पलामू: राज्य के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर को पलामू कोर्ट ने एक मामले में बुधवार को बरी कर दिया. मामला आदर्श आचार संहिता उल्लंघन से जुड़ा था. दरअसल, 2014 में गढ़वा के मेराल में एक पोलिंग बूथ के बाहर नारे लगाए गए थे. इस मामले में मिथिलेश ठाकुर के खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया था. इसी मामले में उन्हें बरी कर दिया गया.
20 मिनट तक कोर्ट में रहे मंत्री: मंत्री मिथिलेश ठाकुर एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश सतीश कुमार मुंडा की अदालत में उपस्थित हुए. सुनवाई के दौरान मंत्री मिथिलेश ठाकुर करीब 20 मिनट तक कोर्ट में रहे. कोर्ट में दोनों पक्षों को सुना गया. बाद में कोर्ट ने मंत्री मिथिलेश ठाकुर को बरी कर दिया. इससे पहले सितंबर महीने में मंत्री मिथिलेश ठाकुर इसी मामले में कोर्ट में पेश हुए थे और उन्होंने अपना पक्ष रखा था. बरी होने के बाद मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि उन्हें न्याय मिला है, उन्हें उम्मीद थी कि इंसाफ होगा.
सुरक्षा के थे पुख्ता इंतजाम: मंत्री मिथिलेश ठाकुर के वकील परेश तिवारी ने कहा कि मंत्री पर लगे आरोप साबित नहीं हुए. मंत्री मिथिलेश ठाकुर को बरी कर दिया गया है. मिथिलेश ठाकुर 2014 में गढ़वा से विधानसभा चुनाव लड़ रहे थे, लेकिन मिथिलेश ठाकुर 2014 का चुनाव हार गये. इसके बाद साल 2019 में मिथिलेश ठाकुर ने एक बार फिर विधानसभा चुनाव लड़ा जिसमें उन्होंने जीत दर्ज की. मंत्री मिथिलेश ठाकुर की कोर्ट में पेशी के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी. अदालत और उसके आसपास बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किये गये थे.
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