पलामूः मध्य प्रदेश की रहने वाली एक 15 वर्षीय लड़की की शादी उसका मामा जबरदस्ती करवाना चाह रहा था. लड़की नवीं क्लास की छात्रा है और आगे की पढ़ाई करना चाहती थी. चाइल्ड लाइन और पुलिस की टीम ने नाबालिग लड़की का रेस्क्यू कर लिया है और उसे बालिका गृह में रखा गयी है.
इसे भी पढ़ें- बाल विवाह ने झारखंड की बढ़ाई चिंता, जानिए सरकार की क्या है तैयारी
नाबालिग लड़की मध्य प्रदेश की रहने वाली है और पलामू के चैनपुर में अपने मामा के यहां रहती थी. नाबालिग की शादी 13 मार्च को मंदिर में होने वाली थी. लेकिन चाइल्ड लाइन और पुलिस की टीम मौके पर गए और नाबालिग का रेस्क्यू कर लिया. चाइल्ड लाइन और पुलिस की टीम ने पिछले 48 घंटे के अंदर दो नाबालिगों की शादी को रुकवाई है. वह तीसरीं शादी रुकवाने के क्रम में चाइल्ड लाइन और पुलिस को गलत जानकारी मिली थी.
खुद भागकर सखी वन स्टॉप सेंटर पहुंच लड़कीः एक नाबालिग खुद से भागकर सखी वन स्टॉप सेंटर पहुंच गई. जिसके बाद उसे सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत किया गया. नाबालिग पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र की ही रहने वाली थी और वह शादी नहीं करना चाहती थी. बाद में सीडब्ल्यूसी ने नाबालिग काउंसलिंग करने के बाद बालिका गृह में भेज दिया है. दरअसल नाबालिग की अगले सप्ताह शादी होने वाली है पर वह शादी नहीं करना चाहती थी. किसी तरह चाइल्ड लाइन और सखी वन स्टॉप सेंटर के बारे में जानकारी मिली थी तो वो घर से भागकर पहुंच वहां गई, लड़की की उम्र महज 14 वर्ष है.
तीसरा मामला भी पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र का ही है. सोमवार की रात चाइल्ड लाइन और पुलिस की टीम चैनपुर के कटुअल इलाके में बाल विवाह को रुकवाने गई थी. चाइल्ड लाइन और पुलिस टीम को बाल विवाह के बारे में गलत जानकारी और नाम पता उपलब्ध करवाया गया था. दरसल चाइल्ड लाइन और अन्य अधिकारीयों को सूचना मिली थी कि 15 वर्षीय नाबालिग की जबरदस्ती शादी करवाई जा रही है. लेकिन संबंधित स्थान पर किसी दूसरे व्यक्ति की शादी हो रही थी.
पलामू में होने वाले बाल विवाह के आंकड़े काफी भयावह है. पलामू में होने वाले शादी में 35 के करीब बाल विवाह के अंतर्गत आते हैं. पिछले एक वर्ष के अंदर प्रशासनिक पहल पर एक दर्जन से भी अधिक नाबालिगों की शादी को रुकवा दी गई है.