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सरकार आपके द्वारा कार्यक्रम में विकास की मांग को लेकर पहुंचा पूर्व माओवादी कमांडर, कहा- गरीबी है नक्सली बनने का कारण - पूर्व नक्सली कमांडर का इंटरव्यू

पलामू में सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में पूर्व माओवादी कमांडर परिखा यादव पहुंचा. उसने अपने क्षेत्र में विकास की मांग की. परिखा यादव ने ईटीवी भारत से बातचीत में नक्सली बनने का कारण भी बताया.

Former Naxalite commander interview
पूर्व माओवादी कमांडर परिखा यादव
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Published : Jan 29, 2020, 9:46 PM IST

Updated : Jan 29, 2020, 10:35 PM IST

पलामू: कभी जिस इलाके में खुद सरकार की समामंतर सभा का आयोजन करता था और खुद उस इलाके में सरकार की योजना मांगने पहुंचा माओवादी टॉप कमांडर. माओवादीयो के पूर्व सबजोनल कमांडर परिखा यादव पलामू के अतिनक्सल हीट इलाका छत्तरपुर के कालापहाड़ में आयोजित प्रशासन आपके द्वार कार्यक्रम में भाग लेने पंहुचा था. वह सरकारी तंत्र से क्षेत्र में कई विकास योजनाओं की मांग करने पंहुचा था. परिखा यादव कालापहाड़ पंचायत के लावादाग गांव का रहने वाला है. वह 1991 से लेकर 2005 तक माओवादियों के सक्रिय दस्ता में रहा था. वह बाल दस्ता में शामिल हुआ था और माओवादियो का सबजोनल कमांडर बना. 2005 में जेल गया था और काफी लंबे समय तक जेल में रहा. जेल से बाहर निकलने के बाद वह मुख्यधारा में शामिल हो गया.

पूर्व माओवादी कमांडर परिखा यादव
परिखा यादव जो खुद कभी सरकार के समानांतर सरकार चलाता था आज उसे सरकारी तंत्र पर विश्वास है. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान परिखा यादव ने कहा कि गरीबी और बेरोजगारी नक्सली बनने का सबसे बड़ा कारण है. वह बताता है कि वह गरीबी में नक्सल आंदोलन से जुड़ गया था. गांव में अक्सर माओवादी दस्ता आता जाता था जिसके वह संपर्क में आया और वह शामिल हो गया. जीवन का 15 वर्ष माओवादी आंदोलन को देने के बाद वह साफ तौर पर कहता है कि माओवादी सिद्धान्त से भटक चुके है. वह बताते हैं कि पहले माओवादी जनता के लिए काम करते थे अब ठेकेदार के लिए काम करते हैं इसलिए कमजोर हो गए है.

ये भी पढ़ें- सरयू राय ने की मांग आरसीडी में कथित घोटालों की हो एसआईटी से जांच, तत्कालीन सीएम और सचिव हैं जिम्मेदार

परिखा यादव ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताता है कि पहले माओवादी कुछ भी किसी के घर मे खाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है. अब वे ब्रांडेड जूते के शौकीन हो गए हैं. वह बताता है कि अब पहले वाली बात नहीं. माओवादी बेहद कमजोर हो गए हैं. वह यह भी बोलता है. माओवादी कमजोर तो हो गए हैं, लेकिन क्षेत्र नहीं बदला है. आज भी उसका इलाका रोड, पानी, बिजली के लिए तरस रहा है. वह बताता है कि गरीबी और बेरोजगारी नक्सली बनने का बड़ा कारण है.

पलामू: कभी जिस इलाके में खुद सरकार की समामंतर सभा का आयोजन करता था और खुद उस इलाके में सरकार की योजना मांगने पहुंचा माओवादी टॉप कमांडर. माओवादीयो के पूर्व सबजोनल कमांडर परिखा यादव पलामू के अतिनक्सल हीट इलाका छत्तरपुर के कालापहाड़ में आयोजित प्रशासन आपके द्वार कार्यक्रम में भाग लेने पंहुचा था. वह सरकारी तंत्र से क्षेत्र में कई विकास योजनाओं की मांग करने पंहुचा था. परिखा यादव कालापहाड़ पंचायत के लावादाग गांव का रहने वाला है. वह 1991 से लेकर 2005 तक माओवादियों के सक्रिय दस्ता में रहा था. वह बाल दस्ता में शामिल हुआ था और माओवादियो का सबजोनल कमांडर बना. 2005 में जेल गया था और काफी लंबे समय तक जेल में रहा. जेल से बाहर निकलने के बाद वह मुख्यधारा में शामिल हो गया.

