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जेल में बंद कैदियों से मुलाकात के लिए परिजन कर रहे मुश्किलों का सामना, ऑनलाइन मुलाकात ही संभव

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Published : Dec 15, 2020, 2:18 PM IST

Updated : Dec 15, 2020, 2:38 PM IST

पलामू सेंट्रल जेल में कैदियों को उनके परिजनों से मिलाने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था की गई, लेकिन इससे भी कई परिजन मुलाकात नहीं कर पा रहे हैं. इसको लेकर अधिवक्ताओं ने कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए पूरानी व्यवस्था को लागू करने की मांग की है.

palamu central jail
पलामू सेंट्रल जेल

पलामूः कोरोना काल में कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं है जो प्रभावित नहीं हुआ हो. इस काल ने जेल में बंद कैदियों और उनके परिजनों के बीच की दूरी को और बढ़ा दी है. परिजन जेल में बंद अपनों से मुलाकात के लिए परेशानियों का सामना कर रहे हैं. ऑनलाइन ही एक जरिया है जिससे कैदी अपने परिजनों से मुलाकात कर सकते हैं. पलामू सेंट्रल जेल में बंद करीब 1200 बंदी और कैदी में सिर्फ 600 के करीब ही ऑनलाइन अपने परिजनों से मुलाकात कर पाए हैं. सेंट्रल जेल में सिर्फ पलामू के ही नहीं बल्कि पूरे राज्य भर के कैदी बंद है.

देखे स्पेशल स्टोरी
मोबाइल की कम जानकारी और संसाधन का अभाव बना मुश्किलों का कारण पलामू के बिश्रामपुर के रहने वाले रोशन कुमार का भाई दो महीने से सेंट्रल जेल में है. इन दो महीनों के दौरान रोशन या उनके परिवार के किसी भी सदस्य की मुलाकात अपने भाई से नहीं हो पाई है. उनका कहना है कि मुलाकात नहीं होने से सुनवाई के लिए भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. ऑनलाइन मुलाकात संभव नहीं हो पा रही है. कैदियों से मुलाकात ऑनलाइन एप या प्रज्ञा केंद्रों के माध्यम से हो सकती है. ऑनलाइन एप की जानकारी अधिकतर लोगों के पास नहीं है, जबकि प्रज्ञा केंद्र भी कोरोना काल में बंद रहे.
palamu central jail
परिजनों से मिलाने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था

इसे भी पढ़ें- हजारीबाग में बन रहा है राष्ट्रीय स्तर का किचन, 1 लाख बच्चों को मिलेगा भोजन


व्यवस्था में बदलाव की मांग
अधिवक्ता धीरेंद्र किशोर उर्फ पप्पू सिंह बताते हैं कि कोरोना काल में जेल में मुलाकात बंद है. न्यायिक हिरासत में बंद लोग अपनी पीड़ा को माता पिता और शुभ चिंतकों के पास रखते थे. जिससे उनकी समस्या का समाधान होता है. पहले की तरह ही मुलाकात व्यवस्था जारी रखने की जरूरत है. इसके लिए सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य गाइडलाइन भी जारी हो. वहीं अधिवक्ता रुचिर कुमार तिवारी का कहना है कि व्यवस्था को अब ऑफलाइन करने की जरूरत है. कई ऐसे लोग जेलों में बंद हैं जो बेहद ही गरीब है, उनके पास साधन नहीं हैं. वे ऑनलाइन मुलाकात नहीं कर सकते हैं. अब ऑफलाइन व्यवस्था को चालू करने की जरूरत है.

palamu central jail
15 टेलीफोन बूथ
सेंट्रल जेल में लगाए गए हैं 15 टेलिफोन बूथपलामू सेंट्रल जेल में कैदियों के लिए 15 टेलीफोन बूथ बनाए गए हैं. कैदियों को तीन नंबर बताने पड़ते हैं, जिससे सिर्फ कॉल आ सकती है या जा सकती है. वहीं ऑनलाइन एप जारी किया गया है. एप पर रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद मुलाकात होगी. वहीं ऑनलाइन मुलाकात के लिए प्रज्ञा केंद्रों का भी सहारा लिया जा सकता है. पलामू सेंट्रल जेल के जेलर प्रमोद कुमार ने बताया कि कोविड को देखते हुए जो गाइडलाइन जारी हुई है उसके अनुसार मुलाकात की व्यवस्था हुई है. ऑनलाइन मुलाकात के लिए जेल में व्यवस्था की गई है.

