पलामू: कौन हैं वे 54 लोग जिनके हथियार के लाईसेंस की जांच हो रही है. जांच का जिम्मा सुरक्षा से जुड़े हुए एक सरकारी एजेंसी को दी गई है. पलामू में पिछले कुछ दिनों से हथियारों का लाइसेंस चर्चा में बना हुआ है. पिछले एक वर्ष में कई लोगों को हथियार के लाइसेंस जारी किए गए हैं. जिन लोगों के हथियार के लाइसेंस की जांच हो रही है, उनके नाम पर पिछले छह से सात महीने के अंदर लाइसेंस जारी किया गया है.
आशंका जताई जा रही है हथियार के लाइसेंस को लेकर जो मेडिकल सर्टिफिकेट जारी किया गया है और हथियार हैंडल करने का सर्टिफिकेट फर्जी हो सकता है. जिन लोगों को पिछले कुछ दिनों में लाइसेंस दिए गए हैं उनके औचित्य पर भी जांच की जा रही है. लाइसेंस धारक को वाकई में सुरक्षा का खतरा है या नहीं इस बिंदु पर भी रिपोर्ट मांगी गई है.
कई सरकारी कर्मी जबकि एक ही परिवार में कई लोगों को दिया गया है लाईसेंस: पलामू में पिछले कुछ महीनों में कई सरकारी कर्मी जबकि एक ही परिवार में कई लोगों को हथियार के लाइसेंस जारी किए गए हैं. हथियार के लाइसेंस लेने वालों में एक ही परिवार के पति-पत्नी हैं. जिन 54 लाइसेंस की जांच होनी है उनमें पांच महिलाएं भी हैं. 10 हरिहरगंज, हुसैनाबाद, छतरपुर, जबकि 27 लाइसेंस धारक मेदिनीनगर के हैं. लाइसेंस धारकों में कई सीनियर पुलिस अधिकारी, ठेकेदार, सरकारी कर्मचारी शामिल हैं. सदर एसडीएम कार्यालय में तैनात एक कर्मचारी को भी लाइसेंस मिला है. एक लाईसेंस धारक पर पुलिस को रौंदने का भी आरोप लगा था. मामले में प्रशासनिक पक्ष जानने के लिए संबंधित अधिकारी को कॉल किया गया तो उन्होंने कार्यालय बुलाया फिर कॉल उठाना बंद कर दिया.
पलामू में दो हजार के करीब हथियार के लाइसेंस धारक: दरअसल पलामू में दो हजार के करीब हथियारों के लाइसेंस धारक हैं. 2018-19 तक पलामू में करीब 1811 लोगों के पास लाइसेंसी हथियार थे. उसके बाद कई लोगों को हथियार का लाइसेंस दिया गया है. 2014 तक पलामू में करीब 6600 लोगों के पास हथियार के लाइसेंस थे. लेकिन अभियान चला कर 4400 के करीब लाईसेंस को रद्द किया गया था. आजसू नेता सतीश कुमार ने कहा कि लोग दिखावा के लिए हथियार के लाइसेंस ले रहे हैं. एक खास वर्ग को लाइसेंस दिया गया है. समाज के लिए यह ठीक नहीं है, प्रशासन को अभियान चला कर इसे रद्द करना चाहिए.
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