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विधानसभा चुनाव 2019: पलामू की जनता का मेनिफेस्टो

सूबे में विधानसभा चुनाव 2019 जल्द ही होने वाले हैं. इसको लेकर जनता ने अपना मेनिफेस्टो जारी कर दिया है. विधानसभा चुनाव 2019 को लेकर जनता में मिली जुली प्रतिक्रिया है. लोग खुलकर शिक्षा, सिंचाई, स्वास्थ्य और रोड की समुचित व्यवस्था की मांग करते हैं. लोगों का कहना है कि सरकार ने काम किया है, लेकिन और बेहतर होना चाहिए. शिक्षा से बहुत बदलाव होगा, रोजगार नहीं मिलने से बड़ी संख्या में लोग पलायन करते हैं.

पलामू की जनता का मेनिफेस्टो
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Published : Sep 7, 2019, 9:05 PM IST

पलामू: देश के 100 पिछड़े जिलों की सूची में शामिल पलामू अकाल, सुखाड़, पलायन और नक्सल हिंसा के लिए जाना जाता है. विधानसभा चुनाव 2019 नजदीक आ गया है. पलामू में 5 विधानसभा सीट हैं. डालटनगंज, पांकी, विश्रामपुर, हुसैनाबाद और पाटन छत्तरपुर.

वीडियो में देखें ये स्पेशल स्टोरी

पलामू की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से कृषि आधारित है. उद्योग के नाम पर सिर्फ 1 केमिकल फैक्ट्री और 2 कोल माइंस हैं. पलामू की आबादी 2011 की जनसंख्या के अनुसार, 19.36 लाख है. साक्षरता दर लगभग 67 प्रतिशत है. पलामू की सीमा बिहार से सटी हुई है और जनजीवन बिहार से काफी प्रभावित है.

Manifesto of the people of Palamu in assembly election 2019, विधानसभा चुनाव 2019
पलामू की जनता का मेनिफेस्टो

ये भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव 2019: हटिया विधानसभा की जनता का मेनिफेस्टो

विधानसभा चुनाव 2019 को लेकर जनता में मिली जुली प्रतिक्रिया है. लोग खुलकर शिक्षा, सिंचाई, स्वास्थ्य और रोड की समुचित व्यवस्था की मांग करते हैं. लोगों का कहना है कि सरकार ने काम किया है, लेकिन और बेहतर होना चाहिए. शिक्षा से बहुत बदलाव होगा, रोजगार नहीं मिलने से बड़ी संख्या में लोग पलायन करते हैं.

Manifesto of the people of Palamu in assembly election 2019, विधानसभा चुनाव 2019
पलामू की जनता का मेनिफेस्टो

पलामू: देश के 100 पिछड़े जिलों की सूची में शामिल पलामू अकाल, सुखाड़, पलायन और नक्सल हिंसा के लिए जाना जाता है. विधानसभा चुनाव 2019 नजदीक आ गया है. पलामू में 5 विधानसभा सीट हैं. डालटनगंज, पांकी, विश्रामपुर, हुसैनाबाद और पाटन छत्तरपुर.

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पलामू की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से कृषि आधारित है. उद्योग के नाम पर सिर्फ 1 केमिकल फैक्ट्री और 2 कोल माइंस हैं. पलामू की आबादी 2011 की जनसंख्या के अनुसार, 19.36 लाख है. साक्षरता दर लगभग 67 प्रतिशत है. पलामू की सीमा बिहार से सटी हुई है और जनजीवन बिहार से काफी प्रभावित है.

Manifesto of the people of Palamu in assembly election 2019, विधानसभा चुनाव 2019
पलामू की जनता का मेनिफेस्टो

ये भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव 2019: हटिया विधानसभा की जनता का मेनिफेस्टो

विधानसभा चुनाव 2019 को लेकर जनता में मिली जुली प्रतिक्रिया है. लोग खुलकर शिक्षा, सिंचाई, स्वास्थ्य और रोड की समुचित व्यवस्था की मांग करते हैं. लोगों का कहना है कि सरकार ने काम किया है, लेकिन और बेहतर होना चाहिए. शिक्षा से बहुत बदलाव होगा, रोजगार नहीं मिलने से बड़ी संख्या में लोग पलायन करते हैं.

Manifesto of the people of Palamu in assembly election 2019, विधानसभा चुनाव 2019
पलामू की जनता का मेनिफेस्टो
Intro:मैनिफेस्टो पलामू

नीरज कुमार। पलामू

देश के 100 पिछड़े जिलो की सूची में शामिल पलामू अकाल,सुखाड़, पलायन और नक्सल हिंसा के लिए जाना जाता है। विधानसभा चुनाव नजदीक आ गया है। पलामू में पांच विधानसभा क्षेत्र है डालटनगंज, पांकी, बिश्रामपुर, हुसैनाबाद और पाटन छत्तरपुर। पलामू की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से कृषि आधारित है। उधोग के नाम पर सिर्फ एक केमिकल फैक्ट्री और दो कोल माइंस है। पलामू की आबादी 2011 की जनसख्या के अनुसार 19.36 लाख है। साक्षरता दर लगभह 67 प्रतिशत है। पलामू की सीमा बिहार से सटी हुई है और जनजीवन बिहार के काफी प्रभावित है।


Body:चुनाव को लेकर लोगो मे मिली जुली प्रतिक्रिया है। लोग खुल कर शिक्षा, सिंचाई , स्वास्थ्य और रोड की समुचित व्यवस्था की मांग करते है। लोगो का कहना है कि सरकार ने काम किया है लेकिन और बेहतर होना था। शिक्षा से बड़ा बदलाव होगा, रोजगार नही मिलने बड़ी संख्या में लोग पलायन करते हैं।


Conclusion:मैनिफेस्टो पलामू
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