पलामू: कोरोना संकट काल में सुरक्षाबलों को अपने जवानों को फिट रखना एक बड़ी चुनौती है. कई इलाकों में सीआरपीएफ और पुलिस बल के जवान कोरोना से प्रभावित हुए हैं. वहीं, पलामू जैसे इलाके में सुरक्षाबलों को दोहरी लड़ाई लड़नी पड़ रही है. पलामू में नक्सल विरोधी अभियान चलाने के साथ-साथ जवानों को खुद को फिट रखना और कोरोना से बचकर रहना बड़ी चुनौती है.
कोरोना काल में भी नक्सलियों के खिलाफ सीआरपीएफ अभियान चला रही है. पलामू में तैनात सीआरपीएफ जवान खुद को फिट रखने के लिए देसी तरीका अपना रहे है. बता दें कि सीआरपीएफ की 134 बटालियन करीब 10 वर्षों से नक्सल विरोधी अभियान में तैनात है. बटालियन में करीब 1200 जवान और अधिकारी हैं. सभी देसी तरीके से खुद को फिट रख रहे हैं. वहीं, जवानों को स्पेशल देसी डाइट दी जा रही है. सुबह सभी जवानों को च्नयवप्राश के साथ-साथ हल्दी वाला दूध और काढ़ा दिया जा रहा है. साथ ही जवानों को तुलसी भी खाने को दिया जा रहा है.
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सीआरपीएफ 134 बटालियन के कमांडेंट अरूण देव शर्मा ने बताया कि आयुष मंत्रालय से मिले गाइडलाइन के अनुसार जवानों को डाइट दी जा रही और फिट रखा जा रहा है. वहीं, जवानों को विटामिन सी की गोली दी गई है, जबकि गुनगुने पानी में नींबू का इस्तेमाल करने को कहा गया है.
कमांडेंट ने बताया कि सीआरपीएफ के जवानों ने नॉनवेज खाना छोड़ दिया है. वे पूरी तरह से देसी खाना से अपनी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाए हुए है. सीआरपीएफ के जवान महीने में 20 से 22 दिन नक्सल विरोधी अभियान में जंगलों में निकल रहे हैं. इस दौरान वे कोरोना से बचने के लिए हरसंभव कदम उठा रहे हैं.