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चिंताजनक: पलामू का युवा वर्ग नशे की गिरफ्त में, सिर्फ 15 % ही पहुंच रहे अस्पताल

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Published : Nov 9, 2020, 9:53 PM IST

पलामू में युवा नशा को स्टेटस सिंबल समझ रहे हैं. यही कारण है कि शौक के लिए शुरू किया गया नशा अब लत बनती जा रही है. इस लत के लिए युवा कुछ भी कर गुजरने को तैयार है. यही वजह है कि जिले में लगातार अपराध बढ़ते जा रहे हैं.

पलामू की बड़ी आबादी हो रही नशे का शिकार
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पलामू: जिले की बड़ी आबादी नशे का शिकार हो रही है. पलामू के युवा नशे के कारण अपराधीकरण की तरफ बढ़ रहे हैं. हेरोइन, ब्राउन शुगर जैसे नशीले पदार्थ भी पलामू में मिलने लगा है. पलामू देश के टॉप पिछड़े जिलों में से एक है. इस पिछड़े जिले में नशे का कारोबार अवैध और वैध रूप से मिला दिया जाए तो सालाना 150 करोड़ से भी अधिक है. झारखंड सरकार ने चालू वितीय वर्ष में 102 करोड़ रुपये की शराब पलामू में बेचने का लक्ष्य रखा है.

देखें पूरी खबर

शौक से शुरू किया गया नशा लगा रही लत

पलामू में युवा नशा को स्टेटस सिंबल समझ रहे हैं. यही कारण है कि शौक के लिए शुरू किया गया नशा अब लत बनती जा रही है. इस लत के लिए युवा कुछ भी कर गुजरने को तैयार हैं. कुछ दिनों पहले पलामू पुलिस ने ब्राउन शुगर के साथ शिवम नाम के एक युवक को गिरफ्तार किया था. वह बीटेक फाइनल सेमेस्टर का छात्र है.

उसे ब्राउन शुगर की इतनी लत थी कि पिता को मजबूरी में उसे पैसे देने पड़ते थे. पलामू के मानसिक स्वास्थ्य के डॉक्टर आशीष बताते हैं कि ट्राई से शुरू हुआ यह बात लत तक पहुंच रही है. पढ़ाई का तनाव और कम समय में पैसे की चाहत युवाओं को नशे की तरफ धकेल रहा है.

ये भी पढ़ें-नोटबंदी आजादी के बाद का सबसे बड़ा घोटाला, प्रधानमंत्री मोदी इसकी वजह से हुई तबाही की लें जिम्मेवारी: रामेश्वर उरांव

सीरप और पेनकिलर का भी कर रहे इस्तेमाल

पलामू में नशा करने वालों की संख्या हजारों में है, लेकिन कुछ लोग ही नशे की लत को छुड़वाने के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं. मानसिक सलाह लेने वाले बेहद ही कम लोग हैं. डॉक्टर आशीष बताते हैं कि शराब और भांग का नशा करने वाले इलाज के लिए सबसे अधिक पंहुचते हैं. अब हेरोइन और ब्राउन शुगर का नशा करने वाले भी इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. नशे के लिए लोग सीरप और पेनकिलर का भी इस्तेमाल कर रहे हैं. उनका कहना है कि एक ऐसा ग्रुप जो कुछ पदार्थों को सूंघता है, वह इलाज के लिए नहीं पंहुच रहे है.

हर स्तर पर जागरूकता अभियान की है जरूरत

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता सह अभिभावक संघ के अध्यक्ष किशोर पांडेय बताते हैं कि नशे के खिलाफ हर स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है. इसके लिए युवाओं के परिजनों को भी आगे आना होगा.

आधुनिक लाइफ स्टाइल लोगों को नशे की तरफ लुभा रहा है. पलामू पुलिस ने हाल के दिनों में कई बड़ी कार्रवाई की है, जिसमें यह बात निकलकर सामने आई है कि नशे के कारोबार का नेटवर्क झारखंड से बाहर से जुड़ा हुआ है.

