पलामू: सीआईडी की टीम पलामू में मुठभेड़ की घटना की जांच के लिए पहुंची है. सीआईडी टीम का नेतृत्व डीएसपी रैंक के अधिकारी कर रहे हैं. दरअसल, 25 फरवरी 2021 को पलामू के रामगढ़ थाना क्षेत्र के चोरहट में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में नक्सली कमांडर महेश सिंह उर्फ महेश भुइयां मारा गया था. महेश सिंह उर्फ महेश भुइयां गढ़वा के रमकंडा थाना क्षेत्र के रक्सी गांव का रहने वाला था. महेश प्रतिबंधित नक्सली संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद का एरिया कमांडर था और राज्य की सरकार ने उस पर पांच लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था. इस मुठभेड़ के मामले में जांच के लिए सीआईडी की टीम पलामू पहुंची है.
सीआईडी ने मुठभेड़ स्थल का लिया जायजा, ग्रामीणों का बयान भी लियाः शुक्रवार को सीआईडी की टीम ने मुठभेड़ स्थल का जायजा लिया और ग्रामीणों से बयान लिया है. सीआईडी की टीम ने मुठभेड़ में शामिल रामगढ़ के तत्कालीन थाना प्रभारी प्रभात रंजन राय और अन्य कर्मियों से भी पूछताछ की है. सीआईडी की टीम करीब दो घंटे तक घटनास्थल पर रुकी थी और जांच की.
25 फरवरी 2021 को मुठभेड़ में मारा गया था महेश भुइयांः दरअसल, 25 फरवरी 2021 को पलामू पुलिस को सूचना मिली थी कि टॉप कमांडर महेश भुइयां अपने दस्ते के साथ रुका हुआ है. इसी सूचना पर पलामू के तत्कालीन एसपी के विजय शंकर और रामगढ़ थाना प्रभारी प्रभात रंजन राय के नेतृत्व में सर्च अभियान शुरू किया गया था. सर्च अभियान के दौरान पुलिस और महेश के दस्ते के बीच मुठभेड़ हुई थी. मुठभेड़ में महेश मारा गया था. पुलिस ने महेश के शव के पास से थ्री नॉट थ्री का रायफल और गोली बरामद किया था.
नक्सली संगठन जेजेएमपी का सदस्य था महेशः महेश पर पलामू, गढ़वा और लातेहार के इलाके में नक्सल हमले को अंजाम देने के आरोप थे. महेश पर तीनों जिलों के कारोबारी और अन्य लोगों को धमकी देने का भी आरोप था. महेश कई वर्षों से नक्सली संगठन जेजेएमपी में शामिल था. उससे पहले वह माओवादियों का सदस्य रह चुका था. महेश के मारे जाने के बाद इलाके में नक्सली संगठन झारखंड जनमुक्ति बेहद ही कमजोर हो गया था.