पूर्व माओवादी कमांडर परिखा यादव
परिखा यादव जो खुद कभी सरकार के समानांतर सरकार चलाता था आज उसे सरकारी तंत्र पर विश्वास है. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान परिखा यादव ने कहा कि गरीबी और बेरोजगारी नक्सली बनने का सबसे बड़ा कारण है. वह बताता है कि वह गरीबी में नक्सल आंदोलन से जुड़ गया था. गांव में अक्सर माओवादी दस्ता आता जाता था जिसके वह संपर्क में आया और वह शामिल हो गया. जीवन का 15 वर्ष माओवादी आंदोलन को देने के बाद वह साफ तौर पर कहता है कि माओवादी सिद्धान्त से भटक चुके है. वह बताते हैं कि पहले माओवादी जनता के लिए काम करते थे अब ठेकेदार के लिए काम करते हैं इसलिए कमजोर हो गए है.

ये भी पढ़ें- सरयू राय ने की मांग आरसीडी में कथित घोटालों की हो एसआईटी से जांच, तत्कालीन सीएम और सचिव हैं जिम्मेदार

परिखा यादव ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताता है कि पहले माओवादी कुछ भी किसी के घर मे खाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है. अब वे ब्रांडेड जूते के शौकीन हो गए हैं. वह बताता है कि अब पहले वाली बात नहीं. माओवादी बेहद कमजोर हो गए हैं. वह यह भी बोलता है. माओवादी कमजोर तो हो गए हैं, लेकिन क्षेत्र नहीं बदला है. आज भी उसका इलाका रोड, पानी, बिजली के लिए तरस रहा है. वह बताता है कि गरीबी और बेरोजगारी नक्सली बनने का बड़ा कारण है.

Intro:सरकार आपके द्वारा कार्यक्रम में क्षेत्र में विकास की मांग को लेकर पंहुचा पूर्व माओवादी कमांडर, ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा गरीबी है नक्सली बनने का कारण

नीरज कुमार । पलामू

कभी जिस इलाके में खुद सरकार की समामंतर सभा का आयोजन करता था और खुद उस इलाके में सरकार की योजना मांगने पंहुचा माओवादी टॉप कमांडर। माओवादीयो के पूर्व सबजोनल कमांडर परिखा यादव पलामू के अतिनक्सल हीट इलाका छत्तरपुर के कालापहाड़ में आयोजित प्रशासन आपके द्वार कार्यक्रम में भाग लेने पंहुचा था। वह सरकारी तंत्र से क्षेत्र में कई विकास योजनाओं की मांग करने पंहुचा था। परिखा यादव कालापहाड़ पंचायत के लावादाग गांव का रहने वाला है। वह 1991 से लेकर 2005 तक माओवादियो के सक्रिय दस्ता में रहा था। वह बाल दस्ता में शामिल हुआ था और माओवादियो का सबजोनल कमांडर बना। 2005 में जेल गया था और काफी लंबे समय तक जेल में रहा। जेल से बाहर निकलने के बाद वह मुख्यधारा में शामिल हो गया।


Body:परिखा यादव जो खुद कभी सरकार के समानांतर सरकार चलाता था आज उसे सरकारी तंत्र पर विश्वास है। ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान परिखा यादव ने कहा कि गरीबी और बेरोजगारी नक्सली बनने का सबसे बड़ा कारण है। वह बताता है कि वह गरीबी में नक्सल आंदोलन से जुड़ गया था। गांव में अक्सर माओवादी दस्ता आता जाता था जिसके वह संपर्क में आया और वह शामिल हो गया। जीवन का 15 वर्ष माओवादी आंदोलन को देने के बाद वह साफ तौर पर कहता है कि माओवादी सिद्धान्त से भटक चुके है। वह बताते है कि पहले माओवादी जनता के लिए काम करते थे अब ठेकेदार के लिए काम करते हैं इसलिए कमजोर हो गए है।


Conclusion:परिखा यादव ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताता है कि पहले माओवादी कुछ भी किसी के घर मे खाते थे , लेकिन अब ऐसा नही है। अब वे ब्रांडेड जुते के शौकीन हो गए है। वह बताता है अब पहले वाली बात नही माओवादी बेहद कमजोर हो गए है। वह यह भी बोलता है माओवादी कमजोर तो हो गए है लेकिन क्षेत्र नही बदला है। आज भी उसका इलाका रोड, पानी ,बिजली के लिए तरस रहा है। वह बताता है गरीबी और बेरोजगारी नक्सली बनने का बड़ा कारण है।
Last Updated : Jan 29, 2020, 10:35 PM IST
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