पलामू: 70 के दशक से अधूरा पड़ा मंडल डैम के पूरा होने की आश फिर से जगने लगी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अधूरे कार्यों को पूरा करने के शिलान्यास का दो वर्ष होने वाला है, लेकिन अब तक काम शुरू नहीं हुआ है. अब खबर आई है कि मंडल डैम का काम 15 फरवरी के बाद से शुरू किया जाएगा. इसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं.
मंडल डैम अतिनक्सल प्रभावित इलाका है और माओवादियों के सुरक्षित मांद बूढ़ापहाड़ से काफी नजदीक है. मंडल डैम का निर्माण कार्य पूरा नहीं होने की बड़ी वजह नक्सल खौफ भी है. 05 जनवरी 2019 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पलामू के चियांकि हवाई अड्डा से उत्तर कोयल परियोजना के मंडल डैम के अधूरे कार्यों को पूरा करने की आधारशिला रखी थी. शिलान्यास का लगभग दो वर्ष पूरा होने वाला है, लेकिन अभी तक एक ईंट भी नहीं रखी गई है. डैम का निर्माण कार्य को मार्च 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
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15 फरवरी के बाद शुरू होगा निर्माण कार्य
मंडल डैम को लेकर पलामू सांसद विष्णु दयाल राम और चतरा सांसद सुनील सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. पलामू सांसद वीडी राम बताते हैं कि मंडल डैम पर 15 फरवरी के बाद निर्माण कार्य शुरू होगा. डैम के निर्माण के लिए दो कंपनी सुरक्षाबलों की तैनात की जाएगी. सरकार ने इसे मंजूरी भी दे दी है.
मंडल डैम को लेकर राज्य सरकार भी तैयार
मंडल डैम को लेकर राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि केंद्र सरकार की यह योजना है. केंद्र सरकार जब चाहे काम शुरू कर सकती है. राज्य सरकार सहयोग करेगी. पहले भी सुरक्षा कारणों से मंडल डैम का निर्माण कार्य बंद हुआ था. राज्य सरकार परियोजना के निर्माण कार्य के लिए सभी सुविधा उपलब्ध करवाएगी.
मंडल डैम विस्थापित निर्माण के पक्ष में नहीं
मंडल डैम निर्माण कार्य से प्रभावित गांव के लोग आंदोलन जारी रखे हुए हैं. मंडल डैम निर्माण कार्य में शहीद नीलांबर-पीतांबर का गांव चेमो सान्या भी डूब क्षेत्र में है. आदिम जनजाती परिषद के अध्यक्ष उमा शंकर बैगा ब्यास बताते हैं कि नीलांबर-पीतांबर की धरती को डुबाने की साजिश है. वे लड़ाई जारी रखेंगे इसके लिए उन्हें शहीद ही क्यों न होना पड़े.
1007 हेक्टेयर में फैला मंडल डैम
मंडल डैम करीब 1007 हेक्टेयर में फैला हुआ है. पूरा इलाका पलामू टाइगर रिजर्व क्षेत्र में है, जिस कारण एनजीटी ने डैम की ऊंचाई 376 मीटर से घटाकर 341 मीटर करने को कहा है. 90 के दशक में नक्सल हमले के बाद डैम का निर्माण कार्य अधूरा है. सरकार के नजर में 6 गांव विस्थापित हो रहे मगर विस्थापन समिति के अनुसार 16 गांव विस्थापित हो रहे.