पलामू: देश भर में चर्चित कथित बकोरिया मुठभेड़ की जांच के लिए गुरुवार को सीबीआई की टीम पलामू पहुंची. सीबीआई की एक स्पेशल टीम पलामू पहुंची है और मामले में जांच को आगे बढ़ा रही है. सीबीआई की टीम कथित बकोरिया मुठभेड़ के मामले में कई लोगों से पूछताछ करने वाली है. कथित बकोरिया मुठभेड़ की जांच सीबीआई 2018 से कर रही है. कोविड 19 काल में जांच प्रभावित हुई थी.
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सीबीआई कथित बकोरिया मुठभेड़ की जांच लगभग 90 प्रतिशत पूरा कर चुकी है. 8 जून 2015 को पलामू के सतबरवा थाना क्षेत्र के बकोरिया के भलुवही घाटी में कथित मुठभेड़ में माओवादियों के टॉप कमांडर अनुराग उर्फ आरके समेत 12 लोगों की जान गई थी. सीबीआई की टीम फिलहाल कागजातों का निबटारा कर रही है. उसके बाद घटनास्थल का जायजा लेगी और उससे जुड़े हुए महत्वपूर्ण लोगों से पूछताछ करेगी. सीबीआई की टीम अब तक मामले में झारखंड के तत्कालीन डीजीपी, आईजी, डीआइजी, एसपी, मीडिया समेत 500 से भी अधिक लोगो के बयान को कलमबद्ध कर चुकी है.
सीबीआई कर रही चार्जशीट की तैयारी: मिली जानकारी के अनुसार कथित बकोरिया मुठभेड़ के मामले में सीबीआई चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी कर रही है. सीबीआई ने जांच को लेकर कागजी प्रक्रिया को तेज कर दिया है. पूरी जांच रिपोर्ट सीबीआई के प्रॉसीक्यूशन डायरेक्टर को भेजी जानी है, प्रॉसीक्यूशन डायरेक्टर के मंतव्य और संसोधन के बाद सीबीआई पूरे मामले में चार्जशीट दाखिल करेगी.
वीडियो फोटो का हो रहा अनुसंधान: सीबीआई लगभग चार वर्षों से कथित बकोरिया मुठभेड़ की जांच कर रही है. मिली जानकारी के अनुसार सीबीआई पुलिस और सुरक्षा से जुड़े कई अधिकारियों के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल करेगी. 8 जून 2015 को भलूवही घाटी में मारे गए सभी 12 शवों का वीडियो फोटो वायरल हुआ था. उस दौरान सीआरपीएफ समेत अन्य जवानों ने शवों की वास्तविक स्थिति का फोटो खींचा था. सीबीआई ने सीआरपीएफ और अन्य जवानों के मोबाइल से सारे फोटो रिकवर कर लिए हैं और उसकी जांच हो रही है.