एसडीपीओ संदीप कुमार गुप्ता का कहना है कि ऐसा देखा जा रहा है कि युवा अधिक नशे का शिकार हो रहे हैं. पुलिस ने एक कार्य योजना तैयार किया है, ताकि पूरे कारोबार के नेटवर्क को ध्वस्त किया जा सके.

पलामू: जिले की बड़ी आबादी नशे का शिकार हो रही है. पलामू के युवा नशे के कारण अपराधीकरण की तरफ बढ़ रहे हैं. हेरोइन, ब्राउन शुगर जैसे नशीले पदार्थ भी पलामू में मिलने लगा है. पलामू देश के टॉप पिछड़े जिलों में से एक है. इस पिछड़े जिले में नशे का कारोबार अवैध और वैध रूप से मिला दिया जाए तो सालाना 150 करोड़ से भी अधिक है. झारखंड सरकार ने चालू वितीय वर्ष में 102 करोड़ रुपये की शराब पलामू में बेचने का लक्ष्य रखा है.

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शौक से शुरू किया गया नशा लगा रही लत

पलामू में युवा नशा को स्टेटस सिंबल समझ रहे हैं. यही कारण है कि शौक के लिए शुरू किया गया नशा अब लत बनती जा रही है. इस लत के लिए युवा कुछ भी कर गुजरने को तैयार हैं. कुछ दिनों पहले पलामू पुलिस ने ब्राउन शुगर के साथ शिवम नाम के एक युवक को गिरफ्तार किया था. वह बीटेक फाइनल सेमेस्टर का छात्र है.

उसे ब्राउन शुगर की इतनी लत थी कि पिता को मजबूरी में उसे पैसे देने पड़ते थे. पलामू के मानसिक स्वास्थ्य के डॉक्टर आशीष बताते हैं कि ट्राई से शुरू हुआ यह बात लत तक पहुंच रही है. पढ़ाई का तनाव और कम समय में पैसे की चाहत युवाओं को नशे की तरफ धकेल रहा है.

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सीरप और पेनकिलर का भी कर रहे इस्तेमाल

पलामू में नशा करने वालों की संख्या हजारों में है, लेकिन कुछ लोग ही नशे की लत को छुड़वाने के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं. मानसिक सलाह लेने वाले बेहद ही कम लोग हैं. डॉक्टर आशीष बताते हैं कि शराब और भांग का नशा करने वाले इलाज के लिए सबसे अधिक पंहुचते हैं. अब हेरोइन और ब्राउन शुगर का नशा करने वाले भी इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. नशे के लिए लोग सीरप और पेनकिलर का भी इस्तेमाल कर रहे हैं. उनका कहना है कि एक ऐसा ग्रुप जो कुछ पदार्थों को सूंघता है, वह इलाज के लिए नहीं पंहुच रहे है.

हर स्तर पर जागरूकता अभियान की है जरूरत

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता सह अभिभावक संघ के अध्यक्ष किशोर पांडेय बताते हैं कि नशे के खिलाफ हर स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है. इसके लिए युवाओं के परिजनों को भी आगे आना होगा.

आधुनिक लाइफ स्टाइल लोगों को नशे की तरफ लुभा रहा है. पलामू पुलिस ने हाल के दिनों में कई बड़ी कार्रवाई की है, जिसमें यह बात निकलकर सामने आई है कि नशे के कारोबार का नेटवर्क झारखंड से बाहर से जुड़ा हुआ है.

एसडीपीओ संदीप कुमार गुप्ता का कहना है कि ऐसा देखा जा रहा है कि युवा अधिक नशे का शिकार हो रहे हैं. पुलिस ने एक कार्य योजना तैयार किया है, ताकि पूरे कारोबार के नेटवर्क को ध्वस्त किया जा सके.

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