पलामूः झारखंड छत्तीसगढ़ सीमा पर बूढ़ापहाड़ के थलीया और तिसीया इलाके में विस्फोट से गुरुवार देर रात इलाका दहल उठा. जिस इलाके में विस्फोट हुआ है वह गढ़वा, लातेहार और छत्तीसगढ़ सीमा का पिनपॉइंट है. Budha pahad Thalia and Tisia blast के बाद से स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है. सुरक्षा बलों की ओर से सघन जांच अभियान चलाया जा रहा है.
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बूढ़ा पहाड़ के इलाके में 2018 के बाद माओवादियों के खिलाफ गुरुवार से मैराथन जांच अभियान शुरू किया गया है. इसी अभियान के क्रम में गुरुवार देर रात बूढ़ापहाड़ के इलाके में विस्फोट की घटना हुई. इलाका दुरूह होने के कारण यह पता नहीं चल पाया है कि विस्फोट माओवादियों ने किया है या माओवादियों द्वारा लगाए गए लैंड माइंस को सुरक्षाबलों ने नष्ट किया है.
एक टॉप सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि अभियान के क्रम में सुरक्षा बल सभी एसओपी का पालन कर रहे हैं, विस्फोट हुआ है लेकिन वे अभी कुछ बताने की स्थिति में नहीं है. बूढ़ापहाड़ के इलाके में माओवादियों के खिलाफ अभियान का शुक्रवार को दूसरा दिन है. बूढ़ा पहाड़ इलाके में अभियान के लिए सुरक्षा बलों की 40 से अधिक कंपनियों को तैनात किया गया है.
अरसे बाद तीन दिवसीय अभियानः बता दें कि बूढ़ा पहाड़ करीब 52 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. इसकी सीमा झारखण्ड के लातेहार, गढ़वा और छत्तीसगढ़ के बलरामपुर से सटी है, जो माओवादियों का सुरक्षित ठिकाना रहा है. बूढ़ापहाड़ को माओवादियों से मुक्त कराना बड़ी चुनौती है. 2018 में अभियान के क्रम में सुरक्षा बलों को नुकसान हुआ था और छह जवान शहीद हुए थे.
2018 के बाद बूढ़ा पहाड़ के इलाके में तीन दिनों का पहली बार अभियान शुरू किया गया है. इस अभियान में कोबरा, जगुआर एसाल्ट ग्रुप, सीआरपीएफ, जैप, आईआरबी को तैनात किया गया है. सीआरपीएफ जैप और आईआरबी ने इलाके में घेराबंदी की है, जबकि कोबरा और जगुआर माओवादियों के खिलाफ स्ट्राइक कर रहीं हैं.
फिलहाल बूढ़ा पहाड़ के इलाके में 25 लाख के इनामी माओवादी सौरव उर्फ मरकस बाबा के नेतृत्व में माओवादी 30 से 35 की संख्या में कैम्प कर रहे हैं. बूढ़ा पहाड़ के इलाके में नवीन यादव , रबिन्द्र गांझू, मृत्युंजय भुइयां, संतु भुईयां जैसे टॉप माओवादी सक्रिय हैं.