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Naxalites Resistance Week: पुलिस हाई अलर्ट, जंगल और जमीन की कड़ी निगरानी, कई इलाके सील

टॉप नक्सली कमांडर प्रशांत बोस की गिरफ्तारी के विरोध में माओवादियों के प्रतिरोध सप्ताह को लेकर पलामू प्रमंडल पुलिस हाई अलर्ट पर है. बिहार और छत्तीसगढ़ से सटे पलामू प्रमंडल के इलाके में जंगल और जमीन की कड़ी निगरानी की जा रही है. इसको लेकर कई इलाकों को सील कर दिया गया है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट

पुलिस हाई अलर्ट, जंगल और जमीन की कड़ी निगरानी, कई इलाके सील
डीआईजी राजकुमार लकड़ा
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Published : Jan 21, 2022, 2:29 PM IST

पलामूः भाकपा माओवादियों के प्रतिरोध सप्ताह को लेकर पलामू प्रमंडल में बिहार और छत्तीसगढ़ सीमा पर पुलिस और सुरक्षा बलों ने निगरानी बढ़ा दी है. पलामू प्रमंडल के बिहार और छत्तीसगढ़ सीमा से सटे करीब 350 किलोमीटर के एरिया में कड़ी निगरानी की जा रही है. माओवादियों के प्रतिरोध सप्ताह को लेकर इस इलाके में अतिरिक्त बल की भी तैनाती की गई है. इससे पहले माओवादियों ने अपने टॉप कमांडर प्रशांत बोस और शीला मरांडी की गिरफ्तारी के विरोध में 21से 26 जनवरी तक प्रतिरोध सप्ताह मनाने की घोषणा की थी. जबकि माओवादियों ने 27 जनवरी को झारखंड बिहार बंद का आह्वान किया है.

ये भी पढ़ें-10 लाख के इनामी महाराज प्रमाणिक ने किया सरेंडर, माओवादियों का जोनल कमांडर है महाराज

पलामू रेंज के डीआईजी राजकुमार लकड़ा ने बताया कि नक्सलियों के प्रतिरोध सप्ताह को लेकर हाई अलर्ट जारी किया गया है. पुलिस अधिकारी के लिए पुलिस एसओपी जारी की गई है और कई इलाकों में सर्च अभियान शुरू किया गया है. माओवादियों के प्रतिरोध सप्ताह को लेकर बूढ़ापहाड़ और बिहार के छकरबंधा से सटे हुए इलाके को सील कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि पलामू का 100 किलोमीटर का एरिया बिहार से सटा हुआ है जबकि गढ़वा और लातेहार का इलाका बूढ़ापहाड़ से सटा हुआ है. यह इलाका करीब ढाई सौ किलोमीटर का है.

देखें पूरी खबर
पलामू रेंज के डीआईजी राजकुमार लकड़ा ने बताया कि प्रतिरोध सप्ताह को लेकर संवेदनशील इलाकों में सरकारी संपत्ति सरकारी भवनों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. नक्सल प्रभावित इलाके की सड़कों को पुलिस ने अपने सुरक्षा घेरे में ले लिया है. प्रतिरोध सप्ताह के दौरान पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ एक विशेष रणनीति तैयार की है.

पलामूः भाकपा माओवादियों के प्रतिरोध सप्ताह को लेकर पलामू प्रमंडल में बिहार और छत्तीसगढ़ सीमा पर पुलिस और सुरक्षा बलों ने निगरानी बढ़ा दी है. पलामू प्रमंडल के बिहार और छत्तीसगढ़ सीमा से सटे करीब 350 किलोमीटर के एरिया में कड़ी निगरानी की जा रही है. माओवादियों के प्रतिरोध सप्ताह को लेकर इस इलाके में अतिरिक्त बल की भी तैनाती की गई है. इससे पहले माओवादियों ने अपने टॉप कमांडर प्रशांत बोस और शीला मरांडी की गिरफ्तारी के विरोध में 21से 26 जनवरी तक प्रतिरोध सप्ताह मनाने की घोषणा की थी. जबकि माओवादियों ने 27 जनवरी को झारखंड बिहार बंद का आह्वान किया है.

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पलामू रेंज के डीआईजी राजकुमार लकड़ा ने बताया कि नक्सलियों के प्रतिरोध सप्ताह को लेकर हाई अलर्ट जारी किया गया है. पुलिस अधिकारी के लिए पुलिस एसओपी जारी की गई है और कई इलाकों में सर्च अभियान शुरू किया गया है. माओवादियों के प्रतिरोध सप्ताह को लेकर बूढ़ापहाड़ और बिहार के छकरबंधा से सटे हुए इलाके को सील कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि पलामू का 100 किलोमीटर का एरिया बिहार से सटा हुआ है जबकि गढ़वा और लातेहार का इलाका बूढ़ापहाड़ से सटा हुआ है. यह इलाका करीब ढाई सौ किलोमीटर का है.

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पलामू रेंज के डीआईजी राजकुमार लकड़ा ने बताया कि प्रतिरोध सप्ताह को लेकर संवेदनशील इलाकों में सरकारी संपत्ति सरकारी भवनों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. नक्सल प्रभावित इलाके की सड़कों को पुलिस ने अपने सुरक्षा घेरे में ले लिया है. प्रतिरोध सप्ताह के दौरान पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ एक विशेष रणनीति तैयार की है.
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