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पलामू में 13 दिनों से धरने पर बैठे हैं दिव्यांग, आत्मदाह का फैसला लिया वापस - दिव्यांग आवासीय स्कूल

दिव्यांग आवासीय स्कूल को शुरू करने की मांग को लेकर धरने पर बैठे दिव्यांगों ने सोमवार को आत्मदाह का फैसला वापस ले लिया. हालांकि एहतियातन धरनास्थल पर पुलिस तैनात रही.

divyang in palamu
पलामू में 13 दिनों से धरने पर बैठे हैं दिव्यांग
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Published : Aug 8, 2022, 9:19 PM IST

Updated : Aug 8, 2022, 10:02 PM IST

पलामूः पलामू प्रमंडल मुख्यालय मेदिनीनगर में पिछले 13 दिनों से दिव्यांग धरने पर बैठे हुए हैं.10 सूत्री मांगों को लेकर धरने पर बैठे दिव्यांगों ने सोमवार को आत्मदाह की घोषणा की थी. हालांकि दिव्यांगों ने आत्मदाह के इस फैसले को वापस ले लिया है. फिलहाल दिव्यांग धरनास्थल पर ही दिन रात बिता रहे हैं. दिव्यांगों का कहना है कि उनके स्कूल को दो वर्ष पहले सील कर दिया गया था उसके बाद से खोला नहीं गया है. इधर, दिव्यांगों के आत्मदाह की धमकी को लेकर कचहरी में पुलिस बल की भी तैनाती की गई थी.


ये भी पढ़ें-अनिता अग्रवाल ने बदल डाली दिव्यांगों की तस्वीर, निःशुल्क मिल रही बच्चों को शिक्षा

दरअसल, समाज कल्याण विभाग स्कूल को खुलवाने की बात तो करता है लेकिन संचालन की जिम्मेदारी किसी एनजीओ को देना चाहता है. दिव्यांगों का कहना है कि उनका एक संघ है स्कूल संचालन की जिम्मेदारी भी उसे दी जाय, दिव्यांगों को अन्य सुविधा भी दी जाए. दिव्यांग सभी को स्वरोजगार से जोड़ने, पेंशन देने की भी मांग कर रहे हैं. साथ ही दिव्यांग बंद स्कूल को खोलने की मांग कर रहे हैं. दिव्यांग सुरेंद्र और अनुज ने बताया कि मामले में अभी तक कोई वार्ता करने के लिए नहीं पंहुचा है, सिर्फ विभाग के कर्मचारी पंहुचे थे.

देखें पूरी खबर
बता दें कि दिव्यांग आवासीय स्कूल को दो वर्ष पहले सील कर दिया गया था. इसकी वजह दिव्यांग आवासीय स्कूल की एक छात्रा का गर्भवती होना था, जिसके बाद तत्कालीन प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी के नेतृत्व में एक कमिटी ने स्कूल को सील कर दिया था. सील स्कूल के मामले को लेकर दिव्यांग कोर्ट भी गए थे. दिव्यांग आवासीय स्कूल का संचालन पहले स्थानीय लोगों की मदद से चलाया जाता था.

पलामूः पलामू प्रमंडल मुख्यालय मेदिनीनगर में पिछले 13 दिनों से दिव्यांग धरने पर बैठे हुए हैं.10 सूत्री मांगों को लेकर धरने पर बैठे दिव्यांगों ने सोमवार को आत्मदाह की घोषणा की थी. हालांकि दिव्यांगों ने आत्मदाह के इस फैसले को वापस ले लिया है. फिलहाल दिव्यांग धरनास्थल पर ही दिन रात बिता रहे हैं. दिव्यांगों का कहना है कि उनके स्कूल को दो वर्ष पहले सील कर दिया गया था उसके बाद से खोला नहीं गया है. इधर, दिव्यांगों के आत्मदाह की धमकी को लेकर कचहरी में पुलिस बल की भी तैनाती की गई थी.


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दरअसल, समाज कल्याण विभाग स्कूल को खुलवाने की बात तो करता है लेकिन संचालन की जिम्मेदारी किसी एनजीओ को देना चाहता है. दिव्यांगों का कहना है कि उनका एक संघ है स्कूल संचालन की जिम्मेदारी भी उसे दी जाय, दिव्यांगों को अन्य सुविधा भी दी जाए. दिव्यांग सभी को स्वरोजगार से जोड़ने, पेंशन देने की भी मांग कर रहे हैं. साथ ही दिव्यांग बंद स्कूल को खोलने की मांग कर रहे हैं. दिव्यांग सुरेंद्र और अनुज ने बताया कि मामले में अभी तक कोई वार्ता करने के लिए नहीं पंहुचा है, सिर्फ विभाग के कर्मचारी पंहुचे थे.

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बता दें कि दिव्यांग आवासीय स्कूल को दो वर्ष पहले सील कर दिया गया था. इसकी वजह दिव्यांग आवासीय स्कूल की एक छात्रा का गर्भवती होना था, जिसके बाद तत्कालीन प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी के नेतृत्व में एक कमिटी ने स्कूल को सील कर दिया था. सील स्कूल के मामले को लेकर दिव्यांग कोर्ट भी गए थे. दिव्यांग आवासीय स्कूल का संचालन पहले स्थानीय लोगों की मदद से चलाया जाता था.
Last Updated : Aug 8, 2022, 10:02 PM IST
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