पलामू: उत्तर प्रदेश के यमुना एक्सप्रेस वे पर 21 अक्टूबर की रात हुए सड़क हादसे में हुसैनाबाद में रहने वाले एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई थी. इसके अलावा इस हादसे में तीन बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिनका इलाज दिल्ली के सफदर जंग अस्पताल में चल रहा था. जिंदगी और मौत से जूझ रहे बच्चे आखिरकार जिंदगी की जंग हार गए और इलाज के दौरान तीनों बच्चों की मौत हो गई.
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21 अक्टूबर को यमुना एक्सप्रेस वे हादसे में मरने वालों की संख्या अब आठ हो गई है. हादसे में घायल तीन बच्चों की इलाज के दौरान मौत हो गई है. उनके नाम सूरज कुमार (16वर्ष), आर्यन कुमार(10 वर्ष) और आयुष कुमार (8वर्ष) है. मरने वालों में सात लोग एक ही परिवार के हैं. जबकि एक कार चालक था. इस हादसे के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. घरवालों का रो रोकर बुरा हाल है.
21 अक्टूबर को परिवार के सभी लोग दिल्ली से एक कार द्वारा झारखंड के पलामू के हुसैनाबाद आ रहे थे. इसी दौरान यमुना एक्सप्रेस वे पर एक तेज रफ्तार ट्रक ने कार में टक्कर मार दी. हादसे में बिजेंद्र बैठा का तो पूरा परिवार ही खत्म हो गया. बिजेन्द्र के अलावा उसकी पत्नी, पुत्री और दो बेटों की दर्दनाक मौत हो गयी है.
मिली जानकारी के अनुसार उपेंद्र और बिजेंद्र बैठा 1999 से ही दिल्ली में ठेकेदारी कर रहे थे. उनके ऊपर ही पूरा परिवार निर्भर था. उपेंद्र और बिजेंद्र वर्ष में एक बार गांव में आया करते थे. कुछ दिन महीने पहले उनकी पत्नी का भी निधन हुआ था. जिसमें पूरा परिवार शामिल हुआ था. हाल में दामाद का निधन हुआ था, जिसमें अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में भाग लेने के लिए परिवार दिल्ली से पलामू आ रहा था.