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बच्चों की पढ़ाई के लिए फूट-फूटकर रोया पूर्व नक्सली, अब जिला प्रशासन बनेगा ऋण के लिए गारंटर, देगा नौकरी

बच्चों की पढ़ाई के लिए पूर्व नक्सली डीसी दरबार में फूट-फूटकर रोने लगा. मुख्य धारा में आए नक्सली ने डीसी को दुखड़ा सुनाया तो डीसी ने उसके ऋण के लिए गारंटर बनने का भरोसा (dc to be guarantor for loan) दिलाया. वहीं उसे संविदा पर नौकरी देने का भी अधिकारियों को निर्देश दिया.

Former Naxalite palamu
बच्चों की पढ़ाई के लिए फूट-फूटकर रोया पूर्व नक्सली
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Published : Sep 2, 2022, 11:05 PM IST

पलामूः एक निजी स्कूल ने स्कूल की फीस नहीं भरने पर आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली कृष्णा सिंह के बच्चों का नाम काट दिया था. पूरे मामले को लेकर कृष्णा सिंह फरियाद लेकर शुक्रवार को पलामू डीसी ए दोड्डे के जनता दरबार में पहुंचा था. पूर्व नक्सली कृष्णा सिंह पलामू डीसी के सामने अपने हालात को लेकर फूट-फूट कर रोने लगा. इस पर पलामू डीसी ने कृष्णा सिंह के हालात की जानकारी ली और तत्काल निजी स्कूल को कॉल कर बच्चों को स्कूल में दाखिल करने को कहा. डीसी ने कृष्णा सिंह को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है.

ये भी पढ़ें-धनबाद के प्राइवेट स्कूल में एक-एक कर सात बच्चे हुए बेहोश, स्कूल में मचा हड़कंप

इस दौरान कृष्णा सिंह ने डीसी को बताया कि बैंक से ऋण नहीं दे रहा है क्योंकि कोई भी व्यक्ति गारंटर नहीं बन रहा है. इस पर आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली कृष्णा सिंह को ऋण दिलवाने के लिए पलामू जिला प्रशासन ने गारंटर बनने का फैसला किया. डीसी ने कृष्णा सिंह को आश्वासन दिया कि वे खुद उसका गारंटर बनेंगे और जिला प्रशासन उसे ऋण दिलवाएगा. डीसी ने कृष्णा सिंह को अपना निजी नंबर देते हुए कहा कि वे किसी भी वक्त अपनी समस्याओं को लेकर उन्हें कॉल कर सकते हैं.

डीसी ने वरीय अधिकारियों को बुलाकर कृष्णा सिंह को ड्राइविंग का प्रशिक्षण देने को कहा. साथ ही सरकारी कार्यालय में अनुबंध पर नौकरी देने का निर्देश दिया. 11 दिसंबर 2018 को पलामू के बिश्रामपुर थाना क्षेत्र के कौड़िया के रहने वाले कृष्णा सिंह ने सरकार के समक्ष आत्मसमर्पण किया था. कृष्णा सिंह माओवादियों का सदस्य था और उस दौरान उस पर एक लाख रुपये का इनाम था. शुक्रवार को डीसी ने जनता दरबार में 100 से भी अधिक आवेदनों का निष्पादन किया है.

पलामूः एक निजी स्कूल ने स्कूल की फीस नहीं भरने पर आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली कृष्णा सिंह के बच्चों का नाम काट दिया था. पूरे मामले को लेकर कृष्णा सिंह फरियाद लेकर शुक्रवार को पलामू डीसी ए दोड्डे के जनता दरबार में पहुंचा था. पूर्व नक्सली कृष्णा सिंह पलामू डीसी के सामने अपने हालात को लेकर फूट-फूट कर रोने लगा. इस पर पलामू डीसी ने कृष्णा सिंह के हालात की जानकारी ली और तत्काल निजी स्कूल को कॉल कर बच्चों को स्कूल में दाखिल करने को कहा. डीसी ने कृष्णा सिंह को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है.

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इस दौरान कृष्णा सिंह ने डीसी को बताया कि बैंक से ऋण नहीं दे रहा है क्योंकि कोई भी व्यक्ति गारंटर नहीं बन रहा है. इस पर आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली कृष्णा सिंह को ऋण दिलवाने के लिए पलामू जिला प्रशासन ने गारंटर बनने का फैसला किया. डीसी ने कृष्णा सिंह को आश्वासन दिया कि वे खुद उसका गारंटर बनेंगे और जिला प्रशासन उसे ऋण दिलवाएगा. डीसी ने कृष्णा सिंह को अपना निजी नंबर देते हुए कहा कि वे किसी भी वक्त अपनी समस्याओं को लेकर उन्हें कॉल कर सकते हैं.

डीसी ने वरीय अधिकारियों को बुलाकर कृष्णा सिंह को ड्राइविंग का प्रशिक्षण देने को कहा. साथ ही सरकारी कार्यालय में अनुबंध पर नौकरी देने का निर्देश दिया. 11 दिसंबर 2018 को पलामू के बिश्रामपुर थाना क्षेत्र के कौड़िया के रहने वाले कृष्णा सिंह ने सरकार के समक्ष आत्मसमर्पण किया था. कृष्णा सिंह माओवादियों का सदस्य था और उस दौरान उस पर एक लाख रुपये का इनाम था. शुक्रवार को डीसी ने जनता दरबार में 100 से भी अधिक आवेदनों का निष्पादन किया है.

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