पलामूः प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी को बड़ा झटका लगा है. माओवादियों के बूढ़ापहाड़ इंचार्ज सौरव उर्फ मारकस बाबा ने आत्मसमर्पण कर दिया है. मारकस पर झारखंड सरकार ने 25 लाख रुपए का इनाम रखा था. मिली जानकारी के अनुसार मारकस बाबा ने झारखंड-बिहार सीमा पर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के समक्ष हथियार डाला है. सुरक्षा एजेंसियां, पुलिस और सुरक्षाबल के टॉप अधिकारी मारकस बाबा को अज्ञात स्थान पर रख कर पूछताछ कर रहे हैं. हालांकि पुलिस अधिकारी ने मामले में फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं की है.
ऑक्टोपस अभियान के बाद बूढ़ापहाड़ से भागा था मारकसः दरअसल, मारकस बाबा उर्फ सौरव बिहार के औरंगाबाद के कुटुंबा के इलाके का रहने वाला है. वर्ष 2021 में माओवादियों ने मारकस बाबा को अपने यूनिफाइड कमांड का इंचार्ज बनाया था. सितंबर 2022 में बूढ़ापहाड़ के इलाके में अभियान ऑक्टोपस शुरू हुआ तो मारकस बाबा वहां से भाग कर दूसरे स्थान पर चला गया था. कुछ दिनों पहले यह खबर आई थी कि मारकास बाबा बीमार है और बिहार के इलाके में भागने के फिराक में है. जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने इलाके में हाई अलर्ट जारी किया था.
25 लाख का इनामी नक्सली है मारकसः मारकस माओवादियों का सेंट्रल कमेटी सदस्य है और झारखंड की सरकार ने उस पर 25 लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा है. 2021 में माओवादियों का सेंट्रल कमेटी सदस्य मिथिलेश मेहता को गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद से मारकास बाबा को बूढ़ापहाड़ का इंचार्ज बनाया गया था. बूढ़ापहाड़ से मारकस के साथ नीरज खरवार, छोटू खरवार, मृत्युंजय भुइयां आदि टॉप नक्सली निकल कर भागे थे. बूढ़ापहाड़ से निकल कर मारकस लातेहार-गुमला सीमावर्ती इलाके में सक्रिय था. मारकास के पिता माओवादियों के संस्थापक सदस्य रहे हैं. मारकास पर झारखंड और बिहार में 50 से अधिक नक्सल हमले को अंजाम देने का आरोप है. 2015-16 में जेल से बाहर निकलने के बाद मारकास बूढ़ापहाड़ के इलाके में सक्रिय था.