पलामूः प्रतिबंधित नक्सली संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद की आपसी लड़ाई में जोनल कमांडर गणेश लोहरा और संतोष यादव शुक्रवार को मारे गए हैं. इस घटना को अंजाम देने का आरोप झारखंड जनमुक्ति परिषद के सब जोनल कमांडर छोटेलाल यादव और टुनेश उरांव पर लगा है. गणेश और संतोष की हत्या करने के बाद छोटेलाल यादव और टुनेश उरांव एके-47 सहित कई आधुनिक हथियार लेकर गढ़वा के इलाके में भाग गए हैं. जानकारी के अनुसार गढ़वा और पलामू के सीमावर्ती इलाके में छोटेलाल एक नया संगठन खड़ा करना चाहता है. जानकारी के अनुसार पलामू के पांकी थाना क्षेत्र के होटाई में जेजेएमपी के जोनल कमांडर गणेश लोहरा, सब जोनल कमांडर छोटेलाल यादव, संतोष यादव, टुनेश उरांव और अंकित साव नामक नक्सली जुटे थे. सभी ने एक जगह खाना खाया था और शराब पी थी.
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शराब के नशे में हुआ था विवादः शराब के नशे में गणेश और छोटेलाल के बीच विवाद हुआ था. इसी विवाद में छोटेलाल और टुनेश ने मिलकर गणेश, संतोष और अंकित को एके 47 से भून दिया था. इस घटना में संतोष की मौके पर मौत हो गई थी, जबकि गणेश लोहरा की मौत इलाज के दौरान हुई थी. हालांकि अंकित साव के बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं मिली है कि वह गोली लगने के बाद कहां गया है.
संगठन से बाहर निकाले जाने से नाराज था छोटेलालः छोटेलाल यादव गढ़वा के रमकंडा थाना क्षेत्र के डोल का रहने वाला है. करीब तीन वर्ष पहले नक्सली संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद के नक्सलियों के बीच विवाद हुआ था. इस विवाद के बाद छोटेलाल को संगठन से बाहर निकाल दिया गया था. जिसके बाद छोटेलाल यादव को पलामू पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. जेल से निकलने के बाद छोटेलाल यादव नक्सली संगठन जेजेएमपी में फिर से शामिल हो गया था. छोटेलाल यादव को संगठन से निकाले जाने के मामले में सुप्रीमो पप्पू लोहरा के साथ विवाद हुआ था.
छोटेलाल और टुनेश मिलकर बनाने चाहते हैं नया नक्सल संगठनः जानकारी के अनुसार इसी विवाद में छोटेलाल ने पप्पू लोहार के करीबी गणेश लोहरा और अन्य सदस्यों को मार डाला है. छोटेलाल और टुनेश मिलकर पलामू और गढ़वा के सीमावर्ती इलाके में नया नक्सल संगठन बनाना चाहते हैं. दोनों के पास तीन एके 47 और कई आधुनिक हथियार हैं.