पलामूः कोरोना काल में कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं है जो प्रभावित नहीं हुआ हो. इस काल ने जेल में बंद कैदियों और उनके परिजनों के बीच की दूरी को और बढ़ा दी है. परिजन जेल में बंद अपनों से मुलाकात के लिए परेशानियों का सामना कर रहे हैं. ऑनलाइन ही एक जरिया है जिससे कैदी अपने परिजनों से मुलाकात कर सकते हैं. पलामू सेंट्रल जेल में बंद करीब 1200 बंदी और कैदी में सिर्फ 600 के करीब ही ऑनलाइन अपने परिजनों से मुलाकात कर पाए हैं. सेंट्रल जेल में सिर्फ पलामू के ही नहीं बल्कि पूरे राज्य भर के कैदी बंद है.

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मोबाइल की कम जानकारी और संसाधन का अभाव बना मुश्किलों का कारण पलामू के बिश्रामपुर के रहने वाले रोशन कुमार का भाई दो महीने से सेंट्रल जेल में है. इन दो महीनों के दौरान रोशन या उनके परिवार के किसी भी सदस्य की मुलाकात अपने भाई से नहीं हो पाई है. उनका कहना है कि मुलाकात नहीं होने से सुनवाई के लिए भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. ऑनलाइन मुलाकात संभव नहीं हो पा रही है. कैदियों से मुलाकात ऑनलाइन एप या प्रज्ञा केंद्रों के माध्यम से हो सकती है. ऑनलाइन एप की जानकारी अधिकतर लोगों के पास नहीं है, जबकि प्रज्ञा केंद्र भी कोरोना काल में बंद रहे.
palamu central jail
परिजनों से मिलाने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था

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व्यवस्था में बदलाव की मांग
अधिवक्ता धीरेंद्र किशोर उर्फ पप्पू सिंह बताते हैं कि कोरोना काल में जेल में मुलाकात बंद है. न्यायिक हिरासत में बंद लोग अपनी पीड़ा को माता पिता और शुभ चिंतकों के पास रखते थे. जिससे उनकी समस्या का समाधान होता है. पहले की तरह ही मुलाकात व्यवस्था जारी रखने की जरूरत है. इसके लिए सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य गाइडलाइन भी जारी हो. वहीं अधिवक्ता रुचिर कुमार तिवारी का कहना है कि व्यवस्था को अब ऑफलाइन करने की जरूरत है. कई ऐसे लोग जेलों में बंद हैं जो बेहद ही गरीब है, उनके पास साधन नहीं हैं. वे ऑनलाइन मुलाकात नहीं कर सकते हैं. अब ऑफलाइन व्यवस्था को चालू करने की जरूरत है.

palamu central jail
15 टेलीफोन बूथ
सेंट्रल जेल में लगाए गए हैं 15 टेलिफोन बूथपलामू सेंट्रल जेल में कैदियों के लिए 15 टेलीफोन बूथ बनाए गए हैं. कैदियों को तीन नंबर बताने पड़ते हैं, जिससे सिर्फ कॉल आ सकती है या जा सकती है. वहीं ऑनलाइन एप जारी किया गया है. एप पर रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद मुलाकात होगी. वहीं ऑनलाइन मुलाकात के लिए प्रज्ञा केंद्रों का भी सहारा लिया जा सकता है. पलामू सेंट्रल जेल के जेलर प्रमोद कुमार ने बताया कि कोविड को देखते हुए जो गाइडलाइन जारी हुई है उसके अनुसार मुलाकात की व्यवस्था हुई है. ऑनलाइन मुलाकात के लिए जेल में व्यवस्था की गई है.
Last Updated : Dec 15, 2020, 2:38 PM IST
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