पलामू: देश के 100 पिछड़े जिलों की सूची में शामिल पलामू अकाल, सुखाड़, पलायन और नक्सल हिंसा के लिए जाना जाता है. विधानसभा चुनाव 2019 नजदीक आ गया है. पलामू में 5 विधानसभा सीट हैं. डालटनगंज, पांकी, विश्रामपुर, हुसैनाबाद और पाटन छत्तरपुर.
पलामू की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से कृषि आधारित है. उद्योग के नाम पर सिर्फ 1 केमिकल फैक्ट्री और 2 कोल माइंस हैं. पलामू की आबादी 2011 की जनसंख्या के अनुसार, 19.36 लाख है. साक्षरता दर लगभग 67 प्रतिशत है. पलामू की सीमा बिहार से सटी हुई है और जनजीवन बिहार से काफी प्रभावित है.
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विधानसभा चुनाव 2019 को लेकर जनता में मिली जुली प्रतिक्रिया है. लोग खुलकर शिक्षा, सिंचाई, स्वास्थ्य और रोड की समुचित व्यवस्था की मांग करते हैं. लोगों का कहना है कि सरकार ने काम किया है, लेकिन और बेहतर होना चाहिए. शिक्षा से बहुत बदलाव होगा, रोजगार नहीं मिलने से बड़ी संख्या में लोग पलायन करते हैं.