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भाईचाराः पलामू में मुस्लिम युवकों ने किया कोविड महिला का अंतिम संस्कार, नहीं पहुंचे परिजन

पलामू में सांप्रदायिक सौहाद्र और भाईचारे के मिसाल देखने को मिली है. यहां कुछ मुस्लिम युवकों ने कोविड से मौत होने के बाद एक महिला का हिन्दू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार किया. जब अपनों ने साथ छोड़ा तो पड़ोस के इन मुस्लिम युवाओं ने मानवता का फर्ज अदा किया.

अंतिम संस्कार
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Published : Apr 23, 2021, 12:51 PM IST

पलामूः कोरोना महामारी का अब सामाजिक दुष्प्रभाव दिख रहा है. समाज से मानवता खत्म हो रही है. हालत यह है कि कोरोना से मौत होने के बाद उनके अपने अंतिम संस्कार से बच रहे हैं. कुछ ऐसा ही मामला यहां देखा गया है. प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर में कोविड 19 से एक महिला के मौत के बाद अंतिम संस्कार में कोई नही पंहुचा, कुछ मुस्लिम युवकों ने अंतिम संस्कार में मदद किया.

यह भी पढ़ेंः पूर्व मध्य रेलवे के 2300 कर्मचारी और उनके परिजन कोरोना संक्रमित

इसके बाद इस गांव के मुस्लिम युवकों ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए इस व्यक्ति का हिन्दू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार किया. मृतक का सिर्फ एक बेटा ही अंतिम संस्कार में पंहुचा था. मदद करने वाले सभी मुस्लिम पवित्र रमजान के महीने में रोजे में थे. जानकारी के अनुसार मेदिनीनगर कन्नीराम चौक के पास एक महिला की कोविड 19 से मौत हो गई. मृतक का बेटा सिर्फ अंतिम संस्कार के लिए हरिश्चन्द्र घाट पर लेकर पंहुचा था.

मृतक का बेटे का दोस्त मोसैफ हुसैन है. उससे अपने दोस्त की तकलीफ देखी नहीं गई. फिर मोहल्ले के ही मोसैफ सुहैल, आसिफ राइन, शमशाद उर्फ मुन्नान और जाफर महमूद ने मदद की.

जाफर महमूद एक सांध्य दैनिक से जुड़ा हुआ है जबकि बाकी के युवक दुकानदार है. युवकों ने बताया कि उन्होंने देखा कि अंतिम संस्कार के दौरान युवक को तकलीफ उठानी पड़ रही है, उन्होंने मदद करने की ठानी और मदद की.

सभी युवकों ने साहस का परिचय देते हुए कोविड 19 से मृत महिला का शव एम्बुलेंस से उतारकर 200 मीटर दूर चिता तक पंहुचाया.

पलामूः कोरोना महामारी का अब सामाजिक दुष्प्रभाव दिख रहा है. समाज से मानवता खत्म हो रही है. हालत यह है कि कोरोना से मौत होने के बाद उनके अपने अंतिम संस्कार से बच रहे हैं. कुछ ऐसा ही मामला यहां देखा गया है. प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर में कोविड 19 से एक महिला के मौत के बाद अंतिम संस्कार में कोई नही पंहुचा, कुछ मुस्लिम युवकों ने अंतिम संस्कार में मदद किया.

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इसके बाद इस गांव के मुस्लिम युवकों ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए इस व्यक्ति का हिन्दू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार किया. मृतक का सिर्फ एक बेटा ही अंतिम संस्कार में पंहुचा था. मदद करने वाले सभी मुस्लिम पवित्र रमजान के महीने में रोजे में थे. जानकारी के अनुसार मेदिनीनगर कन्नीराम चौक के पास एक महिला की कोविड 19 से मौत हो गई. मृतक का बेटा सिर्फ अंतिम संस्कार के लिए हरिश्चन्द्र घाट पर लेकर पंहुचा था.

मृतक का बेटे का दोस्त मोसैफ हुसैन है. उससे अपने दोस्त की तकलीफ देखी नहीं गई. फिर मोहल्ले के ही मोसैफ सुहैल, आसिफ राइन, शमशाद उर्फ मुन्नान और जाफर महमूद ने मदद की.

जाफर महमूद एक सांध्य दैनिक से जुड़ा हुआ है जबकि बाकी के युवक दुकानदार है. युवकों ने बताया कि उन्होंने देखा कि अंतिम संस्कार के दौरान युवक को तकलीफ उठानी पड़ रही है, उन्होंने मदद करने की ठानी और मदद की.

सभी युवकों ने साहस का परिचय देते हुए कोविड 19 से मृत महिला का शव एम्बुलेंस से उतारकर 200 मीटर दूर चिता तक पंहुचाया.

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