पलामूः पांकी को बदनाम करने की साजिश रची गई है. कुछ लोग हैं, जो पांकी को कभी शांत नहीं देखना चाहते हैं. यह बात बुधवार को विधायक डॉ शशिभूषण मेहता ने कही है. डॉ शशिभूषण बुधवार को पांकी हिंसा की सूचना मिलने के बाद स्थिति का जायजा लेने पहुंचे थे. इस दौरान विधायक ने पूरे इलाके का भ्रमण किया और लोगों से बातचीत कर शांत रहने की अपील की.
विधायक ने कहा कि पांकी हिंसा सोची समझी साजिश है. इस घटना की सख्ती से जांच हो, ताकि विवादित स्थल पर पत्थर कहां से आया था. इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. जांच में जो भी दोषी मिले, उसपर कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए. विधायक ने कहा कि हिंसा की घटना को अंजाम देने के लिए एक दिन पहले से पत्थर जमा किया जा रहा था. लेकिन सरकार के खुफिया तंत्र और पुलिस प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं मिली. इससे जाहिर है कि खुफिया तंत्र विफल है.
विधायक ने कहा कि इस घटना पर नजर बनाए हुए हैं और पूरे मामले में सरकार से उच्चस्तरीय जांच की मांग की हैं. उन्होंने कहा कि पांकी की घटना दुखद है. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सभी लोग शांति बनाए रखें. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा की कोई जगह नहीं है. लोग आपस में भाई भाई हैं, जिसे लोगों को समझने की जरूरत है.
बता दें कि बुधवार की सुबह पलामू के पांकी में महाशिवरात्रि के तोरण द्वार को लेकर आपसी विवाद हो गया था. इस विवाद में दो पक्ष आपस में भिड़ गए थे और जमकर हिंसा हुई थी. इस हिंसा में कई दुकानें और घर जल दिए गए. वहीं, एक दर्जन से अधिक गाड़ियों को क्षतिग्रस्त किया गया. हिंसक घटना के बाद पुलिस प्रशासन ने पांकी के इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया. 500 से अधिक पुलिस बल की तैनाती की गई है, ताकि हिंसक घटना नहीं घटे. घटनास्थल पर पलामू आईजी राजकुमार लकड़ा, डीसी ए दोड्डे, एसपी चंदन कुमार सिन्हा समेत कई वरीय अधिकारी कैंप किए हैं.