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स्वास्थ्य व्यवस्था पर दलालों का कब्जा, जिला प्रशासन की कार्रवाई शुरु - पलामू में सात क्लिनिक सील

पलामू में सरकारी तंत्र के सामानांतर दलाल काम कर रहे हैं. जिले के स्वास्थ्य विभाग में दलालों का दबदबा है. स्वास्थ्य व्यवस्था के इस नेटवर्क में कई सरकारी डॉक्टर भी शामिल हैं. पीएमसीएच के आस पास सरकारी डॉक्टर निजी क्लीनिक चला रहे हैं. प्रशासन ने ऐसे सात क्लिनिक पर कार्रवाई करते हुए सील कर दिया है.

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स्वास्थ्य व्यवस्था में दलालों का कब्जा
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Published : Oct 3, 2020, 4:50 AM IST

पलामू: जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था में दलालों का बोलबाला है. सरकारी तंत्र के सामानांतर दलाल काम कर रहे हैं. जिला प्रशासन के कार्रवाई के बाद परत दर परत दलालों के नेटवर्क का खुलासा हो रहा है. स्वास्थ्य व्यवस्था के इस नेटवर्क में सरकारी डॉक्टर, एमआर, दवा दुकान शामिल है. ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात डॉक्टर पलामू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल (PMCH) के अगल बगल निजी क्लिनिक का संचालन करते हैं. अब तक ऐसे सात क्लिनिक सील किए गए हैं, जबकि एक को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. PMCH के 500 मीटर के दायरे में दवा दुकान में भी निजी क्लिनिक चल रहा है और उसमें सरकारी डॉक्टर बैठ रहे हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी
तरस जाते हैं इलाज के लिए मरीज पलामू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल की स्थापना का एक साल से अधिक समय बीत चुका है. PMCH बनने के बाद पलामू के लोगों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की उम्मीद जगी थी, लेकिन यह उम्मीद निराशा में बदल गई है. जिले के अति नक्सल प्रभावित इलाका पांडु से अपने बेटे का पेट दर्द का इलाज करवाने आए जितेंद्र सोनी ने बताया कि डाक्टरों ने उन्हें बाहर से दवा लेने की सलाह दी है और एक अल्ट्रासाउंड करवाने को कहा है. मेदिनीनगर के रमेश अग्रवाल बताते हैं कि PMCH में दलाल हावी है, मरीज और उसके परिजन सोच समझ कर नहीं चले तो इलाज के नाम पर उन्हें लूट लिया जाएगा. पूर्व जिला परिषद सदस्य निर्मला कुमारी बताती हैं कि PMCH में इलाज के नाम पर मरीजों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, दलाल हावी है, डॉक्टर कुछ ही घंटे अस्पतालों में बैठ रहे हैं.इसे भी पढे़ं:- पलामू में मौजूद है अफ्रीकन प्रजाति के तीन दुर्लभ इमली के पेड़, आसपास पेयजल की नहीं है समस्या


PMCH में प्रतिदिन 600 से 700 मरीज पंहुचते हैं
PMCH को रेफरल असपताल का दर्जा प्राप्त है. यहां पलामू, गढ़वा, लातेहार के साथ-साथ छत्तीसगढ़ से भी मरीज इलाज के लिए पंहुचते हैं. आम तौर पर ओपीडी में 600 से 700 मरीजों का इलाज होता है. PMCH के बाहर डेढ़ दर्जन के करीब निजी क्लिनिक हैं. वहीं दवा दूकानों में डॉक्टर प्रैक्टिस करते हैं. अस्पताल में आने वाले मरीज ही दलालों के चंगुल में आकर निजी क्लिनिक तक जाते हैं. पलामू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल के अधीक्षक केएन सिंह बताते हैं करवाई शुरू की है, दलालों के खिलाफ एफआईआर होगा. उन्होंने बताया कि PMCH के 500 मीटर की परिधि में किसी भी प्रकार के निजी क्लिनिक का संचालन नहीं किया जाना है.

