पलामूः जिले के टाइगर रिजर्व के बेतला नेशनल पार्क के इलाके में बाघिन की मौत का मामला बढ़ता जा रहा है. शुरुआत में टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने बाघिन की मौत बायसन की लड़ाई में हुई है लेकिन सरयू राय के सवाल उठाने के बाद मौत को लेकर सवाल उठने लगे हैं. इन सब के बीच ईटीवी भारत उन ट्रैकरों तक पहुंचा जिन्होंने बाघिन का शव सबसे पहले देखा था. बेतला नेशनल पार्क के इलाके में 15 फरवरी को एक बाघिन की मौत हुई थी.
रात भर शव के पास रहे लोग
ट्रैकरों की टीम 15 फरवरी की रात बेतला नेशनल पार्क के दो नंबर रोड में हफीज अंसारी के नेतृत्व में पेट्रोलिंग करने निकली. इस दौरान दोपहर के दो बजे से रात के नौ बजे तक पेट्रोलिंग करती रही. इस टीम में एक पुराने ट्रैकर भी शामिल थे जो 90 के दशक से पेट्रोलिंग कर रहे थे. सबसे पहले हाफिज ने देखा कि दो नंबर रोड में एक बाघिन का पड़ी हुई है, सभी ने बाघिन के तरफ लाइट जलाई. इस दौरान उनके मन में डर भी था, लेकिन काफी देर तक हरकत नहीं होने के बाद वे बाघिन के नजदीक गए तो देखा वह मरी पड़ी है. इसके बाद सभी ने अपने अधिकारियों को शव होने की बाद बताई.
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अधिकारियों को निर्देश मिलने के बाद सभी ट्रैकर शव के पास ही जमे रहे. सबसे पुराने ट्रैकर ने बताया कि बाघिन छिपादोहर के इलाके में चली गई थी. कुछ दिनों पहले ही वह लौट कर आई थी. बाघिन को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक आते थे. पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में बाघिन की मौत धीरे-धीरे कई सवालों को जन्म दे रही है. मौत के बाद अधिकारियो के कई कदम को लेकर सवाल उठाया गया है. बायसन के साथ हुई लड़ाई में बाघिन मौत की बात को लोगो मे संशय है. लोगो के मन मे यह सवाल उठ रहा है कि बाघिन कहीं शिकारियों का तो शिकार नहीं बन गई.