पलामू: अनुबंध पर कार्यरत स्वास्थ्य कर्मी आंदोलन पर अड़ गए है. रांची में विभाग के प्रधान सचिव के साथ वार्ता विफल होने के बाद हड़ताल का दायरा बढ़ गया है. पलामू सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष हड़ताली कर्मियों ने शुक्रवार को प्रदर्शन किया.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत अनुबंध पर कार्यरत कर्मियों के हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो गई है. कोरोना से निपटने को लेकर उठाए गए जरूरी कदम प्रभावित हुए है. कोविड 19 की जांच प्रभावित हुई है. प्रतीदिन सैकड़ों में होने वाली जांच सिमट गई है.
अनुबंध पर कार्यरत कर्मियों के हड़ताल
अनुबंध पर कार्यरत कर्मियों के हड़ताल के कारण जिला मानसिक अस्पताल में इलाज रुक गया है. जबकि गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी, एचआईवी रोगियों की जांच और इलाज प्रभावित हुए है. ग्रामीण इलाके में टीकाकरण बंद हो गई है. एनएचएम के तहत अनुबंध पर कार्यरत स्वास्थ्य कर्मी अपनी सेवा को स्थाई करने समेत कई मांगे कर रहे है.
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धमकी देने से नहीं डरने वाले है स्वास्थ्य कर्मी
हड़ताली कर्मियों का कहना है कि वे सरकार की धमकी से डरने वाले नहीं है. वे सरकार के दमनकारी नीतियों के खिलाफ आंदोलन किया है, उनका आंदोलन जारी रहेगा. बता दें कि अनुबंधित स्वास्थ्य कर्मियों को कहा गया है कि हड़ताल खत्म करते हुए काम पर वारस आए, नहीं तो 24 घंटे के अंदर काम से हटा दिया जाएगा.
कोरोना काल में एक और परेशानी
बता दें कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच सरकार और स्वास्थ्य विभाग के लिए नई परेशानी सामने आ गई है. पलामू में कोरोना जांच से लेकर कोविड-19 अस्पतालों में काम में लगे अनुबंध पर कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी मांगों के समर्थन में बुधवार से हड़ताल पर हैं. इससे कई अस्पतालों की सेवा पूरी तरह से ठप हो गई है.