पलामू: बूढ़ा पहाड़ पर माओवादियों के खिलाफ अभियान ऑक्टोपस जारी (Jharkhand Police action continues in Budha Pahar) है. इस अभियान के लिए सुरक्षाबल के जवानों ने खुद से कच्चा पुल और रास्ता तैयार किया है. पलामू रेंज के डीआईजी राजकुमार लकड़ा और सीआरपीएफ डीआईजी विनय नेगी ने दो दिनों तक बूढ़ा पहाड़ के इलाके में कैम्प किया है और अभियान की मॉनिटरिंग की. अभियान के क्रम में सुरक्षाबल तिसिया और नावाटोली में कैम्प स्थापित कर रहे हैं.
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झारखंड पुलिस बूढ़ा पहाड़ के इलाके में कैम्प और कम्युनिकेशन को मजबूत कर रही है. बेहतर कम्युनिकेशन के लिए दोनों जगह पर फोर जी मोबाइल टावर लगाने की योजना है. बूढ़ा पहाड़ के इलाके में तिसिया और नवाटोली के लिए कच्चे रास्ते बनाए जा रहे हैं. सुरक्षाबलों का पहला लक्ष्य है कि तिसिया और नावाटोली में कैम्प स्थापित हो जाए. कैम्प बनाने के लिए आधा दर्जन जेसीबी और 40 से अधिक ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है.
बूढ़ा नदी अभियान के क्रम में बनती थी बाधा, बनाया पूल: बूढ़ा पहाड़ अभियान के क्रम में बूढ़ा नदी सबसे बड़ी बाधा थी. बरसात के दिनों में इस इलाके में अभियान चलाना मुश्किल था. सुरक्षाबलों ने बूढ़ा नदी पर ह्यूम पाइप के माध्यम से पुल बनाया और तिसिया कैम्प तक कच्चा रास्ता बना लिया है. तिसिया के ग्रामीणों ने सुरक्षाबलों से स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है. करीब 300 मीटर चौड़े बूढ़ा नदी में बरसात के दिनों में पानी भर जाता था जिस कारण सुरक्षाबल आगे नहीं बढ़ पाते थे. जवानों ने 1 सप्ताह में ही कच्चा पुल बनाकर तैयार कर लिया है.
जवानों ने बूढ़ा पहाड़ के इलाके में लगाया तिरंगा: अभियान के क्रम में बूढ़ा पहाड़ के इलाके में सुरक्षा बल धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे हैं. अभियान में शामिल जवानों ने बूढ़ा पहाड़ के इलाके में तिसिया के पहाड़ से और ऊपर तिरंगा लगाया है. अभियान के क्रम में सुरक्षाबल हाई अलर्ट पर हैं. अभियान के दौरान सुरक्षा बलों की गतिविधि को लेकर माओवादी इलाके को छोड़कर भाग गए हैं. लेकिन सुरक्षाबलों को अंदेशा है कि माओवादी इंतजार कर रहे हैं. सुरक्षा वाल अभियान के क्रम में एक एक इलाके को सैनिटाइज कर रहे हैं. बूढ़ा पहाड़ अभियान में 40 कंपनियों से भी अधिक सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है.