ETV Bharat / state

कटाव की कसक! गांव के लिए काल बनी कोयल, लील रही दर्जनों एकड़ जमीन - soil Erosion due to rivers

जीवनदायिनी कोयल और सोन नदी जमीन के लिए काल बनी रही है. पलामू में कोयल और सोन नदी से जमीन का कटाव हो रहा है. दोनों के कटाव से दर्जनों एकड़ जमीन नदी में समा रही हैं. इतना ही नहीं सैकड़ों एकड़ जमीन बंजर हो चुकी है. इन नदियों के कटाव से किसान परेशान हैं.

erosion-of-land-due-to-koel-and-son-river-in-palamu
पलामू
author img

By

Published : May 21, 2022, 11:58 AM IST

Updated : May 21, 2022, 12:11 PM IST

पलामूः यह देश के सूखा प्रभावित जिला में से एक है, यहां के किसान सिंचाई के लिए प्राकृतिक तौर पर नदियों और बारिश पर निर्भर हैं. पलामू से होकर गुजरने वाली सोन और कोयल नदी यहां के किसानों के लिए लाइफ लाइन है. लेकिन अब यह दोनों नदियां जमीन के लिए काल बन साबित हो रही हैं और प्रतिवर्ष दर्जनों एकड़ जमीन को खुद में समा ले रही हैं. कई इलाकों में दोनों नदियों के कटाव और बाढ़ के कारण जमीन बंजर हो गई है.

इसे भी पढ़ें- Ganga Erosion: साहिबगंज में गंगा नदी में तेजी से कटाव, कई मोहल्लों पर मंडराया विलिन होने का खतरा

पलामू में कोयल और सोन नदी से जमीन का कटाव हो रहा है. जिला में कोयल नदी से मेदिनीनगर, रेहला, उंटारी, मोहम्मदगंज का इलाका प्रभावित है. जबकि सोन नदी से हैदरनगर और हुसैनाबाद का इलाका प्रभावित हो रहा है. 2008 में हुसैनाबाद अनुमंडल क्षेत्र में नदियों से हो रहे कटाव को लेकर सर्वे किया गया था. उस दौरान कई इलाकों में पत्थर से तटबंध बनाया गया. लेकिन उसके बाद से बचाव के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट
कटाव से नदी में समा गयी सैकड़ों एकड़ जमीनः पलामू के हैदरनगर हुसैनाबाद के इलाके में सोन नदी के कटाव से सैकड़ों एकड़ जमीन नदी में समा गई है. कोयल नदी पिछले एक दशक से अपनी धारा बदल चुकी है जिससे लगातार कटाव को जारी है. विश्रामपुर और उंटारी रोड प्रखंड में कोयल नदी के बाढ़ के सैकड़ों एकड़ जमीन बंजर हो चुकी है. प्रतिवर्ष बाढ़ का पानी अपने साथ रेत को उठाकर किसानों के खेतों में छोड़ देता है.

हुसैनाबाद और हैदरनगर के करीब 30 किलोमीटर के इलाके से सोन नदी गुजरती है. प्रतिवर्ष 4 से 5 मीटर जमीन को नदी खुद में समा ले रही है. कटाव को लेकर किसान बड़े पैमाने पर आंदोलन कर चुके हैं. लेकिन उनके आंदोलन की आवाज की कोई सुनवाई नहीं हुई. हैदरनगर के रामप्रवेश सिंह, वीरेंद्र कुमार और राजकुमार सिंह ने बताया कटाव से वो परेशान हैं, सरकार को कुछ पहल करने की जरूरत है. क्योंकि इससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

किसान कर चुके हैं इच्छा मृत्यु की मांगः सोन और कोयल नदी से कटाव से किसान परेशान होकर बड़ा आंदोलन कर चुके हैं. 2013-14 के दौर में उंटारी रोड के किसानों ने इच्छा मृत्यु तक की मांग की थी. उस दौरान अधिकारियों और नेताओं के आश्वासन के बाद आंदोलन खत्म हुआ लेकिन आज तक किसानों की मांग पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. कटाव और हुसैनाबाद अनुमंडल के इलाके में उत्पन्न समस्या को लेकर प्रमंडलीय आयुक्त जटाशंकर चौधरी बताते हैं कि मामले में सिंचाई विभाग से बातचित की जाएगी.

