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पलामू से चोरी बाइक का शराब तस्करी में इस्तेमाल, पकड़े आरोपियों ने कहा माफिया को बेचते हैं चोरी की बाइक

पलामू में बाइक चोरी कर शराब माफिया को बेचने वाला गैंग सक्रिय है. इस गैंग के सदस्यों ने पूछताछ में यह खुलासा किया है. आरोपियों ने बताया कि वे बाइक चुराकर माफिया को बेचते थे.

liquor smuggling palamu
पलामू से चोरी बाइक
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Published : Jul 27, 2022, 5:22 PM IST

पलामूः झारखंड की शराब और बाइक, बिहार के अपराधियों की पसंद बन गई हैं. इसलिए शराब की तस्करी में माफिया इसका खूब इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके लिए बिहार के शराब माफिया सीमावर्ती इलाके में बाइक की चोरी करा रहे हैं. पलामू पुलिस ने दो दिनों पहले नाबालिगों के ऐसे ही गिरोह का भंडाफोड़ कर इसका खुलासा किया है. पुलिस ने आरोपियों के पास से चोरी की 09 बाइक बरामद की थी. यह सभी बाइक शराब माफिया को बेची जानी थी.

ये भी पढ़ें-चोरी में माहिर है बच्चों का ये गैंग, पलक झपकते ही बाइक कर देते थे गायब, गिरोह के चार सदस्य गिरफ्तार

पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि पुलिस को ऐसी जानकारी मिली है कि इन बाइक का इस्तेमाल शराब की तस्करी में किया जाना था, पुलिस सीमावर्ती इलाकों में नजर बनाए हुए है और ऐसे गिरोहों के खिलाफ अभियान चला रही है. एसपी ने बताया कि झारखंड बिहार सीमावर्ती इलाके में लगातार बाइक की चोरी घटना हो रही है. पिछले दो महीने में पलामू के हरिहरगंज, नौडीहा बाजार मनातू, हैदरनगर, मोहम्मदगंज, मेदिनीनगर टाउन, बिहार के इमामगंज डुमरिया अंबा कुटुंबा टंडवा नबीनगर के इलाके में 40 से अधिक बाइक की चोरी की एफआईआर दर्ज हुई है.

देखें पूरी खबर

पुलिस के मुताबिक गिरोह चोरी के लिए मास्टर की का इस्तेमाल करता है. लगातार बाइक की चोरी की घटना से सीमावर्ती के इलाके में रहने वाले लोग खौफ में. बाइक मालिक आशीकेष ने बताया कि जब से जानकारी मिली है कि बिहार के शराब माफिया बाइक को निशाना बना रहे हैं वह अलर्ट हो गए हैं. हालांकि उन्हें डर भी लगता है कि उनकी बाइक चोरी ना हो जाए. असरफ हसन ने बताया कि कहां बाइक खड़ा किया जाए यह उनकी समझ में नहीं आ रहा है.


एफआईआर से बचने के लिए शराब की तस्करी में चोरी की बाइक का हो रहा इस्तेमालः शराब माफिया तस्करी के लिए कई तरकीब अपना रहे हैं, चोरी के चार पहिया वाहनों के पकड़े जाने के बाद अब तस्करी लिए के बाइक का इस्तेमाल किया जा रहा है. पुलिस चेकिंग के दौरान शराब के साथ बाइक पकड़े जाने के बाद वास्तविक तस्कर की पहचान नहीं हो पाती है. पुलिस जब तस्कर की तलाश करती है तो पता चलता है कि पकड़ी गई बाइक चोरी की है. शराब के तस्कर चोरी के बाइक को छह से 10 हजार रुपये में खरीदते हैं और उसका इस्तेमाल करते हैं. शराब माफिया चोरी की बाइक की नंबर और उसका रंग बदल देते हैं.

पलामूः झारखंड की शराब और बाइक, बिहार के अपराधियों की पसंद बन गई हैं. इसलिए शराब की तस्करी में माफिया इसका खूब इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके लिए बिहार के शराब माफिया सीमावर्ती इलाके में बाइक की चोरी करा रहे हैं. पलामू पुलिस ने दो दिनों पहले नाबालिगों के ऐसे ही गिरोह का भंडाफोड़ कर इसका खुलासा किया है. पुलिस ने आरोपियों के पास से चोरी की 09 बाइक बरामद की थी. यह सभी बाइक शराब माफिया को बेची जानी थी.

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पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि पुलिस को ऐसी जानकारी मिली है कि इन बाइक का इस्तेमाल शराब की तस्करी में किया जाना था, पुलिस सीमावर्ती इलाकों में नजर बनाए हुए है और ऐसे गिरोहों के खिलाफ अभियान चला रही है. एसपी ने बताया कि झारखंड बिहार सीमावर्ती इलाके में लगातार बाइक की चोरी घटना हो रही है. पिछले दो महीने में पलामू के हरिहरगंज, नौडीहा बाजार मनातू, हैदरनगर, मोहम्मदगंज, मेदिनीनगर टाउन, बिहार के इमामगंज डुमरिया अंबा कुटुंबा टंडवा नबीनगर के इलाके में 40 से अधिक बाइक की चोरी की एफआईआर दर्ज हुई है.

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पुलिस के मुताबिक गिरोह चोरी के लिए मास्टर की का इस्तेमाल करता है. लगातार बाइक की चोरी की घटना से सीमावर्ती के इलाके में रहने वाले लोग खौफ में. बाइक मालिक आशीकेष ने बताया कि जब से जानकारी मिली है कि बिहार के शराब माफिया बाइक को निशाना बना रहे हैं वह अलर्ट हो गए हैं. हालांकि उन्हें डर भी लगता है कि उनकी बाइक चोरी ना हो जाए. असरफ हसन ने बताया कि कहां बाइक खड़ा किया जाए यह उनकी समझ में नहीं आ रहा है.


एफआईआर से बचने के लिए शराब की तस्करी में चोरी की बाइक का हो रहा इस्तेमालः शराब माफिया तस्करी के लिए कई तरकीब अपना रहे हैं, चोरी के चार पहिया वाहनों के पकड़े जाने के बाद अब तस्करी लिए के बाइक का इस्तेमाल किया जा रहा है. पुलिस चेकिंग के दौरान शराब के साथ बाइक पकड़े जाने के बाद वास्तविक तस्कर की पहचान नहीं हो पाती है. पुलिस जब तस्कर की तलाश करती है तो पता चलता है कि पकड़ी गई बाइक चोरी की है. शराब के तस्कर चोरी के बाइक को छह से 10 हजार रुपये में खरीदते हैं और उसका इस्तेमाल करते हैं. शराब माफिया चोरी की बाइक की नंबर और उसका रंग बदल देते हैं.

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