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पिता का शव देख फूट-फूटकर रोने लगा संतोष यादव का बेटा, 12 साल से था नक्सल संगठन में सक्रिय, एक दशक पहले जेजेएमपी से जुड़ा था गणेष

नक्सली संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद के सदस्य रहे गणेश और संतोष हमेशा आपसी गोलीबारी का शिकार हो गये. उन दोनों का शव उनके गांव लाया गया. ये करीब एक दशक से नक्सली संगठन से जुड़े थे.

Palamu Crime Santosh and Ganesh were associated with the Naxalite organization
संतोष और गणेश एक दशक से जुड़े थे नक्सली संगठन से
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Published : Aug 12, 2023, 2:09 PM IST

Updated : Aug 12, 2023, 3:30 PM IST

पलामू: प्रतिबंधित नक्सली संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद (जेजेएमपी) के सदस्यों की आपसी लड़ाई में मारा गया जोनल कमांडर गणेश लोहरा और संतोष यादव का एक लंबा नक्सल इतिहास रहा है. दोनों के शव को मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल में पोस्टमार्टम किया गया है. गणेश लोहरा 10 वर्ष जबकि संतोष यादव 12 वर्ष से नक्सली संगठन में सक्रिय था.

ये भी पढ़ें: खत्म हुआ बिहार के लीडरशिप का वर्चस्व, भाकपा माओवादी संगठन में इस इलाके का दबदबा

पत्नी ताल पंचायत से मुखिया: दोनों के मारे जाने से नक्सली संगठन झारखंड जन्म मुक्ति परिषद को बड़ा झटका लगा है. जेजेएमपी की आपसी लड़ाई में मारा गया जोनल कमांडर गणेश लोहरा पलामू के पांकी थाना क्षेत्र के ताल का रहने वाला है. उसकी पत्नी ताल पंचायत से मुखिया है. गणेश लोहरा पिछले 10 वर्ष से नक्सल संगठन जेजेएमपी में सक्रिय था.

दो वर्षों से नहीं हुई थी बात: गणेश के पिता नारायण लोहरा बताते हैं कि दो वर्ष से बेटे से बात नहीं हुई थी. पिता ने कहा कि वह बेटे को बोलता था नक्सली संगठन छोड़ दे लेकिन उसने बात नहीं मानी. कहा कि बचपन में ही बेटा घूमने गया था और दस्ते में शामिल हो गया था.

संतोष ने किया था प्रेम विवाह: नक्सली संतोष यादव गढ़वा के रामकंडा थाना क्षेत्र के मंगराही का रहने वाला था. संतोष यादव एक दशक पहले तक भाकपा माओवादी का सदस्य था. संतोष के शव को देखने के लिए परिजन पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे थे. सात वर्षीय बेटे ने शव को देखते ही रोने लगा. भाकपा माओवादी में रहने के दौरान ही संतोष ने लातेहार के महुआडांड़ इलाके की एक लड़की से प्रेम विवाह किया था. उसकी पत्नी और बच्चे पलामू के चैनपुर इलाके में रहते थे.

ऐसे थामा था जेजेएमपी का हाथ: संतोष के पिता ने बताया कि माओवादी के साथ रहने के दौरान संतोष चार से पांच बार जेल गया था. जेल से निकलने के बाद वह जेजेएमपी में शामिल हुआ था. दो वर्ष से वह घर पर ही रह रहा था. छह महीने पहले गांव में लकड़ी काटने के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. घटना के बाद संतोष डर गया था और जेजेएमपी के दस्ते में शामिल हो गया था. घटना के बाद सबसे पहले नक्सल संगठन के तरफ से ही परिजनों को सूचना पहुंची थी.

पलामू: प्रतिबंधित नक्सली संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद (जेजेएमपी) के सदस्यों की आपसी लड़ाई में मारा गया जोनल कमांडर गणेश लोहरा और संतोष यादव का एक लंबा नक्सल इतिहास रहा है. दोनों के शव को मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल में पोस्टमार्टम किया गया है. गणेश लोहरा 10 वर्ष जबकि संतोष यादव 12 वर्ष से नक्सली संगठन में सक्रिय था.

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पत्नी ताल पंचायत से मुखिया: दोनों के मारे जाने से नक्सली संगठन झारखंड जन्म मुक्ति परिषद को बड़ा झटका लगा है. जेजेएमपी की आपसी लड़ाई में मारा गया जोनल कमांडर गणेश लोहरा पलामू के पांकी थाना क्षेत्र के ताल का रहने वाला है. उसकी पत्नी ताल पंचायत से मुखिया है. गणेश लोहरा पिछले 10 वर्ष से नक्सल संगठन जेजेएमपी में सक्रिय था.

दो वर्षों से नहीं हुई थी बात: गणेश के पिता नारायण लोहरा बताते हैं कि दो वर्ष से बेटे से बात नहीं हुई थी. पिता ने कहा कि वह बेटे को बोलता था नक्सली संगठन छोड़ दे लेकिन उसने बात नहीं मानी. कहा कि बचपन में ही बेटा घूमने गया था और दस्ते में शामिल हो गया था.

संतोष ने किया था प्रेम विवाह: नक्सली संतोष यादव गढ़वा के रामकंडा थाना क्षेत्र के मंगराही का रहने वाला था. संतोष यादव एक दशक पहले तक भाकपा माओवादी का सदस्य था. संतोष के शव को देखने के लिए परिजन पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे थे. सात वर्षीय बेटे ने शव को देखते ही रोने लगा. भाकपा माओवादी में रहने के दौरान ही संतोष ने लातेहार के महुआडांड़ इलाके की एक लड़की से प्रेम विवाह किया था. उसकी पत्नी और बच्चे पलामू के चैनपुर इलाके में रहते थे.

ऐसे थामा था जेजेएमपी का हाथ: संतोष के पिता ने बताया कि माओवादी के साथ रहने के दौरान संतोष चार से पांच बार जेल गया था. जेल से निकलने के बाद वह जेजेएमपी में शामिल हुआ था. दो वर्ष से वह घर पर ही रह रहा था. छह महीने पहले गांव में लकड़ी काटने के दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. घटना के बाद संतोष डर गया था और जेजेएमपी के दस्ते में शामिल हो गया था. घटना के बाद सबसे पहले नक्सल संगठन के तरफ से ही परिजनों को सूचना पहुंची थी.

Last Updated : Aug 12, 2023, 3:30 PM IST
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