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31 दिसंबर तक 10 वर्षो से लंबित मुकदमों के अनुसंधान पूरे नहीं हुए तो नपेंगे थानेदार और अनुसंधानकर्ता, गाइडलाइन जारी - पलामू न्यूज

पलामू प्रमंडल में 31 दिसंबर तक 10 वर्षो से लंबित मुकदमों (Cases pending for 10 years in Palamu Division) के अनुसंधान पूरे नहीं हुए तो थानेदार और अनुसंधानकर्ता पर कार्रवाई होगी. झारखंड पुलिस मुख्यालय और डीआईजी स्तर से गाइडलाइन जारी किए गए हैं.

Cases pending for 10 years in Palamu Division
Cases pending for 10 years in Palamu Division
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Published : Nov 8, 2022, 9:50 PM IST

पलामू: 31 दिसंबर तक 10 वर्षों से अधिक समय से लंबित मुकदमों (Cases pending for 10 years in Palamu Division) के अनुसंधान पूरे नहीं हुए तो संबंधित क्षेत्र के थानेदार अनुसंधानकर्ता नप जाएंगे. 10 वर्षों से अधिक समय से लंबित मुकदमे के अनुसंधान के लिए एडीजी अभियान संजय आनंद लाटकर मंगलवार को पलामू दौरे पर आने वाले थे, लेकिन वे पलामू नहीं पंहुचे. 10 वर्षों से अधिक समय से लंबित मुकदमों के अनुसंधान के लिए झारखंड पुलिस मुख्यालय (Jharkhand Police Headquarters) और डीआईजी स्तर से गाइडलाइन जारी किए गए हैं.

31 दिसंबर तक लंबित मुकदमों का अनुसंधान पूरा नहीं होने पर संबंधित क्षेत्र के थानेदार और अनुसंधानकर्ता के खिलाफ कार्यवाही होगी. पलामू प्रमंडल में 87 मुकदमे पिछले 10 वर्षों से अधिक समय से लंबित हैं. पलामू प्रमंडल के पलामू, गढ़वा और लातेहार में मुकदमों का अनुसंधान लंबे समय से लंबित है. अधिकतर मामले सरकारी योजना में गबन और नक्सल हिंसा से जुड़े हुए हैं.


कई मुकदमे पोटा कानून से जुड़े हुए हैं, जबकि पोटा कानून कब का खत्म हो गया है. सभी 87 मामले सरकार और जिला प्रशासन द्वारा अभियोजन नहीं मिलने के कारण लंबित हैं. 87 मामलों में 53 ऐसे मामले हैं जो सरकारी योजना की राशि गबन के हैं. जबकि 30 से अधिक नक्सल हिंसा से जुड़े हुए मामले हैं. आधा दर्जन के करीब ऐसे मामले हैं जो सीआईडी को ट्रांसफर होना है या हो गया. पुलिस के वरीय अधिकारियों द्वारा समीक्षा में पाया गया है कि सरकारी योजना के गबन संबधी मामले में संबंधित विभाग द्वारा आरोपी अधिकारियों के नाम पता सत्यापित नहीं किए गए हैं. मामले में पुलिस ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन पुलिस यूनिट का भी गठन किया है. इसके माध्यम से भी कई मुकदमों के अनुसंधान में तेजी लाई जा रही है.

पलामू: 31 दिसंबर तक 10 वर्षों से अधिक समय से लंबित मुकदमों (Cases pending for 10 years in Palamu Division) के अनुसंधान पूरे नहीं हुए तो संबंधित क्षेत्र के थानेदार अनुसंधानकर्ता नप जाएंगे. 10 वर्षों से अधिक समय से लंबित मुकदमे के अनुसंधान के लिए एडीजी अभियान संजय आनंद लाटकर मंगलवार को पलामू दौरे पर आने वाले थे, लेकिन वे पलामू नहीं पंहुचे. 10 वर्षों से अधिक समय से लंबित मुकदमों के अनुसंधान के लिए झारखंड पुलिस मुख्यालय (Jharkhand Police Headquarters) और डीआईजी स्तर से गाइडलाइन जारी किए गए हैं.

31 दिसंबर तक लंबित मुकदमों का अनुसंधान पूरा नहीं होने पर संबंधित क्षेत्र के थानेदार और अनुसंधानकर्ता के खिलाफ कार्यवाही होगी. पलामू प्रमंडल में 87 मुकदमे पिछले 10 वर्षों से अधिक समय से लंबित हैं. पलामू प्रमंडल के पलामू, गढ़वा और लातेहार में मुकदमों का अनुसंधान लंबे समय से लंबित है. अधिकतर मामले सरकारी योजना में गबन और नक्सल हिंसा से जुड़े हुए हैं.


कई मुकदमे पोटा कानून से जुड़े हुए हैं, जबकि पोटा कानून कब का खत्म हो गया है. सभी 87 मामले सरकार और जिला प्रशासन द्वारा अभियोजन नहीं मिलने के कारण लंबित हैं. 87 मामलों में 53 ऐसे मामले हैं जो सरकारी योजना की राशि गबन के हैं. जबकि 30 से अधिक नक्सल हिंसा से जुड़े हुए मामले हैं. आधा दर्जन के करीब ऐसे मामले हैं जो सीआईडी को ट्रांसफर होना है या हो गया. पुलिस के वरीय अधिकारियों द्वारा समीक्षा में पाया गया है कि सरकारी योजना के गबन संबधी मामले में संबंधित विभाग द्वारा आरोपी अधिकारियों के नाम पता सत्यापित नहीं किए गए हैं. मामले में पुलिस ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन पुलिस यूनिट का भी गठन किया है. इसके माध्यम से भी कई मुकदमों के अनुसंधान में तेजी लाई जा रही है.

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