पलामू: प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी ने झारखंड बिहार सीमा क्षेत्रों की कमान नितेश यादव को दी है. नितेश यादव को माओवादियों ने स्टेट एरिया कमिटी का सदस्य बनाया है. पहले नितेश यादव माओवादियों का जोनल कमांडर था. झारखंड की सरकार ने हाल के दिनों में नितेश यादव पर इनाम की राशि को बढ़ा कर 10 से 15 लाख रुपए कर दिया है. माओवादियों ने अपने सुरक्षित ठिकानों में से एक छकरबंधा की कमान सौंपी है.
तीन अप्रैल को चतरा के लावालौंग में हुए मुठभेड़ में छकरबंधा का कमान संभालने वाले गौतम पासवान, टेक्निकल एक्सपर्ट अजित उर्फ चार्लीस समेत पांच कमांडर मारे गए थे. इसके कुछ ही दिनों के बाद छकरबंधा के इलाके का एक और माओवादी कमांडर इंदल गंझू ने अपने दस्ते के साथ आत्मसमर्पण कर दिया था. इंदल गंझू के आत्मसमर्पण के बाद छकरबंधा के इलाके में माओवादी नया कमांडर खोज रहे थे. माओवादियों ने नितेश यादव को छकरबंधा का नया कमांडर बनाया है. मामले की जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने हाई अलर्ट जारी किया है. नितेश यादव से जुड़े सभी लिंक को खंगाला जा रहा है। एक टॉप पुलिस अधिकारी ने बताया कि नितेश यादव के बारे में जानकारी मिली है कि वह लंबे समय तक छकरबंधा के इलाके में सक्रिय रहा है.
कौन है नितेश यादव जिस पर 70 से अधिक बड़े नक्सल हमले करने का है आरोप: नितेश यादव बिहार गया के मैगरा थाना क्षेत्र तरवाडीह का रहने वाला है. नितेश यादव अपने साथ हर वक्त एके-56 रखता है और उसके पास इजराइली हथियार एम 16 भी है. सुरक्षा एजेंसी के अनुसार वह पिछले 15 वर्षों से माओवादी संगठन में सक्रिय है. 2011-12 में पलामू चतरा सीमा पर लकड़बंधा में माओवादियों के 10 टॉप कमांडर को टीएपीसीसी ने मार गिराया था जबकि 25 का अपहरण कर लिया था. इस घटना में नितेश यादव बच कर निकल गया था. माओवादियों ने इसका बदला लेने की जिम्मेवारी नितेश यादव को सौंपी थी. 2013 में पलामू के बिश्रामपुर थाना क्षेत्र के कौड़िया में माओवादियों ने नितेश यादव के ही नेतृत्व में हमला किया था और टीएसपीसी के 15 सदस्यों को मार गिराया था. इस हमले का प्लान और कार्रवाई नितेश यादव ने किया था. नितेश यादव पर झारखंड और बिहार में 70 से भी अधिक नक्सल हमले करने का आरोप है. नितेश यादव पर पलामू, चतरा, लातेहार के साथ साथ बिहार के गया और औरंगाबाद में एफआईआर दर्ज है. पलामू पुलिस ने हाल के दिनों में ही नितेश यादव के घर को कुर्क किया है.
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माओवादियों के लिए महत्वपूर्ण है छकरबंधा: प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी के लिए छकरबंधा इलाका काफी महत्वपूर्ण है. इस इलाके से माओवादी अपने मध्यजोन में गतिविधि का संचालन करते हैं. छकरबंधा से माओवादी पलामू, चतरा के साथ साथ बिहार के गया और औरंगाबाद के इलाके में अपनी पैठ को दिखाते हैं. जून 2022 से छकरबंधा एक इलाके में माओवादियों के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू किया गया था. इस अभियान के बाद माओवादी इलाके को छोड़कर भागने पर मजबूर हुए हैं. इससे पहले माओवादियों का टॉप कमांडर सह पीएलजीए का सुप्रीमो संदीप यादव की मौत हो गई थी, मौत के बाद माओवादी इलाके में कमजोर हो गए थे.