पलामू: स्प्रिट के करोड़ो के काले कारोबार के मामले में परत दर परत कई जानकारी निकल कर सामने आ रही है. पलामू में जब्त स्प्रिट मामले में पुलिस और उत्पाद विभाग अलग-अलग जांच कर रही है. जांच के दौरान कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. पलामू पुलिस ने स्प्रिट कारोबार के खिलाफ पिछले एक महीने में दो बड़ी कार्रवाई की है. 25 अप्रैल को रेहला थाना से महज 500 मीटर की दूरी पर 295 ड्राम स्प्रिट पकड़ा गया, जबकि 15 मई को सदर थाना क्षेत्र के सिंगरा में 10 हजार लीटर स्प्रिट पकड़ा गया था. इस दौरान बिहार का शराब माफिया विजय सिंह पटेल और उसके चार साथी पकड़े गए थे. विजय को बिहार पुलिस ले गई थी जबकि बाकी के चार आरोपियों को पलामू पुलिस ने जेल भेजा.
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करोड़ों का है कारोबार
स्प्रिट के काले कारोबार में झारखंड के एक बड़े राजनीतिक हस्ती का संरक्षण है. ये व्यक्ति एक राजनीतिक दल से जुड़ा हुआ था और उसे पार्टी से निष्काषित किया गया है. जांच एजेंसियां सभी कड़ियों को मिला रही है. पलामू में पकड़े गए स्प्रिट के तस्करी के आरोपी पकड़े गए चार आरोपी में दो ने विदेशों में पढ़ाई की है. अधिकारियों से तस्करों ने बताया है कि गिरोह में शामिल एक एक व्यक्ति 15 से 20 करोड़ महीने की कमाता है.
थानेदार भी काले कारोबार में लिप्त
पलामू में स्प्रिट के काले कारोबार के मामले में एक थानेदार पर भी गाज गिर चुकी है. थानेदार पर स्प्रिट के काले कारोबार को संरक्षण देने का आरोप है. पूरे मामले में बिहार की पुलिस झारखंड पुलिस को पत्र लिखी थी. पत्र में संबंधित थानेदार का भी चित्र था. बिहार पुलिस ने झारखंड पुलिस को लिखे पत्र में कहा कि झारखंड के इलाके से बड़े पैमाने पर स्पीड की तस्करी होकर बिहार में आ रही है.