पलामू: शनिवार को मनातू मौआर के नाम से चर्चित जगदीश्वर सिंह का निधन हो गया. 1978 में मैन इटर ऑफ पलामू के नाम से एक फिल्म बनी थी. उस फिल्म को जगदीश्वर सिंह से जोड़ कर देखा गया था. हालांकि, फिल्म कभी रिलीज नहीं हुई. जगदीश्वर सिंह करीब 95 वर्ष के थे. शनिवार को मनातू स्थित आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली. 80 के दशक में जगदीश्वर सिंह मीडिया में कई कारणों से चर्चा में रहे.
![Manatu Mauar Jagdishwar Singh passed away](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/jh-pal-01-manatu-mauar-death-pkg-7203481_05092020113026_0509f_00481_405.jpg)
चर्चित साहित्यकार महाश्वेता देवी ने अपने उपन्यास भूख में जगदीश्वर सिंह के बारे में विस्तार से चर्चा की है. मनातू मौआर का आसपास के 165 गांव में राज चलता था. 80 और 90 के दशक में देश में सबसे अधिक 96 बंधुआ मजदूर इन्हीं के यहां से मुक्त हुए थे. हालांकि, उस समय की सरकार सभी मुकदमे हार गई थी.
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इस मामले में चर्चित आईपीएस किशोर कुणाल ने सबसे पहले उनके खिलाफ कार्रवाई की थी और मनातू मौआर के यहां से कई वन्य जीवों को भी मुक्त करवाया था. बाद में चर्चित पलामू के तत्कालीन डीसी अमिता पॉल और एसपी पीके सिद्धार्थ ने बंधुआ मजदूरी को लेकर बड़ी कार्रवाई की थी. कहा जाता है कि मनातू मौआर को 80 के दशक में बाघ पालने का शौक था. बड़े जमीदार होने के कारण नक्सलियों ने भी उन्हें नुकशान पहुंचाने की कोशिश की. नक्सलियों के खिलाफ भी अपने जमाने मे उन्होंने लड़ाई लड़ी.