पलामूः सच्ची दोस्ती की कई मिसाल हैं, लेकिन हम आपको एक ऐसी कहानी बता रहे हैं जिसमें एक दोस्त ने ऐसी दगाबाजी की है कि दोस्त की जान चली गई. दोस्त दुश्मनों से मिल गया और उसकी हत्या करवा डाली. दरअसल, पलामू पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा किया है. जिसमें दोस्त की दगाबाजी और हत्या की वजह निकल कर सामने आई है. पलामू के लेस्लीगंज थाना क्षेत्र में 12 जून की रात ननकू राम उर्फ छोटू राम की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने मामले में मुख्य आरोपी रोहित सिंह को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. सोमवार को पुलिस ने ननकू हत्याकांड के दो अन्य आरोपी सन्नी कुमार और सुजीत कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया है.
दुकान कब्जा करने के विवाद में हुई थी हत्याः घटना के दिन सन्नी कुमार छोटू राम के साथ सोया हुआ था. घटना की जानकारी सन्नी ने ही छोटू के परिजनों को दी थी. पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि छोटू राम की हत्या दुकान कब्जे को लेकर हुई थी. लेस्लीगंज का रहने वाला रोहित सिंह छोटू की दुकान पर कब्जा करना चाहता था और उससे दुकान खाली करवाना चाहता था. रोहित सिंह इसको लेकर पहले भी छोटू को धमकी दे चुका था. घटना के दिन छोटू और सन्नी ने पहले शराब पी थी. शराब पीने के बाद सन्नी ने इस बात की जानकारी रोहित सिंह को दी थी. जानकारी मिलने के बाद रोहित सिंह मौके पर पहुंचा और सोते हुए छोटूराम को गोली मार दी थी. बाद में मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में छोटू राम की मौत हो गई थी.
अपराधी रोहित पर पहले से हैं कई मामले दर्जः रोहित ने हत्याकांड को अंजाम देने के लिए सन्नी का सहारा लिया था. मामले में छोटू के परिजनों ने रोहित पर आरोप लगाते हुए एफआइआर दर्ज कराई थी, लेकिन गिरफ्तार सन्नी और सुजीत इस घटना के अप्राथमिकी अभियुक्त बने हैं. रोहित पहले भी रंगदारी के लिए आगजनी सहित कई घटनाओं में जेल जा चुका है. हत्याकांड के उद्भेदन में लेस्लीगंज थाना प्रभारी गौतम कुमार राय, सब इंस्पेक्टर बिट्टू कुमार समेत कई पुलिस पदाधिकारी शामिल थे. छोटू हत्याकांड के बाद ग्रामीणों ने उस दौरान बाजार भी बंद करा दिया था और मामले में राजनीतिक बयानबाजी भी हुई थी.