पलामूः यह देश के सूखा प्रभावित जिला में से एक है, यहां के किसान सिंचाई के लिए प्राकृतिक तौर पर नदियों और बारिश पर निर्भर हैं. पलामू से होकर गुजरने वाली सोन और कोयल नदी यहां के किसानों के लिए लाइफ लाइन है. लेकिन अब यह दोनों नदियां जमीन के लिए काल बन साबित हो रही हैं और प्रतिवर्ष दर्जनों एकड़ जमीन को खुद में समा ले रही हैं. कई इलाकों में दोनों नदियों के कटाव और बाढ़ के कारण जमीन बंजर हो गई है.

इसे भी पढ़ें- Ganga Erosion: साहिबगंज में गंगा नदी में तेजी से कटाव, कई मोहल्लों पर मंडराया विलिन होने का खतरा

पलामू में कोयल और सोन नदी से जमीन का कटाव हो रहा है. जिला में कोयल नदी से मेदिनीनगर, रेहला, उंटारी, मोहम्मदगंज का इलाका प्रभावित है. जबकि सोन नदी से हैदरनगर और हुसैनाबाद का इलाका प्रभावित हो रहा है. 2008 में हुसैनाबाद अनुमंडल क्षेत्र में नदियों से हो रहे कटाव को लेकर सर्वे किया गया था. उस दौरान कई इलाकों में पत्थर से तटबंध बनाया गया. लेकिन उसके बाद से बचाव के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट
कटाव से नदी में समा गयी सैकड़ों एकड़ जमीनः पलामू के हैदरनगर हुसैनाबाद के इलाके में सोन नदी के कटाव से सैकड़ों एकड़ जमीन नदी में समा गई है. कोयल नदी पिछले एक दशक से अपनी धारा बदल चुकी है जिससे लगातार कटाव को जारी है. विश्रामपुर और उंटारी रोड प्रखंड में कोयल नदी के बाढ़ के सैकड़ों एकड़ जमीन बंजर हो चुकी है. प्रतिवर्ष बाढ़ का पानी अपने साथ रेत को उठाकर किसानों के खेतों में छोड़ देता है.

हुसैनाबाद और हैदरनगर के करीब 30 किलोमीटर के इलाके से सोन नदी गुजरती है. प्रतिवर्ष 4 से 5 मीटर जमीन को नदी खुद में समा ले रही है. कटाव को लेकर किसान बड़े पैमाने पर आंदोलन कर चुके हैं. लेकिन उनके आंदोलन की आवाज की कोई सुनवाई नहीं हुई. हैदरनगर के रामप्रवेश सिंह, वीरेंद्र कुमार और राजकुमार सिंह ने बताया कटाव से वो परेशान हैं, सरकार को कुछ पहल करने की जरूरत है. क्योंकि इससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

किसान कर चुके हैं इच्छा मृत्यु की मांगः सोन और कोयल नदी से कटाव से किसान परेशान होकर बड़ा आंदोलन कर चुके हैं. 2013-14 के दौर में उंटारी रोड के किसानों ने इच्छा मृत्यु तक की मांग की थी. उस दौरान अधिकारियों और नेताओं के आश्वासन के बाद आंदोलन खत्म हुआ लेकिन आज तक किसानों की मांग पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. कटाव और हुसैनाबाद अनुमंडल के इलाके में उत्पन्न समस्या को लेकर प्रमंडलीय आयुक्त जटाशंकर चौधरी बताते हैं कि मामले में सिंचाई विभाग से बातचित की जाएगी.

Last Updated : May 21, 2022, 12:11 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.