व्यवस्था में सुधार के लिए शुरू हुआ है बड़ा ड्राइव
पलामू में स्वास्थ्य व्यवस्था में सक्रिय दलालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए बड़ा ड्राइव शुरू हुआ है. पलामू के डीसी शशिरंजन के निर्देश पर आईएएस दिलीप सिंह शेखावत कार्रवाई कर रहे हैं. ईटीवी भारत को उन्होंने बताया कि PMCH के अगल बगल समानांतर स्वास्थ्य व्यवस्था कायम था, जिनके खिलाफ कार्रवाई जरूरी है, आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी.

पलामू: जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था में दलालों का बोलबाला है. सरकारी तंत्र के सामानांतर दलाल काम कर रहे हैं. जिला प्रशासन के कार्रवाई के बाद परत दर परत दलालों के नेटवर्क का खुलासा हो रहा है. स्वास्थ्य व्यवस्था के इस नेटवर्क में सरकारी डॉक्टर, एमआर, दवा दुकान शामिल है. ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात डॉक्टर पलामू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल (PMCH) के अगल बगल निजी क्लिनिक का संचालन करते हैं. अब तक ऐसे सात क्लिनिक सील किए गए हैं, जबकि एक को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. PMCH के 500 मीटर के दायरे में दवा दुकान में भी निजी क्लिनिक चल रहा है और उसमें सरकारी डॉक्टर बैठ रहे हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी
तरस जाते हैं इलाज के लिए मरीज पलामू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल की स्थापना का एक साल से अधिक समय बीत चुका है. PMCH बनने के बाद पलामू के लोगों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की उम्मीद जगी थी, लेकिन यह उम्मीद निराशा में बदल गई है. जिले के अति नक्सल प्रभावित इलाका पांडु से अपने बेटे का पेट दर्द का इलाज करवाने आए जितेंद्र सोनी ने बताया कि डाक्टरों ने उन्हें बाहर से दवा लेने की सलाह दी है और एक अल्ट्रासाउंड करवाने को कहा है. मेदिनीनगर के रमेश अग्रवाल बताते हैं कि PMCH में दलाल हावी है, मरीज और उसके परिजन सोच समझ कर नहीं चले तो इलाज के नाम पर उन्हें लूट लिया जाएगा. पूर्व जिला परिषद सदस्य निर्मला कुमारी बताती हैं कि PMCH में इलाज के नाम पर मरीजों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, दलाल हावी है, डॉक्टर कुछ ही घंटे अस्पतालों में बैठ रहे हैं.इसे भी पढे़ं:- पलामू में मौजूद है अफ्रीकन प्रजाति के तीन दुर्लभ इमली के पेड़, आसपास पेयजल की नहीं है समस्या


PMCH में प्रतिदिन 600 से 700 मरीज पंहुचते हैं
PMCH को रेफरल असपताल का दर्जा प्राप्त है. यहां पलामू, गढ़वा, लातेहार के साथ-साथ छत्तीसगढ़ से भी मरीज इलाज के लिए पंहुचते हैं. आम तौर पर ओपीडी में 600 से 700 मरीजों का इलाज होता है. PMCH के बाहर डेढ़ दर्जन के करीब निजी क्लिनिक हैं. वहीं दवा दूकानों में डॉक्टर प्रैक्टिस करते हैं. अस्पताल में आने वाले मरीज ही दलालों के चंगुल में आकर निजी क्लिनिक तक जाते हैं. पलामू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल के अधीक्षक केएन सिंह बताते हैं करवाई शुरू की है, दलालों के खिलाफ एफआईआर होगा. उन्होंने बताया कि PMCH के 500 मीटर की परिधि में किसी भी प्रकार के निजी क्लिनिक का संचालन नहीं किया जाना है.

व्यवस्था में सुधार के लिए शुरू हुआ है बड़ा ड्राइव
पलामू में स्वास्थ्य व्यवस्था में सक्रिय दलालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए बड़ा ड्राइव शुरू हुआ है. पलामू के डीसी शशिरंजन के निर्देश पर आईएएस दिलीप सिंह शेखावत कार्रवाई कर रहे हैं. ईटीवी भारत को उन्होंने बताया कि PMCH के अगल बगल समानांतर स्वास्थ्य व्यवस्था कायम था, जिनके खिलाफ कार्रवाई जरूरी है, आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी.

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