा उठाया गया है. पलामू सांसद विष्णु दयाल राम ने लोकसभा में पलायन का मुद्दा उठाते हुए फॉरेस्ट एक्ट के प्रावधानों में संशोधन की मांग की है. बता दें कि पलामू सांसद विष्णु दयाल राम लोकसभा में लगातार पलामू और गढ़वा के मुद्दों को उठाते रहे हैं. इसी कड़ी में लोकसभा के शून्य काल में पलामू सांसद विष्णु दयाल राम ने पलामू और गढ़वा जिले में पलायन के मामले को उठाया है. लोकसभा में सांसद विष्णु दयाल राम ने कहा कि झारखंड विकास की दृष्टिकोण से बहुत ही पिछड़ा हुआ राज्य है.

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इलाके में उद्योग-धंधे स्थापित नहीं होने से लोग कर रहे पलायनः पलामू संसदीय क्षेत्र के दोनों जिले पलामू और गढ़वा केंद्र सरकार की आकांक्षी जिलों की सूची में हैं. दोनों जिले उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और बिहार से सटे हुए हैं. इस इलाके में सबसे बड़ी समस्या पलायन की है. आजादी के इतने वर्षों के बाद भी यहां कोई उद्योग-धंधा नहीं लगा है. सांसद ने कहा कि जमीन की अनुपलब्धता के कारण इलाके में उद्योग-धंधे और फैक्ट्रियां नहीं लग पा रही हैं. सांसद विष्णुदयाल राम ने कहा कि जंगल-झाड़ को फॉरेस्ट एक्ट के प्रावधानों के तहत दिखाया गया है. जहां कोई भी फैक्ट्री को स्थापित नहीं किया जा सकता है.

फॉरेस्ट एक्ट के प्रावधानों में संशोधन की मांगः सांसद विष्णु दयाल राम ने लोकसभा में कहा कि फॉरेस्ट एक्ट के प्रावधानों में संशोधन की आवश्यकता है, ताकि जमीन उपलब्ध हो सके और फैक्ट्री स्थापित हो सके. साथ ही स्थानीय नौजवानों को रोजगार मिल सके. पलामू में प्रतिवर्ष हजारों लोग पलायन करते हैं. सर्वे में पलामू में अकेले 53 हजार पलायन करने वाले लोगों का डाटा तैयार किया था. वहीं गढ़वा के इलाके में 40 हजार से भी अधिक लोगों के पलायन की बात सामने आई थी. इसके अलावा पलामू और गढ़वा में मौसमी पलायन भी होता है. लोग धान काटने के लिए बाहर के राज्यों में पलायन करते हैं. पलामू और गढ़वा में पलायन एक बड़ी समस्या रही है. पलामू में एक निजी कोल कंपनी और कास्टिक फैक्ट्री है. इसके अलावा कोई भी उद्योग नहीं हैं. गढ़वा के इलाके के इलाके में पावर प्लांट और फैक्ट्री प्रस्तावित है, लेकिन जमीन अधिग्रहण की समस्या के कारण मामला आगे नहीं बढ़ पाया है.

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