पलामू: जिले के नक्सलहीट (नक्सल प्रभावित) इलाकों के बच्चों को डिजिटल फ्रेंडली(Digital friendly) बनाने की कवायद तेज हो गई है. लैपटॉप, मोबाइल जैसे गैजेट की कमी इसमें आड़े न आए. इसके लिए पलामू पुलिस इलेक्ट्रॉनिक गैजेट बैंक (Electronic Gadget Bank) तैयार कर रही है. इस बैंक के माध्यम से नक्सल हीट इलाकों के बच्चों को गैजेट मुहैया कराए जाएंगे, ताकि इन्हें डिजिटल फ्रेंडली बनाया जा सके. जिससे कोविड संकट के इस दौर में बच्चे ऑनलाइन क्लास के जरिये अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें. पलामू के एसपी संजीव कुमार ने बताया कि इस तरह की पहल से गरीब बच्चों को काफी मदद मिलेगी.
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पलामू के कई थानों में तैयार हो रहा बैंक
पलामू पुलिस मेदिनीनगर टाउन, चैनपुर, पड़वा, छत्तरपुर, हरिहरगंज, पांकी, हुसैनाबाद, रेहला और सतबरवा थाने में इलेक्ट्रॉनिक गैजेट बैंक (Electronic Gadget Bank) तैयार कर रही है. इन सभी थानों में आम लोगों से मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर, प्रिंटर आदि जमा करने का आग्रह किया जा रहा है. आम लोगों से पुलिस ने अपील की है कि जिनके पास ये इलेक्ट्रॉनिक सामग्री है और उसका उपयोग नहीं कर रहे हैं तो वे थानों में जमा कर दें ताकि उनके बेकार पड़े गैजेट के सहारे किसी गरीब बच्चे की जिंदगगी में शिक्षा का उजियारा फैलाया जा सके.
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इलेक्ट्रॉनिक गैजेट जमा करने वालों को दी जाएगी रसीद
पलामू पुलिस इलेक्ट्रॉनिक गैजेट (Electronic Gadget) जमा करने वालों को रसीद भी देगी. इस रसीद के माध्यम से पता चल जाएगा कि मोबाइल किसे दिया गया है और कब दिया गया है. बच्चों के बीच वितरित होने वाले इलेक्ट्रॉनिक गैजेट (Electronic Gadget) पर पुलिस नजर रखेगी. फिलहाल पलामू के सरकारी स्कूलों में चार लाख गरीब बच्चे नामांकित हैं. जिनमें से 1.5 लाख के करीब ही बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर पा रहे हैं. पलामू रेंज की पुलिस ने कुछ साल पहले तारे जमीन पर एक कार्यक्रम की शुरुआत की थी. इस कार्यक्रम के माध्यम से गरीब बच्चों को पढ़ाई की सामग्री उपलब्ध कराया गया था.