पलामू: 29 जुलाई को ग्लोबल टाइगर डे मनाया जा रहा है. भारत सरकार ने 2022 तक बाघों की संख्या को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है. कई इलाकों में लक्ष्य को पांच गुणा तक प्राप्त कर लिया गया है. पलामू टाइगर रिजर्व में मार्च के बाद बाघ नहीं देखे गए हैं. पलामू टाइगर रिजर्व में बाघों की घर वापसी के लिए पहल की जा रही है.
ग्लोबल टाइगर डे पर पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में बेबीनार का आयोजन किया गया. बेबीनार टाइगर प्रोजेक्ट डायरेक्टर कार्यालय, महुआडांड़, गारू, बेतला और बरवाडीह के इलाके में आयोजित हुआ. बेबीनार के माध्यम से ग्रामीणों से सुझाव आमंत्रित किए गए कि किस प्रकार वन्य जीवों को संरक्षित किया जाए. इस दौरान ग्रामीणों ने टाइगर प्रोजेक्ट के अधिकारियों से हर कदम पर सहयोग करने की बात कही.
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इसके साथ ही बोला की पीटीआर में कई जीवों की संख्या बढ़ी है. पीटीआर के अधिकारियों ने बाघ की वापसी के लिए ग्रामीणों से सहयोग मांगा है. पीटीआर ने आम ग्रामीणों से अपील भी किया है कि वे अपने मवेशियों को लेकर जंगल में नहीं जाए. ग्लोबल टाइगर डे पर पेंटिंग प्रतियोगिता भी आयोजित हो रही है, जिसमें देश भर के लोग भाग ले रहे हैं. ये प्रतियोगिता 31 जुलाई तक चलनी है. पीटीआर के बाघ मार्च तक बारेसाढ़ के इलाके तक देखे गए थे. झारखंड छतीसगढ़ तक उनका लोकेशन था, मगर मार्च के बाद नजर नहीं आए. पीटीआर ने बाघ देखने पर पांच हजार रुपये इनाम की घोषणा भी की है.