पलामूः ये जिला राज्य के बड़े लैब में से एक है. पलामू में कोविड 19 पांव पसार रहा है. लेकिन इन सब के बीच एक बड़ी खबर निकल कर सामने आ रही है कि पलामू में आरटीपीसीआर जांच बंद है. स्वास्थ्य विभाग के पास आरटीपीसीआर किट तो है लेकिन इसके जांच के लिए केमिकल मौजूद नहीं है. जिस कारण पलामू में कई महीनों से आरटीपीसीआर के माध्यम कोविड 19 की जांच नहीं हो रही है.
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पलामू में फिलहाल छह लोग कोरोना से संक्रमित हैं. पलामू के मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल में राज्य सरकार ने करोड़ों की लागत कोविड 19 का जांच लैब को स्थापित किया था. एमएमसीएच का यह लैब राज्य के पांच बड़े लैब में से एक है. इस लैब में पलामू, गढ़वा और लातेहार के लोगों का आरटीपीसीआर के माध्यम से कोविड19 की जांच होती है. कई मामलों में उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और बिहार के लोग भी पलामू में कोविड 19 की जांच के लिए पहुंचते हैं. इस लैब में प्रतिदिन 1 हजार 600 के करीब सैंपल की जांच रिपोर्ट देता है. लेकिन कई महीनों से पलामू में आरटीपीसीआर जांच बंद है.
पलामू सिविल सर्जन अशोक कुमार ने कहा कि जरूरी केमिकल के लिए राज्य सरकार को लिखा गया है जल्द ही पलामू जिला स्वास्थ विभाग को उपलब्ध करवा दी जाएगी. सिविल सर्जन ने बताया कि पलामू में फिलहाल रैपिड एंटीजेन टेस्ट किट से कोविड 19 की जांच की जा रही है. पलामू जिला के पास 19 हजार 624 रैपिड एंटीजेन टेस्ट किट मौजूद हैं जबकि 21 हजार 518 RT PCR किट है.
पलामू सिविल सर्जन ने बताया कि फिलहाल पलामू में वैक्सीनेशन बंद है, पलामू जिला के पास कोविड19 का वैक्सीन मौजूद नहीं है. सिविल सर्जन आम लोगों से अपील किया कि वो कोविड 19 से घबराएं नहीं बल्कि इससे सावधान रहें. 2020 के बाद से पलामू में कोविड 19 के 14 हजार 361 लोग संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें से 11 लोगों की मौत हो चुकी है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पलामू में कोविड 19 से रिकवरी रेट 99.44 है.