पलामूः झारखंड और बिहार का सीमावर्ती इलाका लगातार सुखाड़ से जूझ रहा है. सीमावर्ती इलाकों में बारिश अच्छी नहीं हुई है. नतीजतन धान की अच्छी पैदावार नहीं हुई है. वहीं एक बार फिर से किसानों के लिए बुरी खबर नहीं है. रबी फसल की सिंचाई के लिए किसानों को पानी नहीं मिलेगा. इस कारण झारखंड के पलामू और बिहार के गया और औरंगाबाद के किसान प्रभावित होने वाले हैं.
छठ के बाद किसानों को नहर से नहीं मिलेगा पानीः दरअसल, उत्तर कोयल नहर परियोजना के मोहम्मदगंज भीम बराज से दाएं और बाएं नहर से छठ के बाद किसानों को पानी मिलना बंद हो जाएगा. छठ के बाद से नहर का जीर्णोद्धार कार्य शुरू होगा. इस संबंध में जल संसाधन विभाग के रूपकांर प्रमंडल का कहना है कि मोहम्मदगंज भीम बराज से निकलने वाला दाएं और बाएं नहर की लाइनिंग का कार्य होना है. लाइनिंग का कार्य वेबकोस नामक कंपनी को करना है. इसलिए दोनों नहर को कंपनी को हैंडोवर किया गया है. लाइनिंग के कार्य के दौरान किसानों को पानी नहीं मिलेगा.विभाग के कार्यपालक अभियंता देव कुमार राम ने पानी बंद किए जाने की पुष्टि की है.
हजारों एकड़ में लगी फसल होगी प्रभावित, किसानों में नाराजगीः मोहम्मदगंज भीम बराज से सिंचाई के लिए पानी बंद होने से हजारों एकड़ में लगी रबी की फसल प्रभावित होगी. किसानों को मक्का, गेहूं, आलू, दलहन समेत कई फसलों के लिए पानी नहीं मिल पाएगा. दरअसल, मोहम्मदगंज से नहर बिहार के औरंगाबाद और गया के इलाके में जाती है. नहर 20 किलोमीटर तक झारखंड में है, जबकि बाकी का हिस्सा बिहार के इलाके में है.
इस नहर से झारखंड में 40, जबकि बिहार की इलाके में करीब दो लाख हेक्टेयर भूमि में सिंचाई होती है. बारिश नहीं होने से झारखंड के इलाके में धान की फसल अच्छी नहीं हुई है. नहर से पानी बंद होने के बाद झारखंड के पलामू के मोहम्मदगंज, हैदरनगर हुसैनाबाद के साथ-साथ औरंगाबाद के नबीनगर, टंडवा, अंबा, कुटुंबा, देव के किसान प्रभावित होंगे. रबी की फसल के लिए पानी नहीं मिलने से किसान नाराज हैं.
रबी की फसल भी प्रभावित होने की आशंकाः इस संबंध में पलामू के हुसैनाबाद के इलाके के चचेरिया के किसान अनिल सिंह और खरगड़ा के मुन्ना सिंह बताते हैं कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है. किसान सुखाड़ से जूझ रहे थे, इस बीच रबी की फसल के लिए भी पानी नहीं मिलेगा. कई इलाकों में पानी को बंद कर दिया गया है.