ETV Bharat / state

पलामूः स्वतंत्रता सेनानी नीलकंठ सहाय का 101 वर्ष में निधन, कल कोयल नदी के तट पर होगा अंतिम संस्कार

पलामू में स्वतंत्रता सेनानी नीलकंठ सहाय का 101 वर्ष में गुरुवार को निधन हो गया. वे कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे. उनके निधन से पूरे पलामू में शोक है. शुक्रवार को कोयल नदी के तट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

author img

By

Published : Mar 11, 2021, 4:11 PM IST

Updated : Mar 11, 2021, 9:29 PM IST

freedom fighter neelkanth sahai died in 101 years
स्वतंत्रता सेनानी नीलकंठ सहाय का 101 वर्ष में निधन

पलामूः स्वतंत्रता सेनानी नीलकंठ सहाय का 101 वर्ष में गुरुवार को निधन हो गया. वे कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे. जिला प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर के टाउन थाना के पास आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली. नीलकंठ सहाय एक मात्र जीवित सेनानी पलामू में थे. उनके परिवार में एक पुत्र और तीन पुत्रियां हैं.

इसे भी पढे़ं: पलामू में चार वर्षीय मासूम अगवा, गुस्साए लोगों ने किया रोड जाम

नीलकंठ सहाय का जन्म 22 दिसंबर 1922 को डाल्टनगंज के अमलाटोली में हुआ था. मात्र 20 वर्ष की आयु में वे अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में शामिल हुए थे. 1942 में रांची में गिरफ्तार हुए थे और हजारीबाग जेल में बंद रहे थे. उनके निधन से पलामू में शोक है. पलामू डीसी शशि रंजन और एसपी संजीव कुमार ने नीलकंठ सहाय के पार्थिव शरीर का दर्शन किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी.

1981 में पीडब्ल्यूडी से रिटायर हुए थे नीलकंठ सहाय

भारत के आजादी के बाद नीलकंठ सहाय की पीडब्ल्यूडी रांची ऑफिस में नौकरी लगी थी. 1956 में गढ़वा में पीडब्ल्यूडी ऑफिस स्थापित करने के लिए उनका तबादला हुआ था. बाद में वे 1959 में मेदिनीनगर के पीडब्ल्यूडी कार्यालय में तबादला हुआ. यही से वे 1981 में रिटायर हुए थे. पीडब्ल्यूडी कार्यालय के सामने ही नीलकंठ सहाय ने अपना आवास बनाया था.

कोयल नदी के तट पर किया जाएगा अंतिम संस्कार

नीलकंठ सहाय ने भारत छोड़ो आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. शुक्रवार को कोयल नदी के तट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

पलामूः स्वतंत्रता सेनानी नीलकंठ सहाय का 101 वर्ष में गुरुवार को निधन हो गया. वे कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे. जिला प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर के टाउन थाना के पास आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली. नीलकंठ सहाय एक मात्र जीवित सेनानी पलामू में थे. उनके परिवार में एक पुत्र और तीन पुत्रियां हैं.

इसे भी पढे़ं: पलामू में चार वर्षीय मासूम अगवा, गुस्साए लोगों ने किया रोड जाम

नीलकंठ सहाय का जन्म 22 दिसंबर 1922 को डाल्टनगंज के अमलाटोली में हुआ था. मात्र 20 वर्ष की आयु में वे अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में शामिल हुए थे. 1942 में रांची में गिरफ्तार हुए थे और हजारीबाग जेल में बंद रहे थे. उनके निधन से पलामू में शोक है. पलामू डीसी शशि रंजन और एसपी संजीव कुमार ने नीलकंठ सहाय के पार्थिव शरीर का दर्शन किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी.

1981 में पीडब्ल्यूडी से रिटायर हुए थे नीलकंठ सहाय

भारत के आजादी के बाद नीलकंठ सहाय की पीडब्ल्यूडी रांची ऑफिस में नौकरी लगी थी. 1956 में गढ़वा में पीडब्ल्यूडी ऑफिस स्थापित करने के लिए उनका तबादला हुआ था. बाद में वे 1959 में मेदिनीनगर के पीडब्ल्यूडी कार्यालय में तबादला हुआ. यही से वे 1981 में रिटायर हुए थे. पीडब्ल्यूडी कार्यालय के सामने ही नीलकंठ सहाय ने अपना आवास बनाया था.

कोयल नदी के तट पर किया जाएगा अंतिम संस्कार

नीलकंठ सहाय ने भारत छोड़ो आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. शुक्रवार को कोयल नदी के तट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

Last Updated : Mar 11, 2021, 9:29 PM IST

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.