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दूल्हा दुल्हन और बारातियों को पर्यावरण बचाने की शपथ, पर्यावरणविद ने शुरू किया अभियान - Jharkhand news

Message of saving environment. पलामू में पर्यावरण बचाने के लिए अनूठी मुहिम चलाई जा रही है. इसके तहत दूल्हा दुल्हन समेत पूरे बारातियों को पर्यावरण को बचाने के लिए शपथ दिलाई जाती है. इसके अलावा सभी को गिफ्ट के तौर पर पौधा भी दिया जाता है. अब तक पांच हजार से अधिक शादियों में पर्यावरण धर्म की शपथ दिलाई जा चुकी है और हजारों पौधों का वितरण हो चुका है.

Message of saving environment from wedding ceremony
Message of saving environment from wedding ceremony
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 12, 2023, 4:02 PM IST

पलामू: पर्यावरण बचाने के लिए दुमका में अनोखी मुहिम चलाई जा रही है. इसकी शुरुआत विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान और वन राखी मूवमेंट के प्रणेता कौशल किशोर जायसवाल ने की है. कौशल किशोर जायसवाल को कई इलाकों में शादियों में निमंत्रण मिलता है. खास बात ये है कि शादियों में कौशल पौधे लेकर भाग लेने जाते हैं. इन शादियों में न सिर्फ दूल्हा दुल्हन को उपहार के रूप में पौधे देते हैं, बल्कि शादी समारोह में शामिल लोगों को भी पौधा देते हैं और पर्यावरण धर्म की शपथ भी दिलवाते हैं.

कौशल किशोर जायसवाल, झारखंड, बिहार छत्तीसगढ़, एमपी समेत कई इलाको में शादियों में पौधों का वितरण कर चुके हैं. कौशल बताते हैं कि वह शादी के साथ-साथ अन्य पारिवारिक समारोह में भी उपहार के रूप में पौधों का वितरण करते हैं. इस दौरान पर्यावरण को बचाने की शपथ भी दिलाई जाती है और लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जाता है. वे बताते है कि पिछले कई वर्षों से वह इस अभियान को चला रहे हैं. उनका कहना है कि आने वाले वक्त में पर्यावरण का संकट बड़ा संकट होगा इसे बचाने के लिए मुहिम चलाई जा रही है.

50 लाख से अधिक पौधों का वितरण कर चुके हैं कौशल किशोर जायसवाल: कौशल किशोर जयसवाल मूल रूप से पलामू के छतरपुर प्रखंड के डाली के रहने वाले हैं. वह पिछले कई दशकों से पर्यावरण को बचाने के लिए अभियान चला रहे हैं. इस अभियान के क्रम में अब तक में 50 लाख से भी अधिक पौधों का वितरण कर चुके हैं.

कौशल किशोर ने भारत के 102 जिलों के साथ-साथ नेपाल भूटान सिंगापुर मलेशिया में भी पौधों का वितरण किया है. इन्होंने पर्यावरण को बचाने के लिए भारत में पेड़ों को रक्षा सूत्र बांधने की अभियान की शुरुआत की गई थी.

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कौशल किशोर जायसवाल, झारखंड, बिहार छत्तीसगढ़, एमपी समेत कई इलाको में शादियों में पौधों का वितरण कर चुके हैं. कौशल बताते हैं कि वह शादी के साथ-साथ अन्य पारिवारिक समारोह में भी उपहार के रूप में पौधों का वितरण करते हैं. इस दौरान पर्यावरण को बचाने की शपथ भी दिलाई जाती है और लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जाता है. वे बताते है कि पिछले कई वर्षों से वह इस अभियान को चला रहे हैं. उनका कहना है कि आने वाले वक्त में पर्यावरण का संकट बड़ा संकट होगा इसे बचाने के लिए मुहिम चलाई जा रही है.

50 लाख से अधिक पौधों का वितरण कर चुके हैं कौशल किशोर जायसवाल: कौशल किशोर जयसवाल मूल रूप से पलामू के छतरपुर प्रखंड के डाली के रहने वाले हैं. वह पिछले कई दशकों से पर्यावरण को बचाने के लिए अभियान चला रहे हैं. इस अभियान के क्रम में अब तक में 50 लाख से भी अधिक पौधों का वितरण कर चुके हैं.

कौशल किशोर ने भारत के 102 जिलों के साथ-साथ नेपाल भूटान सिंगापुर मलेशिया में भी पौधों का वितरण किया है. इन्होंने पर्यावरण को बचाने के लिए भारत में पेड़ों को रक्षा सूत्र बांधने की अभियान की शुरुआत की गई थी.

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