पलामूः पंचायत चुनाव 2022 के पहले चरण में मतदान के लिए लोगों में उत्साह का माहौल रहा. नक्सलियों के गढ़ में भी बुलेट पर बैलेट की चोट पड़ी है. पलामू में पहले चरण में माओवादियों के गढ़ माने जाने वाले हुसैनाबाद के महुदण्ड, पिपरा, हरिहरगंज के इलाके में बूथों पर लंबी कतार लगी. सुबह 10 बजे तक अधिकतर मतदान केंद्रों पर 30 प्रतिशत से अधिक वोटिंग हो चुकी थी, जबकि झारखंड के विभिन्न इलाकों में नक्सलियो ने पोस्टर चिपका कर बहिष्कार की धमकी भी दी थी. लेकिन नक्सलियों की इस धमकी का पलामू में कोई असर नहीं देखा गया.
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पलामू के हुसैनाबाद के संडा बूथ पर एक महिला ने बताया कि लोकतंत्र का यह महापर्व है, एक बार वोट देने के बाद वे पांच वर्ष इंतजार करते हैं. पांच वर्ष में एक बार वोट के लिए बाहर निकलना ही चाहिए. अतिनक्सल प्रभावित इलाके महुदण्ड में सुरेश यादव ने बताया कि इलाके में कभी नक्सलियों का खौफ था लेकिन अब काफी बदलाव हो चुका है. गांव की सरकार बनाने में ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर भागीदारी की.
पुलिस की तैनाती से बढ़ा भरोसाः पलामू अभियान एसपी बृजेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि यह सुखद एहसास है कि इलाके में बड़ा बदलाव हुआ है और लोग वोटिंग के लिए घरों से बाहर निकल रहे हैं. उन्होंने बताया कि कई इलाकों में बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है, जिस कारण लोगों में उत्साह काफी बढ़ा है.