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नक्सलियों को वोट से चोट, धमकी के बाद भी जनता जनार्दन ने किया बंपर मतदान - पंचायत चुनाव 2022

पंचायत चुनाव 2022 के पहले चरण में मतदान के लिए लोगों में उत्साह का माहौल रहा. माओवादियों के गढ़ माने जाने वाले इलाकों में नक्सलियों की धमकी को दरकिनार कर भी लोगों ने लोकतंत्र के पर्व में अपनी आहुति डाली और बंपर मतदान कर नक्सलियों को वोट से चोट पहुंचाई.

Bumper voting in Naxal affected areas of Palamu
नक्सलियों को वोट से चोट
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Published : May 14, 2022, 10:07 PM IST

Updated : May 14, 2022, 10:22 PM IST

पलामूः पंचायत चुनाव 2022 के पहले चरण में मतदान के लिए लोगों में उत्साह का माहौल रहा. नक्सलियों के गढ़ में भी बुलेट पर बैलेट की चोट पड़ी है. पलामू में पहले चरण में माओवादियों के गढ़ माने जाने वाले हुसैनाबाद के महुदण्ड, पिपरा, हरिहरगंज के इलाके में बूथों पर लंबी कतार लगी. सुबह 10 बजे तक अधिकतर मतदान केंद्रों पर 30 प्रतिशत से अधिक वोटिंग हो चुकी थी, जबकि झारखंड के विभिन्न इलाकों में नक्सलियो ने पोस्टर चिपका कर बहिष्कार की धमकी भी दी थी. लेकिन नक्सलियों की इस धमकी का पलामू में कोई असर नहीं देखा गया.

ये भी पड़ें-ईटीवी भारत से बोले राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव, सभी जिलों में शांतिपूर्ण ढंग से हो रहा है मतदान

पलामू के हुसैनाबाद के संडा बूथ पर एक महिला ने बताया कि लोकतंत्र का यह महापर्व है, एक बार वोट देने के बाद वे पांच वर्ष इंतजार करते हैं. पांच वर्ष में एक बार वोट के लिए बाहर निकलना ही चाहिए. अतिनक्सल प्रभावित इलाके महुदण्ड में सुरेश यादव ने बताया कि इलाके में कभी नक्सलियों का खौफ था लेकिन अब काफी बदलाव हो चुका है. गांव की सरकार बनाने में ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर भागीदारी की.

देखें पूरी खबर
पहले वोट देने नहीं निकलते थे लोगः नक्सलियों के खौफ के कारण किसी जमाने में लोग वोटिंग के लिए सामने नहीं आते थे, लेकिन अब ऐसा माहौल नहीं है. इस इलाके में 2018-19 में इलाके में पिकेट की स्थापना हुई थी. पिकेट की स्थापना के बाद इलाके में बड़ा बदलाव हुआ है. पलामू के नक्सल प्रभावित इलाके महुदण्ड, सलैया , लंगुराही, केमो प्रतापपुर, पिपरा के इलाके में 70 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ है.

पुलिस की तैनाती से बढ़ा भरोसाः पलामू अभियान एसपी बृजेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि यह सुखद एहसास है कि इलाके में बड़ा बदलाव हुआ है और लोग वोटिंग के लिए घरों से बाहर निकल रहे हैं. उन्होंने बताया कि कई इलाकों में बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है, जिस कारण लोगों में उत्साह काफी बढ़ा है.

पलामूः पंचायत चुनाव 2022 के पहले चरण में मतदान के लिए लोगों में उत्साह का माहौल रहा. नक्सलियों के गढ़ में भी बुलेट पर बैलेट की चोट पड़ी है. पलामू में पहले चरण में माओवादियों के गढ़ माने जाने वाले हुसैनाबाद के महुदण्ड, पिपरा, हरिहरगंज के इलाके में बूथों पर लंबी कतार लगी. सुबह 10 बजे तक अधिकतर मतदान केंद्रों पर 30 प्रतिशत से अधिक वोटिंग हो चुकी थी, जबकि झारखंड के विभिन्न इलाकों में नक्सलियो ने पोस्टर चिपका कर बहिष्कार की धमकी भी दी थी. लेकिन नक्सलियों की इस धमकी का पलामू में कोई असर नहीं देखा गया.

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पलामू के हुसैनाबाद के संडा बूथ पर एक महिला ने बताया कि लोकतंत्र का यह महापर्व है, एक बार वोट देने के बाद वे पांच वर्ष इंतजार करते हैं. पांच वर्ष में एक बार वोट के लिए बाहर निकलना ही चाहिए. अतिनक्सल प्रभावित इलाके महुदण्ड में सुरेश यादव ने बताया कि इलाके में कभी नक्सलियों का खौफ था लेकिन अब काफी बदलाव हो चुका है. गांव की सरकार बनाने में ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर भागीदारी की.

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पहले वोट देने नहीं निकलते थे लोगः नक्सलियों के खौफ के कारण किसी जमाने में लोग वोटिंग के लिए सामने नहीं आते थे, लेकिन अब ऐसा माहौल नहीं है. इस इलाके में 2018-19 में इलाके में पिकेट की स्थापना हुई थी. पिकेट की स्थापना के बाद इलाके में बड़ा बदलाव हुआ है. पलामू के नक्सल प्रभावित इलाके महुदण्ड, सलैया , लंगुराही, केमो प्रतापपुर, पिपरा के इलाके में 70 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ है.

पुलिस की तैनाती से बढ़ा भरोसाः पलामू अभियान एसपी बृजेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि यह सुखद एहसास है कि इलाके में बड़ा बदलाव हुआ है और लोग वोटिंग के लिए घरों से बाहर निकल रहे हैं. उन्होंने बताया कि कई इलाकों में बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है, जिस कारण लोगों में उत्साह काफी बढ़ा है.

Last Updated : May 14, 2022, 10:22 PM IST
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